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Betting Racket Busted: सट्टेबाजों ने फर्जी नामों से कई बैंकों में खाते खोले, 1400 करोड़ का लेनदेन

अहमदाबाद क्राइम ब्रांच (Ahmedabad crime branch) को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. क्राइम ब्रांच ने क्रिकेट सट्टे का सबसे बड़ा मामला पकड़ा है. जिसमें खुलासा हुआ है कि सट्टे का हिसाब 100-200 नहीं, बल्कि हजारों करोड़ों में है. इसमें दुबई तक का कनेक्शन सामने आया है.

Deputy Commissioner of Police Chaitanya Mandlik
पुलिस उपायुक्त चैतन्य मांडलिक
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Published : Feb 4, 2023, 9:16 PM IST

अहमदाबाद : अहमदाबाद डिटेक्शन क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जहां सट्टेबाजों ने फर्जी नामों से कई बैंकों में खाते खोले और 1400 करोड़ रुपये का लेनदेन किया.

पुलिस उपायुक्त चैतन्य मांडलिक (Deputy Commissioner of Police Chaitanya Mandlik) ने मीडिया को बताया कि, पुलिस को पता चला था कि आकाश की अनुमति के बिना इंडसइंड बैंक की ओधव शाखा में आकाश ओझा के नाम से एक बैंक खाता खोला गया था. उसके पहचान पत्रों का इस्तेमाल किया गया था और उसके हस्ताक्षर जाली थे. इस बैंक खाते से अप्रैल 2022 से जुलाई 2022 के बीच 170 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था.

जांच में पता चला कि मेहुल पुजारा नाम के एक बुकी ने श्री शक्ति एंटरप्राइज, नोवा एंटरप्राइज और कई अन्य फर्मों के नाम से कई ऐसे बैंक खाते खोले थे, जिनसे कम से कम 1414 करोड़ रुपये के खातों का लेन-देन किया गया था.

जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि आरोपियों में से एक आशिक उर्फ रवि पटेल उस समय संपर्क में आया था जब उसने और एक अन्य आरोपी कर्मेश पटेल ने आकाश के लिए बैंक से कर्ज लेने के लिए उसके निजी दस्तावेज लिए थे. उन दस्तावेजों का इस्तेमाल रवि, कर्मेश, राकेश राजदेव, खन्नाजी और हरिकृष्ण पटेल ने कई बैंक खाते खोलने के लिए किया था, जिनका इस्तेमाल सट्टा के पैसे के भुगतान के लिए दुबई में पैसे ट्रांसफर करने के लिए किया गया था.

पुलिस उपायुक्त चैतन्य मांडलिक ने बताया कि इस पूरे मामले में क्राइम ब्रांच ने एलओसी यानी लुकआउट सर्कुलर नोटिस प्रकाशित करने की भी तैयारी कर ली है. अहम बात यह है कि प्रारंभिक जांच में इस पूरे मामले में 5 लोगों के नाम सामने आए हैं. आरोपी भारत से बाहर दुबई जैसे देश में आलीशान जिंदगी जीने वाले और करोड़ों रुपए विदेश में ट्रांसफर करने वाले हैं. इस पूरे मामले में सटोरियों द्वारा नकद रकम के लेन-देन के लिए एक खास तरह के कोड वर्ड का इस्तेमाल किया, जिसमें अलग-अलग देवी-देवताओं के नाम रखा गया.

अहमदाबाद सिटी क्राइम ब्रांच के डीसीपी चैतन्य मंडलिक ने कहा कि, 'हमें राकेश राजदेव उर्फ ​​आरआर और टॉमी उंझा के 11 बैंक खातों के जरिए किए गए 1,400 करोड़ रुपये का हिसाब मिला है. अब दुबई में फर्जी नामों से बनाए गए हवाला और बैंक खातों का ब्योरा सामने आया है. उसके खिलाफ एलओसी घोषित करने के प्रयास भी शुरू कर दिए गए हैं. बहुत मुमकिन है कि जांच में यह रकम तीन गुना बढ़ जाए. लिहाजा इस मामले में मिले सभी बैंक खातों की डिटेल हासिल कर ली गई है और आगे की जांच एफएसएल से कराई गई है.'

पढ़ें- गुजरात में फर्जी टी20 क्रिकेट लीग : रूस के सट्टेबाजों से सट्टा लगवाने के लिए कराए मैच, चार गिरफ्तार

अहमदाबाद : अहमदाबाद डिटेक्शन क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जहां सट्टेबाजों ने फर्जी नामों से कई बैंकों में खाते खोले और 1400 करोड़ रुपये का लेनदेन किया.

पुलिस उपायुक्त चैतन्य मांडलिक (Deputy Commissioner of Police Chaitanya Mandlik) ने मीडिया को बताया कि, पुलिस को पता चला था कि आकाश की अनुमति के बिना इंडसइंड बैंक की ओधव शाखा में आकाश ओझा के नाम से एक बैंक खाता खोला गया था. उसके पहचान पत्रों का इस्तेमाल किया गया था और उसके हस्ताक्षर जाली थे. इस बैंक खाते से अप्रैल 2022 से जुलाई 2022 के बीच 170 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था.

जांच में पता चला कि मेहुल पुजारा नाम के एक बुकी ने श्री शक्ति एंटरप्राइज, नोवा एंटरप्राइज और कई अन्य फर्मों के नाम से कई ऐसे बैंक खाते खोले थे, जिनसे कम से कम 1414 करोड़ रुपये के खातों का लेन-देन किया गया था.

जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि आरोपियों में से एक आशिक उर्फ रवि पटेल उस समय संपर्क में आया था जब उसने और एक अन्य आरोपी कर्मेश पटेल ने आकाश के लिए बैंक से कर्ज लेने के लिए उसके निजी दस्तावेज लिए थे. उन दस्तावेजों का इस्तेमाल रवि, कर्मेश, राकेश राजदेव, खन्नाजी और हरिकृष्ण पटेल ने कई बैंक खाते खोलने के लिए किया था, जिनका इस्तेमाल सट्टा के पैसे के भुगतान के लिए दुबई में पैसे ट्रांसफर करने के लिए किया गया था.

पुलिस उपायुक्त चैतन्य मांडलिक ने बताया कि इस पूरे मामले में क्राइम ब्रांच ने एलओसी यानी लुकआउट सर्कुलर नोटिस प्रकाशित करने की भी तैयारी कर ली है. अहम बात यह है कि प्रारंभिक जांच में इस पूरे मामले में 5 लोगों के नाम सामने आए हैं. आरोपी भारत से बाहर दुबई जैसे देश में आलीशान जिंदगी जीने वाले और करोड़ों रुपए विदेश में ट्रांसफर करने वाले हैं. इस पूरे मामले में सटोरियों द्वारा नकद रकम के लेन-देन के लिए एक खास तरह के कोड वर्ड का इस्तेमाल किया, जिसमें अलग-अलग देवी-देवताओं के नाम रखा गया.

अहमदाबाद सिटी क्राइम ब्रांच के डीसीपी चैतन्य मंडलिक ने कहा कि, 'हमें राकेश राजदेव उर्फ ​​आरआर और टॉमी उंझा के 11 बैंक खातों के जरिए किए गए 1,400 करोड़ रुपये का हिसाब मिला है. अब दुबई में फर्जी नामों से बनाए गए हवाला और बैंक खातों का ब्योरा सामने आया है. उसके खिलाफ एलओसी घोषित करने के प्रयास भी शुरू कर दिए गए हैं. बहुत मुमकिन है कि जांच में यह रकम तीन गुना बढ़ जाए. लिहाजा इस मामले में मिले सभी बैंक खातों की डिटेल हासिल कर ली गई है और आगे की जांच एफएसएल से कराई गई है.'

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