नई दिल्ली : सरकार और किसान संगठनों के बीच 10वें दौर की वार्ता अब समाप्त हो गई है. बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज का दिन आंदोलन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण था. गुरु गोविंद सिंह जी का स्मरण कर के हमने बैठक शुरू की और प्रयास किया कि कोई न कोई फैसला हो जाए.
बिंदुवार पढ़ें तोमर की बातें-
- किसान संगठन परंपरागत रूप से कानून रद्द करने की मांग पर कायम रहे.
- सरकार खुले हृदय और बड़े मन से कानून के प्रावधानों में संशोधन के लिए तैयार रही.
- नरम और गरम चर्चा होती रही, कई दौर की चर्चा हुई
- आज का दिन गुरु गोविंद सिंह की जयंती है, सरकार की इच्छा थी कि किसी भी तरह समाधान निकले.
- सरकार ने इस बात की पूरी कोशिश की कि किसानों के मन में सरकार हर विषय पर विचार के लिए तैयार है, यह विश्वास उनके मन में जाग पाए.
- सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों को स्थगित किया है, क्रियान्वयन नहीं हो सकेगा.
- कानूनों पर, आंदोलन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विचार करना है तो निश्चित रूप से समय चाहिए.
- यह समय छह माह, एक साल, 18 महीने कुछ भी हो सकता है.
- सरकार कानूनों के क्रियान्वयन को स्थगित करने के लिए सहमत है.
- इस दौरान सरकार किसानों के साथ मिलकर समस्याओं का हल खोजें.