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फ्लैट धोखाधड़ी मामला : 90% पेमेंट के बाद भी नहीं मिले फ्लैट, अब जान से मारने की मिल रही धमकी

उत्तर प्रदेश के आगरा में फ्लैट के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. 200 से अधिक लोगों ने फ्लैट के लिए 90 फीसद पेमेंट किया था, लेकिन उन्हें आज तक फ्लैट मिले. वहीं, अब पैसे वापस मांगने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है. बताया जा रहा है कि धोखाधड़ी करने वाली कंपनी नालंदा क्राउन के डायरेक्टर संतोष कटारा का संबंध भाजपा से है.

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फ्लैट धोखाधड़ी मामला
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Published : Apr 26, 2022, 9:54 AM IST

आगरा : फ्लैट के लिए 90 फीसद पेमेंट किए जाने के बावजूद आगरा के 200 से अधिक लोगों को आज तक न तो फ्लैट मिले और न ही रुपये. दरअसल, आगरा जिले में नालंदा क्राउन के निर्देशक राधेश्याम शर्मा, संतोष कटारा और शरद भदोरिया ने सैकड़ों लोगों से फ्लैट के नाम पर रुपये तो ले लिए, लेकिन आज 11 साल बीतने के बाद भी लोगों को उनका फ्लैट नहीं मिल सका. धोखाधड़ी के शिकार हुए लोगों ने बताया कि 2011 में नालंदा क्राउन में फ्लैट लेने को सभी ने फ्लैट की कीमत अदा की थी. 90% पेमेंट होने के बावजूद आज 11 साल होने को है, लेकिन उन्हें फ्लैट नहीं मिला.

आगरा में फ्लैट के नाम पर धोखाधड़ी

पीड़ितों ने बताया कि कई बार पुलिस थाने के चक्कर लगाने के बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद बीते बुधवार को पीड़ितों ने एडीएम सिटी से मुलाकात कर मांग की कि उन्हें या तो उनका पैसा वापस करा दिया जाए या फिर फ्लैट दिला दिया जाए. वहीं, पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए एडीएम सिटी ने जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

2011 में नालंदा क्राउन प्रोजेक्ट के तहत धोखाधड़ी का मामला सामने आया था. वहीं, पीड़ित राजेश भारद्वाज ने बताया कि नालंदा क्राउन के नाम से प्रोजेक्ट को डायरेक्टर राधेश्याम शर्मा, संतोष कटारा और शरद भदोरिया ने उन लोगों के सामने रखा था और उन्हें बताया गया कि शास्त्रीपुरम में यह कॉलोनी बनाई जाएगी. इतना ही नहीं उसने आगे कहा गया कि जानी-मानी कंपनी नालंदा क्राउन उन्हें अलग-अलग रेट्स में फ्लैट उपलब्ध कराएगी. जिसके लिए आपको पैसा अभी देना होगा और 2016 तक सभी को फ्लैट मिल जाएगा. लेकिन 2011 से 2022 यानी 11 साल बीतने के बाद भी किसी भी व्यक्ति को फ्लैट नहीं मिल सका है.

नालंदा क्राउन प्रोजेक्ट
नालंदा क्राउन प्रोजेक्ट

यह भी पढ़ें- दारोगा पर एक युवती ने लगाए गंभीर आरोप, कहाः शादी का झांसा देकर करता था बलात्कार

आज आलम यह है कि 200 से अधिक पीड़ित अपने पैसों को वापस पाने के लिए भटक रहे हैं. इधर, राहुल नाम के एक अन्य पीड़ित ने बताया कि हमारे जैसे बहुत से पीड़ित हैं, जिनके पैसे नालंदा क्राउन में लगे हैं. किसी ने 25,00,000, 30,00,000 तो कोई 45,00,000 रुपये तक दे चुका है. लेकिन किसी को आज तक फ्लैट पर कब्जा नहीं मिल सका है. यही नहीं पैसे वापस मांगने पर उल्टा उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाती है. साथ ही कहा जाता है कि जो बन पड़े कर लो, कुछ नहीं मिलेगा. ऊपर से संतोष कटारा भाजपा का नेता है, सो उसकी दादागिरी चलती है.

एडीएम सिटी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
वहीं, इस पूरे मामले में नालंदा क्राउन के डायरेक्टर संतोष कटारा व राधेश्याम शर्मा ने चुप्पी साध रखी है. हालांकि, जब ईटीवी भारत ने उनसे फोन पर संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन ही रिसीव नहीं किया. खैर, अब एडीएम सिटी अंजनी कुमार सिंह ने उक्त मामले की जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

आगरा : फ्लैट के लिए 90 फीसद पेमेंट किए जाने के बावजूद आगरा के 200 से अधिक लोगों को आज तक न तो फ्लैट मिले और न ही रुपये. दरअसल, आगरा जिले में नालंदा क्राउन के निर्देशक राधेश्याम शर्मा, संतोष कटारा और शरद भदोरिया ने सैकड़ों लोगों से फ्लैट के नाम पर रुपये तो ले लिए, लेकिन आज 11 साल बीतने के बाद भी लोगों को उनका फ्लैट नहीं मिल सका. धोखाधड़ी के शिकार हुए लोगों ने बताया कि 2011 में नालंदा क्राउन में फ्लैट लेने को सभी ने फ्लैट की कीमत अदा की थी. 90% पेमेंट होने के बावजूद आज 11 साल होने को है, लेकिन उन्हें फ्लैट नहीं मिला.

आगरा में फ्लैट के नाम पर धोखाधड़ी

पीड़ितों ने बताया कि कई बार पुलिस थाने के चक्कर लगाने के बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद बीते बुधवार को पीड़ितों ने एडीएम सिटी से मुलाकात कर मांग की कि उन्हें या तो उनका पैसा वापस करा दिया जाए या फिर फ्लैट दिला दिया जाए. वहीं, पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए एडीएम सिटी ने जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

2011 में नालंदा क्राउन प्रोजेक्ट के तहत धोखाधड़ी का मामला सामने आया था. वहीं, पीड़ित राजेश भारद्वाज ने बताया कि नालंदा क्राउन के नाम से प्रोजेक्ट को डायरेक्टर राधेश्याम शर्मा, संतोष कटारा और शरद भदोरिया ने उन लोगों के सामने रखा था और उन्हें बताया गया कि शास्त्रीपुरम में यह कॉलोनी बनाई जाएगी. इतना ही नहीं उसने आगे कहा गया कि जानी-मानी कंपनी नालंदा क्राउन उन्हें अलग-अलग रेट्स में फ्लैट उपलब्ध कराएगी. जिसके लिए आपको पैसा अभी देना होगा और 2016 तक सभी को फ्लैट मिल जाएगा. लेकिन 2011 से 2022 यानी 11 साल बीतने के बाद भी किसी भी व्यक्ति को फ्लैट नहीं मिल सका है.

नालंदा क्राउन प्रोजेक्ट
नालंदा क्राउन प्रोजेक्ट

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आज आलम यह है कि 200 से अधिक पीड़ित अपने पैसों को वापस पाने के लिए भटक रहे हैं. इधर, राहुल नाम के एक अन्य पीड़ित ने बताया कि हमारे जैसे बहुत से पीड़ित हैं, जिनके पैसे नालंदा क्राउन में लगे हैं. किसी ने 25,00,000, 30,00,000 तो कोई 45,00,000 रुपये तक दे चुका है. लेकिन किसी को आज तक फ्लैट पर कब्जा नहीं मिल सका है. यही नहीं पैसे वापस मांगने पर उल्टा उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाती है. साथ ही कहा जाता है कि जो बन पड़े कर लो, कुछ नहीं मिलेगा. ऊपर से संतोष कटारा भाजपा का नेता है, सो उसकी दादागिरी चलती है.

एडीएम सिटी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
वहीं, इस पूरे मामले में नालंदा क्राउन के डायरेक्टर संतोष कटारा व राधेश्याम शर्मा ने चुप्पी साध रखी है. हालांकि, जब ईटीवी भारत ने उनसे फोन पर संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन ही रिसीव नहीं किया. खैर, अब एडीएम सिटी अंजनी कुमार सिंह ने उक्त मामले की जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

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