आगरा : जम्मू कश्मीर की अलग-अलग जेलाें में बंद 2 पाकिस्तानी आतंकी समेत 10 कैदियाें काे रविवार की दोपहर आगरा सेंट्रल जेल (Agra Central Jail) में शिफ्ट किया गया. इन कैदियाें काे सड़क मार्ग से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लाया गया. कैदियाें काे स्पेशल सिक्याेरिटी बैरक में रखा गया है. घाटी (Jammu and Kashmir) में टारगेट किलिंग और हाल की आतंकी घटनाओं के मद्देनजर यह शिफ्टिंग की गई है.
जेल डीआईजी राधेकृष्ण मिश्रा ने बताया कि, अब आगरा सेंट्रल जेल में जम्मू कश्मीर के बंदियों की संख्या 88 हो गई है. इसमें से 62 जम्मू कश्मीर में लोक सुरक्षा अधिनियम, हत्या और अन्य मुकदमाें में जेल भेजे गए थे. इसके साथ ही 2 पाकिस्तानी आतंकवादी आने के बाद सेंट्रल जेल में अब कुल 26 पाकिस्तानी कैदी हाे गए हैं. इन सभी बंदियाें काे जेल में स्पेशल सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है. जहां पर पहरा बढ़ा दिया गया है.
टारगेट किलिंग और आतंकी घटनाओं के बाद कार्रवाई : घाटी में बीते कुछ माह में टारगेट किलिंग समेत कई आतंकी घटनाएं हुईं थी. आतंकियाें के नेटवर्क काे ध्वस्त करने के लिए जम्मू कश्मीर की जेलों में बंद कुख्यात पत्थरबाज, ओवर ग्राउंड वर्कर, आतंकियों के मददगारों और आतंकवादियाें काे आगरा सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया है.
अगस्त 2019 में लाए गए थे 30 कैदी : जम्मू कश्मीर में सन 2019 में अगस्त महीने में अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही धारा 144 लागू होने पर अलग-अलग जेलों से अलगाववादी, आतंकवादियों के मददगार और अन्य को दूसरे राज्यों की जेलाें में शिफ्ट किया गया था. इस दौरान आगरा सेंट्रल जेल में भी जम्मू-कश्मीर से एयरलिफ्ट करके 30 कैदियों को लाया गया था. सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी कैदी को सेंट्रल जेल के बाहर नहीं उतारा गया. जिन गाड़ियों से कैदियों को लाया गया, उसमें स्वॉट टीम के जवान हथियारों के साथ लैस थे.
यूपी की अन्य जेलाें से भी आए थे कैदी : जम्मू कश्मीर में लोक सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए गए बंदियों को उत्तर प्रदेश की अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया गया था. इसके बाद इन्हें आगरा केंद्रीय कारागार में शिफ्ट किया गया था. 17 अक्टूबर-2021 को सबसे पहले 15 बंदी लाए गए थे. इसके बाद 23 अक्टूबर-2021 को 38 बंदी और 25 अक्टूबर को 13 बंदी लाए गए. इसके बाद नवंबर-2021 में बंदियों को आगरा सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था. आगरा सेंट्रल जेल में बंद जम्मू कश्मीर के बंदी किसी न किसी अलगाववादी संगठन से जुड़े हैं.
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