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विपक्ष ने 'अग्निपथ योजना' को रद्द करने की मांग की, कहा- नौजवानों से पीएम मांगें माफी

अग्निपथ योजना को लेकर जारी विवाद के बीच विपक्षी दल इसकी आलोचना कर रहे हैं और युवाओं में बढ़ते गुस्से को शांत करने के लिए अल्पकालिक भर्ती योजना को तत्काल रद्द करने की मांग कर रहे हैं.

'अग्निपथ योजना' को निरश्त करने की मांग
'अग्निपथ योजना' को निरश्त करने की मांग
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Published : Jun 17, 2022, 4:51 PM IST

Updated : Jun 17, 2022, 10:56 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने 'अग्निपथ योजना' को देशहित के विरूद्ध करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि इस योजना को तत्काल वापस लिया जाए. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं सरकार को देश के नौजवानों से माफी मांगनी चाहिए. मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि सेना की भर्ती की आयु सीमा में तीन साल की छूट दी जाए तथा जरूरत पड़े तो रक्षा एवं सेना से जुड़े पूरे मामले पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र या सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए.

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने संवाददाताओं से कहा कि यह योजना सेना और भारत के हित में नहीं है. इस सरकार को दूसरे देशों की नकल करने की आदत हो गई है. वह सेना और देश के हितों के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकती. सेना में दो लाख से अधिक पद खाली हैं. भर्ती प्रक्रिया तत्काल आरंभ की जाए. देश की सुरक्षा, सेना और देशभक्ति की भावना में कोई वाणिज्यिक हित नहीं हो सकता.

हुड्डा ने सरकार से आग्रह किया कि अग्निपथ योजना को अविलंब वापस लिया जाए. भर्ती की आयुसीमा में तीन साल की छूट दी जाए, क्योंकि तीन साल से भर्ती नहीं हुई. जिन काबिल नौजवानों ने आत्महत्या की, उनके परिवारों को मुआवजा दिया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और पूरी सरकार देश के नौजवानों से माफी मांगे. सरकार को सेना पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. राष्ट्रनीति के तहत काम करना चाहिए. रक्षा, सेना और इससे जुड़े मुद्दों पर जरूरी हो तो संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए या फिर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए.

इधर, अग्निपथ योजना को लेकर जारी विवाद के बीच विपक्षी दल इसकी आलोचना कर रहे हैं और युवाओं में बढ़ते गुस्से को शांत करने के लिए अल्पकालिक भर्ती योजना को तत्काल रद्द करने की मांग कर रहे हैं.

'अग्निपथ योजना नहीं, बल्कि 'ठेका श्रम' योजना है': सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने आज कहा कि मोदी सरकार इस 'ठेका श्रम' योजना को भारतीय सशस्त्र बलों में लाकर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता कर रही है. पेशेवर सशस्त्र बल को 'चार साल की संविदा पर सैनिकों की भर्ती करके' तैयार नहीं किया जा सकता है. अग्निपथ योजना को तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए.

सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी

उन्होंने कहा, 'एक सैनिक अपनी जान जोखिम में डालकर आपकी, मेरी और देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देता है. इस तरह कर्तव्य का पालन करने के लिए, आप (सरकार) उन्हें नौकरी की सुरक्षा या सुरक्षित लाभ भी नहीं दे रहे हैं! उनकी सेवा के चार साल पूरे करने के बाद वे भी बेरोजगारी की संख्या में शामिल हो जाएंगे. उनका भविष्य क्या है? बेरोजगारी से बचने के लिए ही ये युवा आगे चलकर देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. येचुरी ने आगे कहा कि आज अग्निपथ के माध्यम से जो किया जा रहा है, वह राष्ट्रीय असुरक्षा पैदा कर रहा है.

'भ्रष्ट पथ पर चल रही मोदी सरकार की अग्निपथ योजना' : भ्रष्ट पथ पर चल रही मोदी सरकार ही अग्निपथ योजना लेकर आई है. यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए लेकर के आए हैं. यह बात आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की सेना को सिक्योरिटी गार्ड की ट्रेनिंग सेंटर बनाना चाहते हैं. अग्निपथ काले कानून को सरकार को तत्काल वापस लेना होगा.

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह

उन्होंने कहा कि अगर वाकई में सरकार इस स्कीम की हितेषी है तो बीजेपी के सांसद, मंत्री, विधायक और नेता अपने बेटे को चार साल अग्निपथ स्कीम में भेजें. स्कीम के तहत सब कुछ खत्म कर दिया है. संशोधन तो बस एक मजाक है. वहीं, उन्होंने प्रदर्शन कर रहे युवाओं से शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की अपील की. साथ ही कहा कि आम आदमी पार्टी अग्निपथ स्कीम के खिलाफ उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में कल विरोध प्रदर्शन करेगी.

राज्यसभा सांसद संजय सिंह से यह सवाल किया कि बीजेपी कह रही है कि विपक्ष युवाओं को भ्रमित कर रही है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह युवाओं से तैयारी करने के लिए बोल रहे हैं. इस पर उन्होंने कहा कि यह भारतीय झूठा पार्टी के लोग हैं. इनकी एक बात पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता है.

आंदोलनरत युवाओं से संजय सिंह की अपील : संजय सिंह ने प्रदर्शन कर रहे युवाओं से कहा कि हमें किसानों से सीखना चाहिए कि किस तरीके से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर एक साल तक आंदोलन किया और सरकार को काले कानून को वापस लेने के लिए मजबूर किया. युवा भी लोकतांत्रिक और संविधान के दायरे में रहकर अपना आंदोलन करें. निश्चित रूप से केंद्र सरकार को अपने इस काले कानून को वापस लेना ही होगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अग्निपथ काले कानून के विरोध में आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में कल विरोध प्रदर्शन करेगी.

'युवाओं के साथ छल है अग्निपथ योजना' : आम आदमी पार्टी के पंजाब से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का कहना है कि देश का युवा हमेशा देश और सेना की सेवा करना चाहता है. लेकिन कोरोना के चलते करीब दो साल से सेना में भर्ती नहीं हुई. उनका कहना है कि सेना अब बड़ी मुश्किल से भर्ती कर रही है और इसी बीच केंद्र सरकार अग्निपथ नाम की योजना लेकर आई है. लेकिन केंद्र की यह योजना देश के युवाओं और सेना के साथ छल है. उन्होंने कहा कि पहले युवा चार साल सेना में नौकरी करेगा और फिर उसके बाद निकाल दिया जाएगा. केंद्र सरकार ने सेना की नौकरी को कांट्रेक्चुअल बना दिया है, जिसका देश भर में विरोध हो रहा है. जबकि देश का युवा ताउम्र देश की सेवा करना चाहता है और सेना की सेवा करना चाहता है. चार साल बाद युवा के पास न नौकरी होगी और न पेंशन होगी, न ही कोई अन्य बेनिफिट उनको मिल पाएंगे. सरकार की योजना न सिर्फ युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि सेना की प्रतिष्ठा मूल्य रिवाज और भावनाओं के खिलाफ भी है. यहां तक कि यह रेजिमेंटल ऑनर के भी खिलाफ है.

'अग्निपथ-विरोधी आंदोलन भारत में बेरोजगारी के संकट को दर्शाता है': तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी एवं उद्योग मंत्री के. टी. रामाराव ने कहा कि यह आंदोलन देश में बेरोजगारी की समस्या को दर्शाता है. केटीआर के नाम से जाने जाने वाले रामाराव ने ट्वीट किया, 'इस अग्निपथ योजना के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन देश में बेरोजगारी के संकट की भयावहता को दर्शाते हैं और लोगों की आंखें खोलते हैं.' उन्होंने कहा, 'पहले देश के किसान के साथ खिलवाड़ और अब अब देश के जवान के साथ खिलवाड़. एक रैंक-एक पेंशन' से प्रस्तावित 'कोई रैंक नहीं-कोई पेंशन नहीं' तक.'

पंजाब सीएम भगवंत मान
पंजाब सीएम भगवंत मान

अग्निपथ के खिलाफ सीएम मान : पंजाब सीएम भगवंत मान भी केंद्र सरकार की भर्ती योजना के खिलाफ सामने आए हैं. उन्होंने कहा, 'हम इसका विरोध करते हैं. हमें फौज़ किराए पर नहीं चाहिए...मैं अपील करूंगा कि 'अग्निपथ' योजना को वापस लें. हमारे लड़के फौज में जाना चाहते हैं, उनकी देशभक्ति का सम्मान करें. जब तक वे देश की रक्षा करने में सक्षम हैं, तब तक उन्हें काम करने दें.'

'अग्निपथ योजना पर दोबारा विचार करे केंद्र' : पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता शरद यादव ने कहा कि 'अग्निपथ योजना' कोई सुधार नहीं है, बल्कि सशस्त्र बलों में भर्ती की मौजूदा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का प्रयास है. उन्होंने केंद्र से मांग की कि वह इस पहल पर फिर से विचार करे. यादव ने यह भी चिंता व्यक्त की कि एक सैनिक के रूप में चार साल के कार्यकाल के बाद सशस्त्र बलों से बाहर आने पर हासिल किए गए कौशल के दुरुपयोग की अधिक आशंका है.

यादव ने एक बयान में कहा, 'मेरी राय में यह सुधार नहीं है, बल्कि यह सशस्त्र बलों में भर्ती की मौजूदा व्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश है. मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि सेना में चार साल तक सेवा करने वाले युवा को किसी निजी सुरक्षा एजेंसी में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करने के अलावा कोई सम्मानजनक नौकरी मिलेगी.'

नई दिल्ली : कांग्रेस ने 'अग्निपथ योजना' को देशहित के विरूद्ध करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि इस योजना को तत्काल वापस लिया जाए. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं सरकार को देश के नौजवानों से माफी मांगनी चाहिए. मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि सेना की भर्ती की आयु सीमा में तीन साल की छूट दी जाए तथा जरूरत पड़े तो रक्षा एवं सेना से जुड़े पूरे मामले पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र या सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए.

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने संवाददाताओं से कहा कि यह योजना सेना और भारत के हित में नहीं है. इस सरकार को दूसरे देशों की नकल करने की आदत हो गई है. वह सेना और देश के हितों के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकती. सेना में दो लाख से अधिक पद खाली हैं. भर्ती प्रक्रिया तत्काल आरंभ की जाए. देश की सुरक्षा, सेना और देशभक्ति की भावना में कोई वाणिज्यिक हित नहीं हो सकता.

हुड्डा ने सरकार से आग्रह किया कि अग्निपथ योजना को अविलंब वापस लिया जाए. भर्ती की आयुसीमा में तीन साल की छूट दी जाए, क्योंकि तीन साल से भर्ती नहीं हुई. जिन काबिल नौजवानों ने आत्महत्या की, उनके परिवारों को मुआवजा दिया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और पूरी सरकार देश के नौजवानों से माफी मांगे. सरकार को सेना पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. राष्ट्रनीति के तहत काम करना चाहिए. रक्षा, सेना और इससे जुड़े मुद्दों पर जरूरी हो तो संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए या फिर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए.

इधर, अग्निपथ योजना को लेकर जारी विवाद के बीच विपक्षी दल इसकी आलोचना कर रहे हैं और युवाओं में बढ़ते गुस्से को शांत करने के लिए अल्पकालिक भर्ती योजना को तत्काल रद्द करने की मांग कर रहे हैं.

'अग्निपथ योजना नहीं, बल्कि 'ठेका श्रम' योजना है': सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने आज कहा कि मोदी सरकार इस 'ठेका श्रम' योजना को भारतीय सशस्त्र बलों में लाकर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता कर रही है. पेशेवर सशस्त्र बल को 'चार साल की संविदा पर सैनिकों की भर्ती करके' तैयार नहीं किया जा सकता है. अग्निपथ योजना को तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए.

सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी

उन्होंने कहा, 'एक सैनिक अपनी जान जोखिम में डालकर आपकी, मेरी और देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देता है. इस तरह कर्तव्य का पालन करने के लिए, आप (सरकार) उन्हें नौकरी की सुरक्षा या सुरक्षित लाभ भी नहीं दे रहे हैं! उनकी सेवा के चार साल पूरे करने के बाद वे भी बेरोजगारी की संख्या में शामिल हो जाएंगे. उनका भविष्य क्या है? बेरोजगारी से बचने के लिए ही ये युवा आगे चलकर देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. येचुरी ने आगे कहा कि आज अग्निपथ के माध्यम से जो किया जा रहा है, वह राष्ट्रीय असुरक्षा पैदा कर रहा है.

'भ्रष्ट पथ पर चल रही मोदी सरकार की अग्निपथ योजना' : भ्रष्ट पथ पर चल रही मोदी सरकार ही अग्निपथ योजना लेकर आई है. यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए लेकर के आए हैं. यह बात आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की सेना को सिक्योरिटी गार्ड की ट्रेनिंग सेंटर बनाना चाहते हैं. अग्निपथ काले कानून को सरकार को तत्काल वापस लेना होगा.

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह

उन्होंने कहा कि अगर वाकई में सरकार इस स्कीम की हितेषी है तो बीजेपी के सांसद, मंत्री, विधायक और नेता अपने बेटे को चार साल अग्निपथ स्कीम में भेजें. स्कीम के तहत सब कुछ खत्म कर दिया है. संशोधन तो बस एक मजाक है. वहीं, उन्होंने प्रदर्शन कर रहे युवाओं से शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की अपील की. साथ ही कहा कि आम आदमी पार्टी अग्निपथ स्कीम के खिलाफ उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में कल विरोध प्रदर्शन करेगी.

राज्यसभा सांसद संजय सिंह से यह सवाल किया कि बीजेपी कह रही है कि विपक्ष युवाओं को भ्रमित कर रही है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह युवाओं से तैयारी करने के लिए बोल रहे हैं. इस पर उन्होंने कहा कि यह भारतीय झूठा पार्टी के लोग हैं. इनकी एक बात पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता है.

आंदोलनरत युवाओं से संजय सिंह की अपील : संजय सिंह ने प्रदर्शन कर रहे युवाओं से कहा कि हमें किसानों से सीखना चाहिए कि किस तरीके से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर एक साल तक आंदोलन किया और सरकार को काले कानून को वापस लेने के लिए मजबूर किया. युवा भी लोकतांत्रिक और संविधान के दायरे में रहकर अपना आंदोलन करें. निश्चित रूप से केंद्र सरकार को अपने इस काले कानून को वापस लेना ही होगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अग्निपथ काले कानून के विरोध में आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में कल विरोध प्रदर्शन करेगी.

'युवाओं के साथ छल है अग्निपथ योजना' : आम आदमी पार्टी के पंजाब से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का कहना है कि देश का युवा हमेशा देश और सेना की सेवा करना चाहता है. लेकिन कोरोना के चलते करीब दो साल से सेना में भर्ती नहीं हुई. उनका कहना है कि सेना अब बड़ी मुश्किल से भर्ती कर रही है और इसी बीच केंद्र सरकार अग्निपथ नाम की योजना लेकर आई है. लेकिन केंद्र की यह योजना देश के युवाओं और सेना के साथ छल है. उन्होंने कहा कि पहले युवा चार साल सेना में नौकरी करेगा और फिर उसके बाद निकाल दिया जाएगा. केंद्र सरकार ने सेना की नौकरी को कांट्रेक्चुअल बना दिया है, जिसका देश भर में विरोध हो रहा है. जबकि देश का युवा ताउम्र देश की सेवा करना चाहता है और सेना की सेवा करना चाहता है. चार साल बाद युवा के पास न नौकरी होगी और न पेंशन होगी, न ही कोई अन्य बेनिफिट उनको मिल पाएंगे. सरकार की योजना न सिर्फ युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि सेना की प्रतिष्ठा मूल्य रिवाज और भावनाओं के खिलाफ भी है. यहां तक कि यह रेजिमेंटल ऑनर के भी खिलाफ है.

'अग्निपथ-विरोधी आंदोलन भारत में बेरोजगारी के संकट को दर्शाता है': तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी एवं उद्योग मंत्री के. टी. रामाराव ने कहा कि यह आंदोलन देश में बेरोजगारी की समस्या को दर्शाता है. केटीआर के नाम से जाने जाने वाले रामाराव ने ट्वीट किया, 'इस अग्निपथ योजना के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन देश में बेरोजगारी के संकट की भयावहता को दर्शाते हैं और लोगों की आंखें खोलते हैं.' उन्होंने कहा, 'पहले देश के किसान के साथ खिलवाड़ और अब अब देश के जवान के साथ खिलवाड़. एक रैंक-एक पेंशन' से प्रस्तावित 'कोई रैंक नहीं-कोई पेंशन नहीं' तक.'

पंजाब सीएम भगवंत मान
पंजाब सीएम भगवंत मान

अग्निपथ के खिलाफ सीएम मान : पंजाब सीएम भगवंत मान भी केंद्र सरकार की भर्ती योजना के खिलाफ सामने आए हैं. उन्होंने कहा, 'हम इसका विरोध करते हैं. हमें फौज़ किराए पर नहीं चाहिए...मैं अपील करूंगा कि 'अग्निपथ' योजना को वापस लें. हमारे लड़के फौज में जाना चाहते हैं, उनकी देशभक्ति का सम्मान करें. जब तक वे देश की रक्षा करने में सक्षम हैं, तब तक उन्हें काम करने दें.'

'अग्निपथ योजना पर दोबारा विचार करे केंद्र' : पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता शरद यादव ने कहा कि 'अग्निपथ योजना' कोई सुधार नहीं है, बल्कि सशस्त्र बलों में भर्ती की मौजूदा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का प्रयास है. उन्होंने केंद्र से मांग की कि वह इस पहल पर फिर से विचार करे. यादव ने यह भी चिंता व्यक्त की कि एक सैनिक के रूप में चार साल के कार्यकाल के बाद सशस्त्र बलों से बाहर आने पर हासिल किए गए कौशल के दुरुपयोग की अधिक आशंका है.

यादव ने एक बयान में कहा, 'मेरी राय में यह सुधार नहीं है, बल्कि यह सशस्त्र बलों में भर्ती की मौजूदा व्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश है. मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि सेना में चार साल तक सेवा करने वाले युवा को किसी निजी सुरक्षा एजेंसी में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करने के अलावा कोई सम्मानजनक नौकरी मिलेगी.'

Last Updated : Jun 17, 2022, 10:56 PM IST
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