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उमेश पाल की हत्या के बाद राजू पाल हत्याकांड की मुख्य गवाह खौफ में, सीएम योगी से लगाई सुरक्षा की गुहार

प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या के बाद राजू पाल हत्याकांड की मुख्य गवाह रुखसाना को अपने परिवार को लेकर चिंतित हैं. उन्हें भी अपनी जान का खतरा सताने लगा है. हालांकि उनका कहना है कि चाहे मेरी जान चली जाए लेकिन दुर्दांत अपराधियों को मैं सजा दिला कर रहूंगी.

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Published : Mar 17, 2023, 9:23 PM IST

राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह ने बताया अपना दर्द.

प्रयागराज: बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी साल 2005 की दोपहर बीच सड़क पर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में बाहुबली अतीक अहमद और उनके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ पर हत्या का आरोप लगा था. राजू पाल हत्याकांड को लेकर कई बार मुख्य गवाह की हमेशा चर्चा होती रही है. आइए जानते हैं कि मुख्य गवाह कौन हैं. इन दिनों उनको अपनी जान का खतरा क्यों सता रहा है.

जिस समय बसपा विधायक राजू पाल की हत्या हुई थी, उस समय उनकी गाड़ी में रुखसाना नाम की महिला भी थी. उनके राजू पाल के साथ पारिवारिक संबंध थे. रुखसाना आज भी 18 साल बीत जाने के बाद उस मंजर को भूल नहीं पा रही हैं और अब उमेश पाल का मर्डर होने के बाद रुखसाना और उनके पति मो. सादिक को भी अपनी जान का डर सता रहा है. हालांकि, सादिक-रुखसाना गवाही देना चाहते हैं, ताकि राजू पाल के हत्यारों को सजा मिल सके.

उमेश के बाद पति-पत्नी को सता रहा जान का खतराः प्रयागराज के करेलाबाग के बक्शी मोड़ा के पास रहने वाले सादिक रुखसाना पिछले 18 साल से राजू पाल हत्याकांड के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए लड़ रहे हैं. साल 2005 में हुई हत्या कि वक्त विधायक राजू पाल गाड़ी चला रहे थे और बगल की सीट पर रुखसाना बैठी थी. जब विधायक को अपराधियों ने गोली मारी तो दो गोली रुखसाना को भी लगी थी. लेकिन, रुखसाना की किस्मत अच्छी थी कि वह बच गई. घटना के 18 साल बीत जाने के बाद भी रुखसाना उस मंजर को भूल नहीं पाती हैं.

रुखसाना कहती हैं कि उस दिन इतनी गोलियां चली थीं कि चारों तरफ गोलियों की आवाज गूंज रही थी. बीच सड़क पर 24 फरवरी 2023 को जब उमेश पाल की हत्या हुई तो पति पत्नी को भी अपनी सुरक्षा को लेकर डर सताने लगा है. रुखसाना कहती हैं कि कई बार उन लोगों ने जान से मारने की धमकी दी है और अपने कई शूटर के जरिए हम लोग को दूसरे केस में फंसाने की कोशिश भी की. रुखसाना उमेश पाल की हत्या होने के बाद अपने और अपने परिवार के जान का खतरा मान रही हैं. उन्होंने यूपी के सीएम से परिवार को सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग भी की है.

दुर्दांत अपराधी अतीक को मैं सजा दिला कर रहूंगाः राजू पाल की हत्या के समय रुखसाना के पति मोहम्मद सादिक भी मौजूद थे. उनका कहना है कि घटना वाले दिन जब गोलियां चल रही थीं तब सड़क पर अफरा तफरी मच गई थी. राहगीर इधर उधर भाग रहे थे. जब मैं विधायक राजूपाल की गाड़ी की तरफ गया तो गाड़ी में ड्राइवर की सीट पर राजू था, जिसे कई गोलियां लगी थीं और मेरी पत्नी के सीने पर गोलियां लगी थीं. दोनों लहूलुहान थे. दोनों को निकालकर हॉस्पिटल भेजा गया था. सादिक कहते हैं कि ये सभी इतने बड़े अपराधी हैं कि किसी की कभी भी हत्या कर सकते हैं. लेकिन, मैं ऐसे दुर्दांत अपराधियों को और उनके पूरे कुनबे को सजा दिला कर रहूंगा. चाहे मेरी जान क्यों न चली जाए.

गवाही नहीं देने का बनाया जा रहा दबावः सादिक कहते हैं कि अतीक और अशरफ मिलकर हम लोगों को कई बार राजू पाल हत्याकांड में गवाही न देने का दबाव बना चुके हैं. कई बार हमला भी कराने की कोशिश की है. पति-पत्नी यह भी कहते हैं कि हम लोगों को हमेशा जान का खतरा बना रहता है. साल 2020 में हम लोगों को सुरक्षा भी मिली थी लेकिन अब नहीं है. यही वजह है कि कोर्ट में गवाही देने जाना था लेकिन कोर्ट में लिखकर यह देना पड़ा कि हमारे पास सुरक्षा उपलब्ध नहीं है. इस वजह से हम कोर्ट में नहीं जा सके.

उमेश पाल हत्याकांड के बाद से पति पत्नी दोनों ने अपने परिवार की सुरक्षा की गुहार यूपी के सीएम से लगाई है. ताकि अशरफ और अतीक जैसे दुर्दांत अपराधियों को सजा दिलाई जा सके. दोनों कहते हैं इतनी सुरक्षा के बीच जब उमेश पाल को मार दिया गया, हमारे पास तो कोई सुरक्षा नहीं है. हमें भी मारा जा सकता है. दोनों कहते हैं कि हम राजू पाल हत्याकांड में गवाही जरूर देंगे और इनके सारे आरोपी को सजा दिलाकर रहेंगे.

ये भी पढ़ेंः माफिया अतीक के नाबालिग बेटे का फायरिंग करते हुए वीडियो वायरल, कई राउंड किए हवाई फायर

राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह ने बताया अपना दर्द.

प्रयागराज: बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी साल 2005 की दोपहर बीच सड़क पर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में बाहुबली अतीक अहमद और उनके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ पर हत्या का आरोप लगा था. राजू पाल हत्याकांड को लेकर कई बार मुख्य गवाह की हमेशा चर्चा होती रही है. आइए जानते हैं कि मुख्य गवाह कौन हैं. इन दिनों उनको अपनी जान का खतरा क्यों सता रहा है.

जिस समय बसपा विधायक राजू पाल की हत्या हुई थी, उस समय उनकी गाड़ी में रुखसाना नाम की महिला भी थी. उनके राजू पाल के साथ पारिवारिक संबंध थे. रुखसाना आज भी 18 साल बीत जाने के बाद उस मंजर को भूल नहीं पा रही हैं और अब उमेश पाल का मर्डर होने के बाद रुखसाना और उनके पति मो. सादिक को भी अपनी जान का डर सता रहा है. हालांकि, सादिक-रुखसाना गवाही देना चाहते हैं, ताकि राजू पाल के हत्यारों को सजा मिल सके.

उमेश के बाद पति-पत्नी को सता रहा जान का खतराः प्रयागराज के करेलाबाग के बक्शी मोड़ा के पास रहने वाले सादिक रुखसाना पिछले 18 साल से राजू पाल हत्याकांड के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए लड़ रहे हैं. साल 2005 में हुई हत्या कि वक्त विधायक राजू पाल गाड़ी चला रहे थे और बगल की सीट पर रुखसाना बैठी थी. जब विधायक को अपराधियों ने गोली मारी तो दो गोली रुखसाना को भी लगी थी. लेकिन, रुखसाना की किस्मत अच्छी थी कि वह बच गई. घटना के 18 साल बीत जाने के बाद भी रुखसाना उस मंजर को भूल नहीं पाती हैं.

रुखसाना कहती हैं कि उस दिन इतनी गोलियां चली थीं कि चारों तरफ गोलियों की आवाज गूंज रही थी. बीच सड़क पर 24 फरवरी 2023 को जब उमेश पाल की हत्या हुई तो पति पत्नी को भी अपनी सुरक्षा को लेकर डर सताने लगा है. रुखसाना कहती हैं कि कई बार उन लोगों ने जान से मारने की धमकी दी है और अपने कई शूटर के जरिए हम लोग को दूसरे केस में फंसाने की कोशिश भी की. रुखसाना उमेश पाल की हत्या होने के बाद अपने और अपने परिवार के जान का खतरा मान रही हैं. उन्होंने यूपी के सीएम से परिवार को सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग भी की है.

दुर्दांत अपराधी अतीक को मैं सजा दिला कर रहूंगाः राजू पाल की हत्या के समय रुखसाना के पति मोहम्मद सादिक भी मौजूद थे. उनका कहना है कि घटना वाले दिन जब गोलियां चल रही थीं तब सड़क पर अफरा तफरी मच गई थी. राहगीर इधर उधर भाग रहे थे. जब मैं विधायक राजूपाल की गाड़ी की तरफ गया तो गाड़ी में ड्राइवर की सीट पर राजू था, जिसे कई गोलियां लगी थीं और मेरी पत्नी के सीने पर गोलियां लगी थीं. दोनों लहूलुहान थे. दोनों को निकालकर हॉस्पिटल भेजा गया था. सादिक कहते हैं कि ये सभी इतने बड़े अपराधी हैं कि किसी की कभी भी हत्या कर सकते हैं. लेकिन, मैं ऐसे दुर्दांत अपराधियों को और उनके पूरे कुनबे को सजा दिला कर रहूंगा. चाहे मेरी जान क्यों न चली जाए.

गवाही नहीं देने का बनाया जा रहा दबावः सादिक कहते हैं कि अतीक और अशरफ मिलकर हम लोगों को कई बार राजू पाल हत्याकांड में गवाही न देने का दबाव बना चुके हैं. कई बार हमला भी कराने की कोशिश की है. पति-पत्नी यह भी कहते हैं कि हम लोगों को हमेशा जान का खतरा बना रहता है. साल 2020 में हम लोगों को सुरक्षा भी मिली थी लेकिन अब नहीं है. यही वजह है कि कोर्ट में गवाही देने जाना था लेकिन कोर्ट में लिखकर यह देना पड़ा कि हमारे पास सुरक्षा उपलब्ध नहीं है. इस वजह से हम कोर्ट में नहीं जा सके.

उमेश पाल हत्याकांड के बाद से पति पत्नी दोनों ने अपने परिवार की सुरक्षा की गुहार यूपी के सीएम से लगाई है. ताकि अशरफ और अतीक जैसे दुर्दांत अपराधियों को सजा दिलाई जा सके. दोनों कहते हैं इतनी सुरक्षा के बीच जब उमेश पाल को मार दिया गया, हमारे पास तो कोई सुरक्षा नहीं है. हमें भी मारा जा सकता है. दोनों कहते हैं कि हम राजू पाल हत्याकांड में गवाही जरूर देंगे और इनके सारे आरोपी को सजा दिलाकर रहेंगे.

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