मुंबई (महाराष्ट्र) : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख के खिलाफ एक और गैर जमानती वारंट जारी हुआ है. इस बार बीड जिले के परली कोर्ट ने लगातार कई तारीखों पर अदालत में गैरहाजिर रहने की वजह से उनके खिलाफ वारंट जारी किया है. कोर्ट ने मुंबई के पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया है कि वह राज ठाकरे को गिरफ्तार कर अदालत के सामने पेश करें. इससे पहले महाराष्ट्र के सांगली कोर्ट ने 3 मई को मनसे प्रमुख के खिलाफ नॉन बेलेबल वारंट जारी किया था.
दोनों ही मामले के तार 2008 में राज ठाकरे के विवादित भाषण से जुड़े हैं. 2008 में मनसे प्रमुख ने नौकरी में स्थानीय लोगों को तवज्जो देने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया था. मनसे कार्यकर्ताओं ने दूसरे राज्यों से आए परीक्षार्थियों से मारपीट की थी. इसके बाद मनसे कार्यकर्ता राज ठाकरे की गिरफ्तारी पर उग्र हो गए थे. तब कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के लिए राज ठाकरे के खिलाफ आईपीसी की धारा 143, 109 और 117 और बॉम्बे पुलिस अधिनियम की धारा 135 के तहत केस दर्ज किया गया था. 22 अक्टूबर 2008 को मनसे कार्यकर्ताओं ने राज्य ठाकरे के समर्थन में परली में मौजूद राज्य परिवहन निगम की बसों पर पत्थरबाजी की थी. इस दौरान मनसे कार्यकर्ताओं ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के साथ कर्फ्यू का उल्लंघन भी किया था.
बता दें कि एक मई को भी राज ठाकरे के खिलाफ औरंगाबाद पुलिस ने भड़काऊ भाषण देने के आरोप में केस दर्ज किया था. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने पिछले दिनों मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अजान को लेकर अल्टिमेटम जारी किया था. इसके बाद से महाराष्ट्र में अजान बनाम हनुमान चालीसा का विवाद गहरा गया था. शिवसेना ने आरोप लगाया था कि बीजेपी अब राज ठाकरे की मदद से सरकार को अस्थिर करने और राज्य में अशांति पैदा करने का आरोप लगाया था.