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पारस गुट के बाद चिराग पहुंचे चुनाव आयोग, बोले - असली लोजपा मेरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष मैं

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Published : Jun 18, 2021, 8:57 PM IST

Updated : Jun 18, 2021, 10:23 PM IST

पारस गुट के बाद लोकजन शक्ति पार्टी पर अपनी दावेदारी पेश करने के लिये चिराग पासवान अपने समर्थकों के साथ चुनाव आयोग पहुंचे और मामले से संबंधित सभी दस्तावेज चुनाव आयोग को सौंप दिए.

चिराग
चिराग

नई दिल्ली : लोकजन शक्ति पार्टी पर अपनी दावेदारी पेश करने के लिये चिराग पासवान अपने समर्थकों के साथ चुनाव आयोग पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि लोजपा की कार्यकारिणी का बहुमत उनके साथ है. बागियों ने पार्टी संविधान के खिलाफ जाकर काम किया है. इसलिए बागी गुट को मान्यता नहीं दी जा सकती.

उन्होंने कहा कि पार्टी के संविधान के अनुसार मैं ही अध्यक्ष हूं. पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में 2019 में मुझे पांच साल के लिये राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था. निर्वाचन अधिकारी ने मुझे लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने का पत्र दिया था.

उन्होंने कहा कि पार्टी से कुल पांच सांसद, दो प्रदेश अध्यक्ष, एक राष्ट्रीय महासचिव समेत कुल नौ लोगों को मैंने पार्टी से बाहर निकाला था और वे लोग पार्टी पर दावा कर रहे हैं, जो पूरी तरह से गलत है. चुनाव आयोग को मैंने सभी बात की जानकारी दे दी है. सभी दस्तावेज सौंप दिये हैं.

चिराग ने कहा कि मैं लोकसभा स्पीकर से मिलूंगा और उनको पार्टी के संविधान के बारे में जानकारी दूंगा. पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता बना दिया गया है वह गलत है. लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है.

चिराग पासवान का बयान

बता दें लोजपा पर कब्जे की लड़ाई अब चुनाव आयोग पहुंच गई है. पशुपति पारस गुट चिराग गुट दोनों ही चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटा चुके हैं. अब चुनाव आयोग को निर्णय लेना है कि लोजपा पारस की है या चिराग की. आज पशुपति पारस गुट भी चुनाव आयोग पहुंचा और चुनाव आयोग को जानकारी दी कि पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस को सर्वसम्मति से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चुन लिया गया है.

पढ़ें - लोजपा अध्यक्ष पशुपति पारस का दावा, हम ही असली हैं बाकी नकली

राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर रिटर्निंग ऑफिसर के तरफ से जो सर्टिफिकेट पारस को मिला है, वह चुनाव आयोग में पारस गुट ने जमा कर दिया. पशुपति पारस का दावा है कि पार्टी के 95% लोग उनके साथ हैं.

बता दें लोजपा में बड़ी टूट हुई है. छह में से पांच सांसद चिराग से अलग हो गए हैं. चिराग के चाचा व सांसद पशुपति पारस बागी गुट का नेतृत्व कर रहे हैं एवं असली लोजपा होने का भी दावा कर रहे हैं. बागी गुट ने पारस को संसदीय दल का नेता व राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया है. पहले चिराग संसदीय दल के नेता एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष थे.

नई दिल्ली : लोकजन शक्ति पार्टी पर अपनी दावेदारी पेश करने के लिये चिराग पासवान अपने समर्थकों के साथ चुनाव आयोग पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि लोजपा की कार्यकारिणी का बहुमत उनके साथ है. बागियों ने पार्टी संविधान के खिलाफ जाकर काम किया है. इसलिए बागी गुट को मान्यता नहीं दी जा सकती.

उन्होंने कहा कि पार्टी के संविधान के अनुसार मैं ही अध्यक्ष हूं. पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में 2019 में मुझे पांच साल के लिये राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था. निर्वाचन अधिकारी ने मुझे लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने का पत्र दिया था.

उन्होंने कहा कि पार्टी से कुल पांच सांसद, दो प्रदेश अध्यक्ष, एक राष्ट्रीय महासचिव समेत कुल नौ लोगों को मैंने पार्टी से बाहर निकाला था और वे लोग पार्टी पर दावा कर रहे हैं, जो पूरी तरह से गलत है. चुनाव आयोग को मैंने सभी बात की जानकारी दे दी है. सभी दस्तावेज सौंप दिये हैं.

चिराग ने कहा कि मैं लोकसभा स्पीकर से मिलूंगा और उनको पार्टी के संविधान के बारे में जानकारी दूंगा. पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता बना दिया गया है वह गलत है. लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है.

चिराग पासवान का बयान

बता दें लोजपा पर कब्जे की लड़ाई अब चुनाव आयोग पहुंच गई है. पशुपति पारस गुट चिराग गुट दोनों ही चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटा चुके हैं. अब चुनाव आयोग को निर्णय लेना है कि लोजपा पारस की है या चिराग की. आज पशुपति पारस गुट भी चुनाव आयोग पहुंचा और चुनाव आयोग को जानकारी दी कि पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस को सर्वसम्मति से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चुन लिया गया है.

पढ़ें - लोजपा अध्यक्ष पशुपति पारस का दावा, हम ही असली हैं बाकी नकली

राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर रिटर्निंग ऑफिसर के तरफ से जो सर्टिफिकेट पारस को मिला है, वह चुनाव आयोग में पारस गुट ने जमा कर दिया. पशुपति पारस का दावा है कि पार्टी के 95% लोग उनके साथ हैं.

बता दें लोजपा में बड़ी टूट हुई है. छह में से पांच सांसद चिराग से अलग हो गए हैं. चिराग के चाचा व सांसद पशुपति पारस बागी गुट का नेतृत्व कर रहे हैं एवं असली लोजपा होने का भी दावा कर रहे हैं. बागी गुट ने पारस को संसदीय दल का नेता व राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया है. पहले चिराग संसदीय दल के नेता एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष थे.

Last Updated : Jun 18, 2021, 10:23 PM IST
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