लखनऊ : देश में हनीट्रैप के बाद आतंकी संगठन व देश विरोधी ताकतें मुस्लिम ट्रैप कर युवाओं को फंसा रहे हैं. इसी का इस्तेमाल कर उनका धर्मांतरण भी करा रहे हैं. बीते दिनों एनआईए के साथ ही यूपी और गुजरात एटीएस ने धर्मांतरण को लेकर जो गिरफ्तारियां की हैं, उसके बाद यह खतरनाक खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक देश विरोधी ताकतों ने आतंकी संगठनों के साथ मिलकर करीब सौ से अधिक मुस्लिम लड़कियों की एक फौज तैयार की है जो ऑनलाइन गेम के जरिए हिंदू युवकों को अपने जाल में फंसा रही हैं. इसके ऐसे युवाओं का धर्मांतरण करवाया जा रहा है. ऐसे में अब देश भर की सुरक्षा एजेंसियां आतंकी संगठनों की इस नापाक साजिश को नाकाम करने में जुट गई हैं.
ऑनलाइन गेम के जरिए पाक से भारत का रास्ता : यूपी एटीएस के अलावा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को भी मुस्लिम ट्रैप मिशन के बारे में इनपुट मिला था. बीते दिनों एनआईए को जानकारी मिली थी कि पाकिस्तान के कराची की रहने वाली सीमा गुलाम हैदर ने ग्रेटर नोएडा के रहने वाले सचिन को ऑनलाइन गेम के जरिए प्यार के झांसे में फंसाया और फिर वह पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते भारत आ गई. सीमा गुलाम हैदर का कहना है कि वह सचिन से प्यार करती थी. इसलिए चोरी से भारत आई है. सूत्रों के मुताबिक एनआईए को शक है कि सीमा हैदर को पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते भारत पहुंचाने में किसी संगठन ने मदद की है. फिलहाल एनआईए जांच में जुटी है और पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर के बारे में जानकारी जुटा रही है.
बच्चों, नौजवानों को लड़कियां बना रहीं मुस्लिम : बीते दिनों उत्तर प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में धर्मांतरण के मामलों में हुई गिरफ्तारियों के बाद एजेंसियों के सामने है कि युवाओं को युवतियां और बच्चों को मुस्लिम नौजवान अपने जाल में फंसा कर धर्मांतरण का मिशन पूरा कर रहे हैं. गौरव की ही तरह गाजियाबाद के दो नाबालिग किशोरों का ऑनलाइन गेम के जरिए धर्मांतरण किया गया था. हालांकि गौरव को रेशमा ने फंसाया था तो किशोरों का कुछ नौजवानों ने धर्मांतरण किया था. दरअसल, गाजियाबाद में दो किशोरों के परिजनों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ लोगों ने उनके बच्चों का धर्म परिवर्तन कर उन्हें पांच वक्त का नमाजी बना डाला है. जांच में पता चला था क इन किशोरों के साथ कुछ मुस्लिम लड़के नाम बदल कर ऑनलाइन गेम फॉर नाइट गेम ऐप पर खेलते थे. गेम हारने पर उन्हें जीतने के लिए जाकिर नाइक की आयतें पढ़वाई जाती थीं.