पुणे : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Union Minister of Home Affairs and Cooperation Amit Shah) ने रविवार को पुणे में एक कार्यक्रम में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ मंच साझा किया और कहा कि वह 'लंबे समय के बाद सही जगह' पहुंचे हैं, लेकिन 'बहुत देर से आए.' शाह का यह बयान ऐसे समय आया है जब करीब एक महीने पहले गत दो जुलाई को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के संस्थापक शरद पवार के भतीजे अजित पवार पार्टी के आठ विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में शामिल हो गए थे.
पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया, जबकि छगन भुजबल और दिलीप वलसे पाटिल सहित अन्य आठ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी. शाह ने कहा, 'अजित पवार के साथ यह मेरा पहला सार्वजनिक कार्यक्रम है. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि वह लंबे समय बाद अब सही जगह पर बैठे हैं. यह हमेशा आपके लिए सही जगह थी, लेकिन आप यहां बहुत देर से आए.' शाह सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) कार्यालय के डिजिटल पोर्टल की शुरुआत करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे. इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे.
इसी कार्यक्रम में बोलते हुए अजित पवार ने देश के सहकारी क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए शाह की प्रशंसा की. अजित ने कहा, 'शाह महाराष्ट्र के दामाद हैं, इसलिए उन्हें अपने मूल प्रदेश गुजरात की तुलना में महाराष्ट्र अधिक पसंद है. आप सहमत हों या न हों, हर किसी के मन में ससुराल के प्रति अधिक प्रेम होता है.' शाह की पत्नी पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर शहर की रहने वाली हैं. अजित पवार ने कहा, 'हम सभी देश में सहकारी क्षेत्र में जारी बदलावों के गवाह हैं. ये सभी बदलाव शाह द्वारा राज्य के व्यापक लाभ के लिए सभी हितधारकों के साथ चर्चा करने के बाद पेश किए गए हैं.'
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि सहकारी क्षेत्र ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जो देश में जमीनी स्तर तक पहुंचा है. उन्होंने कहा, 'गुजरात और महाराष्ट्र में सहकारी आंदोलन की एक महान विरासत रही है और यह आगे भी फले-फूलेगी.' विधानसभा चुनाव और भाजपा और शिवसेना के एक-दूसरे से अलग होने के बाद नवंबर, 2019 में फडणवीस और अजित पवार ने राजभवन में सुबह-सुबह एक कार्यक्रम में क्रमशः मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. हालांकि, उनकी सरकार केवल 80 घंटे तक चली थी क्योंकि पवार राकांपा में लौट गए थे.
बाद में, महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार बनाने के लिए राकांपा और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के बाद शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि, पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे और 39 विधायकों द्वारा ठाकरे के खिलाफ विद्रोह करने और शिवसेना के विभाजित होने के बाद राज्य की एमवीए सरकार गिर गई थी.
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(पीटीआई-भाषा)