बाराबंकीः करीब 28 साल पहले एक भैंसे की मौत के मामले में जमानत पाने के बाद आज तक हाजिर न होने पर कोर्ट ने 83 साल के आरोपी बुजुर्ग के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया. पुलिस ने जब आरोपी बुजुर्ग को देखा तो असमंजस में पड़ गई. फिलहाल पुलिस आरोपी को कोर्ट में हाजिर होने की चेतावनी देकर बैरंग लौट गई.
दरअसल, बाराबंकी के नगर कोतवाली के दयानंद नगर मोहल्ले के रहने वाले 83 वर्षीय अच्छन पुत्र मुनव्वर उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के बाराबंकी डिपो में बतौर चालक तैनात थे. साल 1995 में अच्छन सरकारी स्टोर वाहन लेकर विभाग का सामान लेने बरेली गए थे. जब बरेली से वह बाराबंकी के लिए लौट रहे थे तभी रास्ते मे फरीदपुर थाना क्षेत्र में सड़क पर बस के सामने एक वाहन आ गया, जिस पर भैंसा लदा था.
अच्छन जब तक बस को संभालते उनकी बस सामने के वाहन से टकरा गई जिसमें भैंसे की मौत हो गई. मामले की जानकारी पर पहुंची पुलिस ने बस को कब्जे में लेकर मुकदमा दर्ज कर लिया. फरीदपुर थाने में चालक अच्छन के विरुद्ध अपराध संख्या- 264/95 , अंतर्गत धारा 279, 337, 338 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. सुबह पुलिस ने अच्छन का चालान भेज दिया.
मामले में चालक अच्छन को उस वक्त जमानत मिल गई थी और बस को छोड़ दिया गया था. उसके बाद वह कभी अदालत में हाजिर नहीं हुए और न ही उनके पास कोई वारंट पहुंचा.उन्हें यह भी नही पता कि मुकदमा चल भी रहा था या नही. तकरीबन 20 साल पहले अच्छन सेवानिवृत्त भी हो गए लेकिन जब बीती 21 जून को अचानक उनके घर पुलिस पहुंची और बरेली के फरीदपुर मामले में गिरफ्तारी वारंट बताया तो अच्छन के पैरों तले जमीन खिसक गई.
बीमार और लकवा ग्रस्त अच्छन गिरफ्तारी वारंट सुनकर रोने लगे. इस दौरान पुलिस ने भी जब बीमार अच्छन को देखा तो वह असमंजस में पड़ गई. उसे यह नही सूझ रहा था कि वह करे तो क्या करे. पुलिस ने सोचा कि अच्छन को इस हालत में गिरफ्तार करने से अगर कहीं कुछ हो गया तो वह क्या जवाब देगी लिहाजा पुलिस ने अदालत में हाजिर होने की चेतावनी दी और बैरंग वापस हो गई.
बरेली के फरीदपुर थाने के दरोगा विजय पाल ने बताया कि बहुत पुराना मामला है, जिसमे न्यायिक मजिस्ट्रेट फरीदपुर बरेली की अदालत द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था जिसका अनुपालन किया जाना है लेकिन वारंट देखते ही वृद्ध रोने लगा. आरोपी की हालत देख उसे अदालत में हाजिर होने को कहा गया है. अगली पेशी 17 जुलाई है, जिसपर आरोपी को हाजिर होने को कहा गया है.
अच्छन ने रोते हुए बताया कि लकवा मारे जाने के चलते वह चल फिर नही सकते. वह बीमार रहते हैं. इतना पुराना मामला है कि वह चाहते हैं कि इस मामले को खत्म कर दिया जाए. अब इस मामले में उन्होंने रोडवेज से भी मदद मांगी है.
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