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त्रिपुरा में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू का पता चला, 63 सुअरों की मौत

त्रिपुरा में सूअरों में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू का पता चला है. इसे लेकर त्रिपुरा सरकार सतर्क हो गयी है. पशु संसाधन विकास विभाग (एआरडीडी) के एक प्रजनन फार्म में इसके लक्षण पाये गये हैं. वहीं, रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि हो गयी है.

Swine flu detected in Tripura, 63 pigs died
त्रिपुरा में स्वाइन फ्लू का पता चला, 63 सुअरों की मौत
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Published : Apr 19, 2022, 10:15 AM IST

अगरतला: त्रिपुरा के सिपाहीजला जिले के देवीपुर (Devipur in Tripura’s Sepahijala district) में पशु संसाधन विकास विभाग (एआरडीडी) के एक प्रजनन फार्म में रखे गये सूअरों में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू का पता चला है. इसे लेकर त्रिपुरा सरकार सतर्क हो गयी है.

सूत्र ने कहा, 'हमने 07 अप्रैल को तीन नमूनों को परीक्षण के लिए उत्तर पूर्वी क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला भेजा था और 13 अप्रैल को रिपोर्ट आयी जिसमें यह पॉजिटिव पाया गया. यहां तक कि अब फॉर्म में रखे गये सूअरों के लक्षण भी संकेत देते हैं कि ये संक्रामक रोग पहले ही फॉर्म में प्रवेश कर चुका है. हालांकि, हम एक और रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं जो भोपाल के राष्ट्रीय रोग निदान संस्थान से आएगी.'

ये भी पढ़ें- आख‍िर कितना खतरनाक है कोरोना वायरस का नया XE वेरिएंट और क्‍या हैं इसके लक्षण?

सूत्र ने आगे बताया कि विभाग ने दो रैपिड रिस्पांस टीम बनाई है जिसमें प्रत्येक समूह में दस लोग शामिल हैं. टीम का नेतृत्व एक पशु चिकित्सा अधिकारी करेगा और सीधे नोडल अधिकारियों के पैनल को रिपोर्ट करेगा. सामूहिक रूप से सूअरों के मारने को लेकर सूत्र ने कहा कि उच्च अधिकारियों से आदेश आने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी. गौरतलब है कि अज्ञात कारणों से कुल 63 सूअरों की मौत हो गई. यह खतरे की घंटी है. प्रकोप से पहले फार्म में 265 बड़े सूअर और 185 सूअर के बच्चे रखे गये थे.

अगरतला: त्रिपुरा के सिपाहीजला जिले के देवीपुर (Devipur in Tripura’s Sepahijala district) में पशु संसाधन विकास विभाग (एआरडीडी) के एक प्रजनन फार्म में रखे गये सूअरों में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू का पता चला है. इसे लेकर त्रिपुरा सरकार सतर्क हो गयी है.

सूत्र ने कहा, 'हमने 07 अप्रैल को तीन नमूनों को परीक्षण के लिए उत्तर पूर्वी क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला भेजा था और 13 अप्रैल को रिपोर्ट आयी जिसमें यह पॉजिटिव पाया गया. यहां तक कि अब फॉर्म में रखे गये सूअरों के लक्षण भी संकेत देते हैं कि ये संक्रामक रोग पहले ही फॉर्म में प्रवेश कर चुका है. हालांकि, हम एक और रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं जो भोपाल के राष्ट्रीय रोग निदान संस्थान से आएगी.'

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सूत्र ने आगे बताया कि विभाग ने दो रैपिड रिस्पांस टीम बनाई है जिसमें प्रत्येक समूह में दस लोग शामिल हैं. टीम का नेतृत्व एक पशु चिकित्सा अधिकारी करेगा और सीधे नोडल अधिकारियों के पैनल को रिपोर्ट करेगा. सामूहिक रूप से सूअरों के मारने को लेकर सूत्र ने कहा कि उच्च अधिकारियों से आदेश आने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी. गौरतलब है कि अज्ञात कारणों से कुल 63 सूअरों की मौत हो गई. यह खतरे की घंटी है. प्रकोप से पहले फार्म में 265 बड़े सूअर और 185 सूअर के बच्चे रखे गये थे.

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