उत्तरकाशी: द्रोपदी डांडा 2 में 4 अक्टूबर को आए एवलांच में 27 पर्वतारोहियों की मौत हो गई थी, जबकि दो पर्वतारोही अभी भी लापता है. जिनकी तलाश में हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग, निम और सेना की टीम की ओर से खोज बचाव अभियान चलाया जा रहा है. वहीं, प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान में लगे वायु सेना के हेलीकॉप्टर लौटा दिए हैं.
वायु सेना की टीम को तभी रेस्क्यू अभियान में बुलाया जाएगा, जब लापता प्रशिक्षुओं का पता चल जाएगा. द्रौपदी का डांडा क्षेत्र में हुई हिस्खलन की घटना कई सवाल छोड़ गई है.नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) सर्च एंड रेस्क्यू का प्रशिक्षण देने वाला देश का अकेला संस्थान है, लेकिन हिमस्खलन की घटना के बाद निम की सर्च एंड रेस्क्यू टीम और उसका प्रबंधन विफल रहा. निम के पास इस तरह का हादसा होने पर खोज-बचाव को लेकर भी कोई पूर्व तैयारी नहीं थी.
बता दें, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी का 42 लोगों का दल एडवांस कोर्स का प्रशिक्षु व प्रशिक्षक दल 4 अक्टूबर की सुबह समिट कैंप से द्रौपदी का डांडा के आरोहण के लिए गया था. इस दल में शामिल दो प्रशिक्षक सहित 29 प्रशिक्षु पर्वतारोही हिमस्खलन की जद में आए थे. इस अभियान को लेकर गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान ने एक बयान जारी कर कहा है कि यह गंभीर जांच का विषय है क्योंकि घटना के दिन से और अभी तक नेहरू पर्वतारोहण प्रशासन घटना पर मौन बना हुआ है.
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जब हादसा हुआ तो देश के विभिन्न राज्यों से यहां पर पर्वतारोहियों के परिजन आए थे. परिजनों ने भी कहा था कि नेहरू पर्वतारोहण प्रशासन घटना पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान (Gangotri MLA Suresh Chauhan) ने कहा है कि भविष्य में ऐसी घटना ना हो इसलिए द्रौपदी डांडा-2 एवलांच घटना की जांच को लेकर मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे कि आखिर सच्चाई क्या है? इसका सभी को पता लगना चाहिए.
सिलसिलेवार जानिए घटनाक्रम-
- 4 अक्टूबर को करीब पौने नौ बजे एवलॉन्च की चपेट में आए प्रशिक्षु पर्वतारोही और प्रशिक्षक.
- 4 अक्टूबर को ही फर्स्ट रिस्पांडर ने 4 शव बरामद किए.
- 6 अक्टूबर को रेस्क्यू दल घटनास्थल पर पहुंचा और 15 शव बरामद किए.
- 7 अक्टूबर को रेस्क्यू दल ने 7 और शव बरामद किए.
- घटना के दिन बरामद चार शवों को उत्तरकाशी पहुंचाया गया.
- 8 अक्टूबर को 7 शवों को एडवांस बेस कैंप से मातली हेलीपैड पहुंचाया गया.
- वहीं, रेस्क्यू दल ने घटना स्थल से एक और शव बरामद किया.
- 9 अक्टूबर को 10 शव सेना के हेलीकॉप्टर से मातली लाए गए
- अब तक 27 शव परिजनों को सौंप जा चुके हैं.
- 2 पर्वतारोही अभी भी लापता हैं.