चंडीगढ़ : नए कृषि कानूनों पर रोक लगाने या फिर उन्हें रद्द करने को लेकर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया सत्यपाल जैन ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. सत्यपाल जैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि यदि तीन कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार को रोक लगानी है या फिर ये कानून रद्द करने हैं तो उसके लिए वही प्रक्रिया होगी जो इन कानूनों को लाने के लिए अपनाई गई थी.
सत्यपाल जैन ने कहा कि केंद्र सरकार यदि कोई कानून बनाती है तो उसे वापस लेने का कोई प्रावधान नहीं है और न ही सरकार इस कानून को वापस लेगी, हां अगर सुप्रीम कोर्ट चाहे तो इस बिल पर रोक भी लगा सकता है और इस बिल को रद्द भी कर सकता है.
बातचीत के जरिए निकलेगा हल: सतपाल जैन
उन्होंने कहा कि यदि आंदोलन का हल निकालना है तो वो सिर्फ बातचीत के जरिए ही हो सकता है, क्योंकि सरकार अपनी तरफ से प्रस्ताव भेज चुकी है, लेकिन बावजूद इसके किसान नेता आंदोलन करने पर अड़े हैं. उन्होंने कहा कि कुछ बातें सरकार की भी माननी पड़ती है और कुछ बातें किसानों की भी सरकार को माननी होगी.
हालांकि, सरकार साफ तौर पर कह चुकी है कि यदि कोई परेशानी है तो कानूनों में संशोधन किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हाथ जोड़कर निवेदन कर चुके हैं कि कृषि कानूनों को किसान समझें और किसी की बातों में आकर भ्रमित न हों.
वहीं, किसानों को खालिस्तानी कहे जाने वाले बयान पर उन्होंने कहा कि सरकार ने कभी नहीं कहा कि किसान खालिस्तानी है बल्कि ये कहा था कि कुछ लोग अपना निजी हित साधने के लिए आंदोलन का सहारा ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के जितने भी किसान हैं वे सभी देशभक्त हैं और देश के हित में ही सोचते हैं.
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उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस आंदोलन को खराब करना चाहते हैं जिन पर भाजपा ने निशाना साधा था.
आपको बता दें कि एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया सत्यपाल जैन कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पैरवी अदालत में भी कर चुके हैं.