कोटा. अपर सेशन न्यायालय क्रम संख्या एक ने बाबा रामदेव और पतंजलि के खिलाफ कोटा पुलिस को मुकदमा दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए हैं. जिसमें जीएसटी की दरें कम होने के बावजूद भी उन्हें कम नहीं करना और उपभोक्ताओं से ज्यादा वसूली की शिकायत थी. इस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया था, जिसके बाद न्यायालय में इस्तगासा किया गया. इस इस्तगासे पर न्यायालय ने गुमानपुरा थाना पुलिस को एफआईआर दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया है.
गुमानपुरा निवासी नीरज तिवारी ने 9 जुलाई 2020 को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम संख्या 5 में इस्तगासा पेश किया था. हालांकि न्यायालय ने पहले उसे खारिज कर दिया था. जिसके बाद सत्र न्यायाधीश के समक्ष उन्होंने निगरानी याचिका पेश की थी. इसके बाद उन्होंने सुनवाई के लिए उसे अपर सेशन न्यायालय क्रम संख्या एक में भेजा. इस मामले की सुनवाई करते हुए अपर सेशन न्यायालय क्रम संख्या एक ने बाबा रामदेव को नोटिस जारी करने और गुमानपुरा थाने को बाबा रामदेव व पतंजलि के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया है.
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नीरज तिवारी की शिकायत है कि उन्होंने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के उत्पाद खरीदे थे. इसके पहले ही जीएसटी की दरों में कटौती सरकार ने की थी, लेकिन पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने अपने जीएसटी की दरों में कटौती नहीं की थी. ऐसे में ज्यादा जीएसटी उपभोक्ताओं से लिया गया. नीरज से भी ज्यादा जीएसटी वसूला गया था. इस दौरान नीरज ने साबुन, शैंपू, वाशिंग पाउडर, घी, शहद व एलोवेरा जेल सहित कई सामान खरीदे थे. ज्यादा जीएसटी वसूलने पर पहले उसने धारा 420 और 406 के तहत पुलिस कार्रवाई करने की मांग की थी, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ.