शिमलाः हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से ताल्लुक रखने वाले वेटरन एक्टर अनुपम खेर ने भाषा कला संस्कृति अकादमी के साहित्य कला संवाद के कारवां पड़ाव में वर्चुअली भाग लिया. इस दौरान अनुपम खेर ने अपने बचपन में शिमला में बिताए पलों को याद किया. अनुपम खेर ने कहा कि आज उन्हें जीवन में जो सफलता मिली है, उसमें पहाड़ों की रानी शिमला का बहुत बड़ा हाथ है.
खेर ने कहा कि बेहतरीन सालों की नींव शिमला की उर्वर भूमि में ही पड़ी थी. अनुपम खेर ने कहा कि पहाड़ों ने उनके जीवन में दृढ़ता और स्थिरता का भाव पैदा किया जिसकी वजह से उन्हें जीवन में सफलता मिली.
सफलता के बाद भी सादगी जरूरी
अनुपम खेर (Anupam Kher) ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर सैकड़ों फिल्म और असंख्य पुरस्कार के बाद भी अपने जीवन को बड़ा अंतराल मानते हैं. वर्चुअल संबोधन में अपनी बात रखते हुए अनुपम खेर ने कहा कि यदि व्यक्ति मेहनत और सच्चाई के साथ कार्य करता है तो उसे अवश्य ही सफलता मिलती है.
खेर ने बताया कि जीवन में उपलब्धियों के बाद भी सादगी होना बेहद जरूरी है. यह सादगी शिमला शहर और हिमाचल में बसी हुई है. अनुपम खेर ने बताया कि वह एक ऐसे कलाकार हैं, जिन्होंने अपने जीवन की असफलता की ऑटो बायोग्राफी को सफल रूप से स्वयं मंच पर उतारा है.
खेर ने याद की नाभा की रामलीला
मशहूर अभिनेता अनुपम खेर (Anupam Kher) ने शिमला में के नाभा में रहते हुए रामलीला में मंचन को भी याद किया. उन्होंने इस बातचीत के दौरान नाभा हाउस पर भी चर्चा की. रंगमंच का अनुपम खेर ने जुनून बताया. उन्होंने कहा कि भले ही इसमें पैसा कम हो, लेकिन जोश बरकरार रहता है. अनुपम खेर ने कहा कि जो कुछ भी उन्होंने सीखा है, रंगमंच से ही सीखा और अभी भी जीवन में वह बहुत कुछ सीख रहे हैं.
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