नई दिल्ली/गाजियाबाद : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध परिस्थितियों में सोमवार को मौत हो गई थी. इस मामले में कांग्रेस नेता और कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मुझे महंत की संदिग्ध मौत आत्महत्या से ज्यादा एक साजिश नजर आ रही है. इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.
प्रमोद कृष्णम ने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे. हस्ताक्षर तो करते थे, लेकिन पारंगत नहीं थे. ऐसे में पांच पन्नों का सुसाइड नोट लिखना उनके स्वभाव के विपरीत है. तमाम चीजें संदेह पैदा करती हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस मामले को गंभीरता के साथ लेना चाहिए. पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए, ताकि देश के सामने महंत नरेंद्र गिरि की मौत का रहस्य साफ हो सके.
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भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए प्रमोद कृष्णम ने कहा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साढ़े चार साल के कार्यकाल में कई साधुओं की हत्या हुई है. योगी आदित्यनाथ स्वयं संत हैं. बड़ा सवाल यह है कि आखिर संतों की कौन हत्या कर रहा है और संतों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर रहा है.
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प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मुझे भी सैकड़ों बार धमकियां मिल चुकी हैं. जिसको लेकर FIR तक दर्ज कराई गई है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. संतों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष निर्मल हृदय और खुले दिल के इंसान थे. वह कोई बात दिल में नहीं रखते थे. किसी से नाराजगी होती थी उसको सुना दिया करते थे. उनका इस तरह से दुनिया से चले जाना आध्यात्मिक जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है.