जम्मू-कश्मीर : जम्मू-कश्मीर सरकार ने बुधवार को प्रधानमंत्री के विशेष पुनर्वास पैकेज के तहत भर्ती किए गए प्रवासी कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए एक योजना को मंजूरी दी. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में यहां हुई प्रशासनिक परिषद (एसी) ने आज पीएम पैकेज कर्मचारियों को बढ़ावा देने की योजना को मंजूरी दी. बयान में कहा गया कि यह पीएम पैकेज के तहत नियुक्त कर्मचारियों के कैरियर की प्रगति में बाधा को दूर करेगा.
बयान के अनुसार, योजना में संबंधित नियुक्ति विभागों द्वारा पीएम पैकेज के तहत नियुक्त कश्मीरी प्रवासी कर्मचारियों के लिए अलग से वरिष्ठता बनाए रखने की परिकल्पना की गई है, जो नियमित कर्मचारियों की वरिष्ठता के समानांतर चलेगा और अतिरिक्त पदों के तहत नियुक्ति की तारीख से प्रभावी होगा. प्रशासनिक परिषद ने कश्मीरी प्रवासी कर्मचारियों के समय पर कैरियर की प्रगति के लिए मार्ग प्रशस्त करने के लिए उसी अनुपात में निचले स्तरों पर अलौकिक पदों को कम करके, उच्च स्तर पर पूर्व-कार्यात्मक सुपरन्यूमरी पदों के सृजन को मंजूरी दी. हालांकि, ये पदोन्नति भर्ती नियमों के अनुसार वरिष्ठता और पात्रता आवश्यकताओं पर आधारित होगी.
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यह भी कहा गया कि पैकेज की 'भावना' को बनाए रखने के लिए पीएम पैकेज के तहत सभी पदों को कश्मीर डिवीजन में मंडल स्तर के पदों के रूप में फिर से नामित किया गया है. नई संरचना सभी पीएम पैकेज कर्मचारियों को योग्यता और वरिष्ठता के आधार पर इन-सीटू पदोन्नति के लिए अवसर प्रदान करेगी. योजना के कार्यान्वयन की उच्चतम स्तर पर निगरानी की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पात्र कर्मचारी जल्द से जल्द योजना का लाभ उठाएं.
गौरतलब है कि वर्ष 2000 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए एक पीएम पैकेज योजना शुरू की थी. जिसके तहत कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को 6,000 सरकारी नौकरियां देने के साथ उनके लिए आवासीय कॉलोनियां भी स्थापित की जानी थी. इस पैकेज के तहत लगभग 5,000 कर्मचारियों की भर्ती की गई है जो कश्मीर के अलग-अलग जिलों में तैनात हैं. उनकी आवासीय कॉलोनियां भी बनाई गई हैं जहां दो हजार से अधिक कर्मचारी रहते हैं.