गुमलाः गुमला पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. मंगलवार देर रात पुलिस ने करीब एक बजे वाहन चेकिंग के दौरान गुप्ता नामक यात्री बस से पांच बड़े बैग में करीब सात करोड़ रुपये कैश बरामद की है. इसमें एक शख्स को भी शिंकजे में लिया गया है. गुमला एसपी डॉक्टर एहतेशाम वकारीब को मिली गुप्त सूचना के आधार पर सदर थाना क्षेत्र में पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है.
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गुप्ता नामक यात्री बस बिहार राज्य से होते हुए से ओड़िशा जा रही थी. पुलिस ने कैश के साथ मो. फरीद नामक युवक (22 वर्ष) को भी गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार फरीद ओड़िशा के राउरकेला स्थित काली मंदिर रोड का रहने वाला है जबकि भागने वालों में उसके दो साथी विशाल कुमार और मो. कैफ भी उसी इलाके के ही रहने वाले हैं. इसके बाद आलाधिकारियों के दिशा निर्देश पर लोकल पुलिस ने कैश को थाना के एक कमरे में सील करके रख दिया है. पुलिस गिरफ्तार फरीद को थाना में रखकर पूछताछ कर रही है. पूछताछ में मो. फरीद ने पुलिस को कई अहम जानकारी दी है, साथ ही बरामद कैश के बारे में बताया है.
गुमला में सात करोड़ कैश बरामद होने के बाद महकमे में हड़कंप है. इसकी जांच के लिए इनकम टैक्स की पांच सदस्यीय टीम गुमला पहुंचकर आगे की कार्रवाई कर रही है. बुधवार देर शाम तक आयकर की टीम थाना में बंद युवक से पूछताछ करती रही. इसके बाद सील बंद कमरे को मजिस्ट्रेट सह एसडीओ रवि जैन की निगरानी खोलकर वीडियोग्राफी के साथ रुपये की गिनती की तैयारी शुरू की गई. मगर कैश की गिनती देर रात तक नहीं शुरू हो सकी. जिसके कारण कैश के आंकड़ों की अधिकारिक पुष्टि नहीं की जा सकी थी. गिरफ्तार मो. फरीद द्वारा शुरुआती पूछताछ में पुलिस को बताए गए आंकड़ों के अनुसार पांच से सात करोड़ कैश आंकी गई है.
पैसों का दावा करने वाला पहले हुआ गायब, अब दोबारा पहुंचा थानाः हालांकि यह भी बताया जाता है कि जो व्यवसायी मो. फरीद का पीछा करते करते गुमला तक पहुंच चुका था. मगर उससे पहले ही पुलिस ने मो. फरीद को दबोच लिया. जिसके बाद व्यवसायी थाना पहुंचकर रुपये पर दावा करता रहा. वह दूसरे दिन भी यानी बुधवार सुबह तक थाना आकर उन बरामद रुपयों पर अपना दावा करता रहा. लेकिन इसके बाद से अचानक वो गायब हो गया और फिर थाना नहीं आया. लेकिन बुधवार को वो दोबारा थाना पहुंचा और लगातार वो थाना में ही जमा हुआ है. इधर पुलिस भी इस मामले को लेकर उससे भी लगातार कई कई सवाल कर रही है.
कहां से आए पैसेः सूत्रों की मानें तो गिरफ्तार मो. फरीद ने पूरे मामले को लेकर पूछताछ में पुलिस को काफी कुछ बताया है. मो. फरीद ने बताया कि विशाल, कैफ और वो दिल्ली के एक बड़े स्वर्ण व्यवसायी के यहां काम करते थे. वह व्यवसायी प्रत्येक दिन एक से डेढ़ किलो सोने की बिक्री करता है. विशाल पहले से कारोबारी के यहां काम करता था और बाद में विशाल के कहने पर मो. कैफ और मो. फरीद व्यवसायी के यहां काम पर रखे गए थे. विशाल ही इस पूरी घटना का मास्टरमाइंड है.
सर्राफा कारोबारी के यहां काम के दौरान ही तीनों ने व्यवसायी के यहां से कैश पैसे उड़ाने का प्लान तैयार बनाया था और एक दिन मौका पाकर तीनों ने व्यवसायी के यहां से पांच बैग में भरकर करीब सात करोड़ कैश लेकर दिल्ली से फरार हो गए. इसके बाद वो तीनों बस में बैठकर आनंद नगर पहुंचे, फिर वहां से ऑटो बुक कर डाल्टनगंज पहुंचे. इसके बाद डाल्टनगंज से तीनों गुप्ता नामक यात्री बस में सवार होकर ओड़िशा के राउरकेला जाने लगे.
बस में सफर करने के दरमियान उन तीनों को व्यवसायी द्वारा पीछा किये जाने का किसी तरह पता चला. जिसके बाद बीच रास्ते में ही बस से उतरकर विशाल और मो. कैफ भाग निकले. लेकिन मो. फरीद बस में रुपये से भरा बैग लेकर सफर करता रहा. इसी दौरान गुमला जिला में मंगलवार देर रात अचानक वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस लाइन चांडाली के समीप वह पकड़ा गया, साथ ही उससे कैश बरामद कर लिया गया.