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करीब 73 फीसदी बुजुर्गों ने लॉकडाउन के दौरान दुर्व्यवहार का सामना किया - लॉकडाउन

लॉकडाउन (lockdown) के दौरान लगभग 73 प्रतिशत बुजुर्गों ने दुर्व्यवहार (misbehaviour) का सामना किया. यही नहीं, हर तीसरे बुजुर्ग ने दावा किया कि लोग बुढ़ापे में घरेलू हिंसा का शिकार होते हैं. यह चौंकाने वाली बात एक रिपोर्ट में सामने आई है. यही

बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार
बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार
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Published : Jun 14, 2021, 7:08 PM IST

नई दिल्ली : कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच लगाए गए लॉकडाउन (lockdown) के दौरान लगभग 73 प्रतिशत बुजुर्गों ने दुर्व्यवहार (misbehaviour) का सामना किया. यह बात एक नई रिपोर्ट में कही गई है.

'एजवेल फाउंडेशन' ने पांच हजार बुजुर्गों की प्रतिक्रिया के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की है जिसे विश्व बुजुर्ग उत्पीड़न जागरुकता दिवस से पहले जारी किया है. इसमें कहा गया है कि प्रतिक्रिया देने वालों में से 82 प्रतिशत ने दावा किया कि मौजूदा कोविड-19 स्थिति के कारण उनका जीवन प्रभावित हुआ है.

73 प्रतिशत वृद्धों ने कहा दुर्व्यवहार बढ़ा

रिपोर्ट में पाया गया कि 73 प्रतिशत वृद्धों ने कथित तौर पर कहा कि उनके खिलाफ दुर्व्यवहार के मामले लॉकडाउन के दौरान और बाद में बढ़े हैं. उनमें से 61 प्रतिशत ने दावा किया कि परिवारों में बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार की तेजी से बढ़ती घटनाओं के लिए पारस्परिक संबंध मुख्य कारक थे.

परिवार-समाज में दुर्व्यवहार का शिकार

सर्वेक्षण के दौरान पाया गया कि प्रतिक्रिया देने वाले 65 प्रतिशत बुजुर्गों को अपने जीवन में उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है जबकि लगभग 58 प्रतिशत वृद्धों ने कहा कि वे अपने परिवारों और समाज में दुर्व्यवहार का शिकार हो रहे हैं.

बुढ़ापे में घरेलू हिंसा

रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि लगभग हर तीसरे बुजुर्ग (35.1 प्रतिशत) ने दावा किया कि लोग बुढ़ापे में घरेलू हिंसा (शारीरिक या मौखिक) का सामना करते हैं.

पढ़ें- गाजियाबाद: गिड़गिड़ाते रहे बुजुर्ग, बदमाशों ने काट दी दाढ़ी...वीडियो वायरल

फाउंडेशन के अध्यक्ष हिमांशु रथ ने कहा कि कोविड-19 और संबंधित लॉकडाउन और प्रतिबंधों ने लगभग हर इंसान को प्रभावित किया है, लेकिन बुजुर्ग अब तक सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच लगाए गए लॉकडाउन (lockdown) के दौरान लगभग 73 प्रतिशत बुजुर्गों ने दुर्व्यवहार (misbehaviour) का सामना किया. यह बात एक नई रिपोर्ट में कही गई है.

'एजवेल फाउंडेशन' ने पांच हजार बुजुर्गों की प्रतिक्रिया के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की है जिसे विश्व बुजुर्ग उत्पीड़न जागरुकता दिवस से पहले जारी किया है. इसमें कहा गया है कि प्रतिक्रिया देने वालों में से 82 प्रतिशत ने दावा किया कि मौजूदा कोविड-19 स्थिति के कारण उनका जीवन प्रभावित हुआ है.

73 प्रतिशत वृद्धों ने कहा दुर्व्यवहार बढ़ा

रिपोर्ट में पाया गया कि 73 प्रतिशत वृद्धों ने कथित तौर पर कहा कि उनके खिलाफ दुर्व्यवहार के मामले लॉकडाउन के दौरान और बाद में बढ़े हैं. उनमें से 61 प्रतिशत ने दावा किया कि परिवारों में बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार की तेजी से बढ़ती घटनाओं के लिए पारस्परिक संबंध मुख्य कारक थे.

परिवार-समाज में दुर्व्यवहार का शिकार

सर्वेक्षण के दौरान पाया गया कि प्रतिक्रिया देने वाले 65 प्रतिशत बुजुर्गों को अपने जीवन में उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है जबकि लगभग 58 प्रतिशत वृद्धों ने कहा कि वे अपने परिवारों और समाज में दुर्व्यवहार का शिकार हो रहे हैं.

बुढ़ापे में घरेलू हिंसा

रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि लगभग हर तीसरे बुजुर्ग (35.1 प्रतिशत) ने दावा किया कि लोग बुढ़ापे में घरेलू हिंसा (शारीरिक या मौखिक) का सामना करते हैं.

पढ़ें- गाजियाबाद: गिड़गिड़ाते रहे बुजुर्ग, बदमाशों ने काट दी दाढ़ी...वीडियो वायरल

फाउंडेशन के अध्यक्ष हिमांशु रथ ने कहा कि कोविड-19 और संबंधित लॉकडाउन और प्रतिबंधों ने लगभग हर इंसान को प्रभावित किया है, लेकिन बुजुर्ग अब तक सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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