अगरतला: केंद्र सरकार ने त्रिपुरा में एक सहित पूर्वोत्तर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के तीन नए क्षेत्र खोलने की मंजूरी दे दी है. एक प्रेस विज्ञप्ति में, एनसीबी ने कहा कि भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए और बेहतर समन्वित प्रयासों के लिए, गृह मंत्रालय ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के माध्यम से 8 अक्टूबर को असम प्रशासनिक स्टाफ कॉलेज, गुवाहाटी में मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक क्षेत्रीय बैठक आयोजित की.
क्षेत्रीय बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह अमित शाह ने की और इसमें डोनर मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सभी पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों, सभी मुख्य सचिवों, डीजीपी, सभी 07 पूर्वोत्तर और वरिष्ठों के एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स के प्रमुखों ने भाग लिया. केंद्रीय गृह सचिव, निदेशक आईबी, डीजीपी बीएसएफ, असम राइफल्स, सचिव MoSJE, DoR, CRPF, SSB, BSF, CISF, ITBP, RPF, NIA, DRI, CBIC, ED आदि के वरिष्ठ अधिकारियों सहित भारत सरकार के अधिकारी.
प्रवर्तन एजेंसी को तस्करी के सभी माध्यमों को नष्ट करने का लक्ष्य रखना चाहिए : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को जोर देते हुए कहा कि मादक पदार्थों को जब्त किये जाने भर से देश मादक पदार्थों से मुक्त नहीं हो जाएगा. बल्कि प्रवर्तन एजेंसी को तस्करों और अंतिम उपभोक्ता के बीच इसके माध्यमों को नष्ट करने के लक्ष्य के साथ काम करना चाहिए. 'मादक पदार्थ तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा' पर यहां क्षेत्रीय बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा तभी सुनिश्चित हो सकती है जब मादक पदार्थों की तस्करी और इससे संबद्ध सभी माध्यमों को नष्ट कर दिया जाए क्योंकि उग्रवाद, हथियारों की तस्करी तथा तस्करी से जुड़ी अन्य राष्ट्र विरोधी गतिविधियां तस्करी से संबद्ध हैं.
उन्होंने कहा कि हथियारों की तस्करी के साथ उग्रवाद और मादक पदार्थों की तस्करी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. शाह ने कहा कि प्रवर्तन एजेंसी को तस्करों और अंतिम उपभोक्ता के बीच सभी माध्यमों को नष्ट करने के लक्ष्य के साथ काम करना चाहिए. उन्होंने कानून प्रवर्तन, स्वास्थ्य, राजस्व और समाज कल्याण विभागों से आग्रह किया कि मादक पदार्थ की तस्करी रोकने के लिए द्विआयामी रुख अपनाया जाए. उन्होंने कहा कि हमें तस्करों के प्रति कठोर होना होगा और साथ ही पीड़ितों के साथ संवेदनशीलता बरतनी होगी.
पूर्वोत्तर में डिजिटल माध्यम से अमित शाह की उपस्थिति में 40,000 किलोग्राम मादक पदार्थ नष्ट किए गए: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की डिजिटल माध्यम से उपस्थिति में शनिवार को स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) और पूर्वोत्तर राज्यों की एजेंसियों द्वारा जब्त की गई करीब 40,000 किलोग्राम मादक पदार्थ को नष्ट किया गया. एनसीबी द्वारा जब्त की गई 11,000 किलोग्राम मादक पदार्थ गुवाहाटी में नष्ट किये गये. वहीं असम सरकार की एजेंसियों द्वारा जब्त किए गए 8,000 किलोग्राम नशीले पदार्थों को भी आग के हवाले कर दिया गया.
शाह के कार्यालय ने ट्वीट किया कि केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की उपस्थिति में पूर्वोत्तर राज्यों में लगभग 40,000 किलोग्राम मादक पदार्थ नष्ट किए गए. गुवाहाटी में एनसीबी द्वारा- 11,000 किलोग्राम, असम- 8,000 किलोग्राम, अरुणाचल प्रदेश- 4000 किलोग्राम, मेघालय- 1600 किलोग्राम, नगालैंड- 398 किलोग्राम, मणिपुर- 1900 किलोग्राम, मिजोरम- 1500 किलोग्राम, त्रिपुरा- 12,000 किलोग्राम मादक पदार्थ शामिल थे. गृह मंत्री ने ऑनलाइन गुवाहाटी से नशीले पदार्थों को नष्ट होते देखा. शाह असम के तीन दिवसीय दौरे पर हैं.
अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाला एनसीबी एक जून से जब्त नशीले पदार्थों को नष्ट करने के लिए एक विशेष अभियान चला रहा है. स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर एनसीबी ने निर्णय लिया था कि 75 दिनों के इस विशेष अभियान के दौरान ब्यूरो की सभी क्षेत्रीय इकाइयों द्वारा 75,000 किलोग्राम नशीले पदार्थों को नष्ट किया जाएगा. एनसीबी ने समय सीमा से काफी पहले, केवल 60 दिनों में लक्ष्य हासिल कर लिया और नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ाई के संबंध में राष्ट्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.
अधिकारियों ने बताया कि 30 जुलाई तक करीब 82,000 किलोग्राम जब्त मादक पदार्थ नष्ट कर दिए गए. इस अभियान के तहत 30 जुलाई को चंडीगढ़ में आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान गृह मंत्री ने डिजिटल माध्यम से एनसीबी की विभिन्न फील्ड इकाइयों द्वारा 31,000 किलोग्राम नशीले पदार्थों को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू की. अधिकारियों ने बताया कि एक से सात जून तक चले इस विशेष अभियान के दौरान एनसीबी ने करीब 1,09,000 किलोग्राम जब्त नशीला पदार्थ नष्ट किए.