अहमदाबाद: भूकंप विज्ञान विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2001 में आए भूकंप का असर अगले 50 से 100 साल तक छोटे-छोटे भूकंपों के रूप में देखने को मिलेगा. भूकंप विज्ञान विभाग के निदेशक सुमेर चोपड़ा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि 'अगर हम गुजरात की भौगोलिक स्थिति की बात करें तो गुजरात की भौगोलिक स्थिति अलग-अलग क्षेत्रों यानी कच्छ, सौराष्ट्र, मध्य गुजरात, उत्तर गुजरात और दक्षिण गुजरात में अलग-अलग है.'
उन्होंने बताया कि गुजरात में तीन अलग-अलग प्रकार की भूगर्भिक स्थितियां हैं, जो भूकंप संभावित हैंं. सौराष्ट्र में भी बहुत तेज़ और बड़े भूकंप आते हैं. लेकिन मध्य गुजरात और दक्षिण गुजरात में बहुत कम भूकंप आते हैं. पिछले 15 सालों में इस क्षेत्र में कोई नया भूकंप नहीं आया है.
सुमेर चोपड़ा ने कहा कि साल 2001 में 7.5 तीव्रता का भूकंप आया था. वह भूकंप बहुत बड़ा था और उसके कारण कुछ सालों तक लगातार झटके आते रहते हैं, जिन्हें आफ्टरशॉक भी कहा जाता है. इस प्रकार, एक बड़े भूकंप के कारण, आसपास के क्षेत्र में छोटे-छोटे फॉल्ट पुनः सक्रिय हो जाते हैं और लोड हो जाते हैं, जिसके कारण ऐसे छोटे-छोटे भूकंप आते रहते हैं. ये भूकंप कई वर्षों तक आते रहते हैं.
उन्होंने कहा कि 'पिछले 15 साल से हमारा विभाग भी इस मामले पर रिसर्च कर रहा है. छोटे-छोटे भूकंप आते रहते हैं, लेकिन अभी तक एक भी नया भूकंप रिकॉर्ड नहीं किया गया है.'
'कच्छ-भुज क्षेत्र भूकंप का एपी सेंटर है. अभी भी भूकंप के झटके आ रहे हैं और ये कई सालों तक जारी रहेंगे. गुजरात में तीन अलग-अलग प्रकार की भूगर्भिक स्थितियां हैं, जो भूकंप संभावित हैं. साल 2001 में 7.5 तीव्रता का भूकंप आया था.- सुमेर चोपड़ा, निदेशक, भूकंप विज्ञान अनुसंधान केंद्र.
गुजरात में कितने भूकंप के झटके? इंस्टीट्यूट ऑफ सिस्मोलॉजी रिसर्च डिपार्टमेंट से मिली जानकारी के मुताबिक जनवरी 2023 से नवंबर 2023 तक कुल 550 भूकंप महसूस किए गए हैं. 2.0 से 2.9 तीव्रता के कुल 317 झटके, 2.0 से 2.9 तीव्रता के 144 झटके, 3 से 3.9 तीव्रता के 129 झटके और 4 से 4.9 तीव्रता के 3 झटके दर्ज किए गए हैं. पूरे गुजरात की बात करें तो नवंबर 2023 तक कुल 1000 छोटे भूकंप दर्ज किए गए हैं. जिसमें करीब 900 झटके 3 तीव्रता से कम के थे. इस प्रकार के भूकंप को सूक्ष्म भूकंप भी कहा जाता है.