सुलतानपुर: समाज में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो सेवा के अद्भुत प्रतिमान गढ़ रहे हैं. ऐसा ही एक आदर्श अब्दुल हक ने स्थापित किया है. अब्दुल हक ने धर्म और जाति की बेड़ियों को तोड़ते हुए एक लावारिस वृद्ध को श्मसान घाट तक लेकर गए. वहां हिंदू रीति-रिवाजों के मुताबिक वृद्ध को स्वयं मुखाग्नि दी और उसका अंतिम संस्कार( last rites) किया.
पुलिस की सूचना पर पहुंचे अब्दुल हक
दरअसल, कादीपुर कोतवाली क्षेत्र के सराय रानी इलाके में 80 वर्षीय वृद्ध का शव लावारिस हालत में मिला था. 3 दिन तक पुलिस ने शिनाख्त की प्रक्रिया अपनाई. इसके लिए सूचना सोशल मीडिया पर भी प्रसारित की गई, लेकिन जब कोई परिजन पुलिस के पास अंतिम संस्कार के लिए नहीं पहुंचा तो पुलिस की सूचना पाकर समाजसेवी अब्दुल हक मौके पर पहुंचे. मुस्लिम परिवार से होते हुए हिंदू रीति रिवाज से शव का दाह संस्कार किया.
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अब तक कर चुकें हैं 30 लावारिस शव का अंतिम संस्कार
समाजसेवी अब्दुल हक अब तक 30 लावारिस शव का अंतिम संस्कार कर चुके हैं, जिसमें हिंदू और मुस्लिम अनाथ शव शामिल हैं. मुस्लिम समूह को कब्रिस्तान तक पहुंचाना और हिंदू शवों को मुखाग्नि देना वह अपना नैतिक कर्तव्य समझते हैं. सामाजिक ताने और उपेक्षा सुनने के बावजूद भी कई बार अब्दुल हक ने अपने समाज सेवी होने का नैतिक कर्तव्य निभाया है. पुलिस अधीक्षक डॉ विपिन मिश्र ने उनके इस कार्य पर उनको बधाई दी है.