विशाखापत्तनम : यहां के एमवीपी कॉलोनी में रहने वाले रविराज नामक एक शख्स ने अपनी मां पोलम्मा की यादों को ताजा करने में सफलता पाई है. जिनकी कुछ दिनों पहले ही मृत्यु हो गई थी. अपनी मां की यादों को तरोताजा करने के लिए रविराज ने सोचा कि उनकी मूर्ति को घर में रखना अच्छा होगा.
दरअसल, रविराज ऐसा महसूस करते हैं कि उन्हें अपनी मां को देखकर हौसला और हिम्मत मिलती है. इसके तुरंत बाद उन्होंने अपनी माता की मूर्ति तैयार करने के लिए वाई रविचंद्रन नाम के एक मूर्तिकार से संपर्क किया. दो महीने के समर्पण और कड़ी मेहनत के बाद यह मूर्ति स्वाभाविक रूप से तैयार हो गई.
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बनाई गई मूर्तिकला एकदम यथार्थवादी और जीवित लगती है. मूर्ति को एक सिंहासन पर बैठने की स्थिति में बनाया गया है. जैसे कि पांच-साढ़े पांच फुट ऊंची मुस्कुराहट वाली प्रतिमा होती है.