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Rape With Minor Girl: स्वयंसेवक का काम करने वाले व्यक्ति ने किया नाबालिग से कई बार दुष्कर्म, हुई गर्भवती - नाबालिग से कई बार दुष्कर्म

आंध्र प्रदेश के एलुरु में एक व्यक्ति काफी समय से एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म कर रहा था, जिसके चलते वह गर्भवती हो गई. दो महीने पहले जब पीड़िता अकेली थी तो आरोपी माता-पिता का आधार कार्ड चेक करने के बहाने उसके घर में घुसा और उसके साथ दुष्कर्म किया. परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. Rape With Minor Girl, AP volunteer raped minor girl, rape with minor girl in AP.

rape of a minor
नाबालिग से दुष्कर्म
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 18, 2023, 9:49 PM IST

एलुरु (आंध्र प्रदेश): एक व्यक्ति के खिलाफ एक नाबालिग लड़की के साथ बार-बार यौन उत्पीड़न करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया, जिससे पीड़िता गर्भवती हो गई. यह घटना आंध्र प्रदेश के डेंडुलुरु मंडल के एलुरु जिले में सामने आई. पीड़िता के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि आरोपी एक स्वयंसेवक के रूप में काम कर रहा था और लोगों को सरकार से संबंधित योजनाओं का लाभ उठाने में सहायता प्रदान कर रहा था.

पीड़िता के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि 'शुरुआत में पुलिस आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर रही थी, क्योंकि वह कुछ वाईएसआरसीपी नेताओं के निकट है.' आरोपी की पहचान नीलापु शिवकुमार के तौर पर हुई है, जो काफी समय से नाबालिग लड़की का उत्पीड़न कर रहा था. दो महीने पहले जब पीड़िता अकेली थी, तो आरोपी माता-पिता का आधार कार्ड चेक करने के बहाने उसके घर में घुसा और उसके साथ दुष्कर्म किया.

इसके बाद आरोपी ने पीड़िता के साथ बार-बार दुष्कर्म किया, जिससे वह गर्भवती हो गई. छुट्टियों के दौरान लड़की अपने दादा-दादी के घर गई, जहां उसकी मेडिकल जांच हुई. जांच में वह गर्भवती पाई गई. लड़की के परिवार के सदस्यों ने आरोपी का विरोध किया, जिस पर आरोपी पीड़िता को 10,000 रुपये देने की पेशकश करने लगा. वह गांव के पंचायत सदस्यों के निर्णय के अनुसार पीड़िता से शादी करने के लिए भी सहमत हो गया.

पंचायत सदस्यों के फैसले के मुताबिक पहले आरोपी लड़की से शादी करने को तैयार हो गया, लेकिन बाद में वह भाग गया. पीड़िता के परिवार वाले आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए स्पेशल एलुरु दिशा पुलिस स्टेशन पहुंचे, लेकिन थाने पर कोई अधिकारी मौजूद नहीं था. इसके बाद, वे डेंडुलुरु पुलिस स्टेशन गए, जहां पुलिस अधिकारी ने कथित तौर पर उनकी शिकायत दर्ज नहीं की और उन्हें लौटा दिया.

पीड़िता के परिजनों ने इस मामले को 'जगनन्नकु चेबुदम', 'स्पंदना' और 112 जैसी हेल्पलाइनों के सामने उठाया और शिकायत दर्ज की. आख़िरकार बीती 5 अक्टूबर को मामला दर्ज किया गया. जब लड़की के परिजनों ने पुलिस से जांच में देरी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि अगर उन्हें आरोपी मिलेगा तो वे कार्रवाई करेंगे.

मीडिया द्वारा एफआईआर दर्ज करने में देरी के बारे में पूछे जाने पर एलुरु एसपी मैरी प्रशांति ने बताया कि यह सच था कि दिशा पुलिस स्टेशन में कोई अधिकारी नहीं थे. घटना मेरे संज्ञान में नहीं है. मामले की जांच की जाएगी और इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

एलुरु (आंध्र प्रदेश): एक व्यक्ति के खिलाफ एक नाबालिग लड़की के साथ बार-बार यौन उत्पीड़न करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया, जिससे पीड़िता गर्भवती हो गई. यह घटना आंध्र प्रदेश के डेंडुलुरु मंडल के एलुरु जिले में सामने आई. पीड़िता के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि आरोपी एक स्वयंसेवक के रूप में काम कर रहा था और लोगों को सरकार से संबंधित योजनाओं का लाभ उठाने में सहायता प्रदान कर रहा था.

पीड़िता के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि 'शुरुआत में पुलिस आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर रही थी, क्योंकि वह कुछ वाईएसआरसीपी नेताओं के निकट है.' आरोपी की पहचान नीलापु शिवकुमार के तौर पर हुई है, जो काफी समय से नाबालिग लड़की का उत्पीड़न कर रहा था. दो महीने पहले जब पीड़िता अकेली थी, तो आरोपी माता-पिता का आधार कार्ड चेक करने के बहाने उसके घर में घुसा और उसके साथ दुष्कर्म किया.

इसके बाद आरोपी ने पीड़िता के साथ बार-बार दुष्कर्म किया, जिससे वह गर्भवती हो गई. छुट्टियों के दौरान लड़की अपने दादा-दादी के घर गई, जहां उसकी मेडिकल जांच हुई. जांच में वह गर्भवती पाई गई. लड़की के परिवार के सदस्यों ने आरोपी का विरोध किया, जिस पर आरोपी पीड़िता को 10,000 रुपये देने की पेशकश करने लगा. वह गांव के पंचायत सदस्यों के निर्णय के अनुसार पीड़िता से शादी करने के लिए भी सहमत हो गया.

पंचायत सदस्यों के फैसले के मुताबिक पहले आरोपी लड़की से शादी करने को तैयार हो गया, लेकिन बाद में वह भाग गया. पीड़िता के परिवार वाले आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए स्पेशल एलुरु दिशा पुलिस स्टेशन पहुंचे, लेकिन थाने पर कोई अधिकारी मौजूद नहीं था. इसके बाद, वे डेंडुलुरु पुलिस स्टेशन गए, जहां पुलिस अधिकारी ने कथित तौर पर उनकी शिकायत दर्ज नहीं की और उन्हें लौटा दिया.

पीड़िता के परिजनों ने इस मामले को 'जगनन्नकु चेबुदम', 'स्पंदना' और 112 जैसी हेल्पलाइनों के सामने उठाया और शिकायत दर्ज की. आख़िरकार बीती 5 अक्टूबर को मामला दर्ज किया गया. जब लड़की के परिजनों ने पुलिस से जांच में देरी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि अगर उन्हें आरोपी मिलेगा तो वे कार्रवाई करेंगे.

मीडिया द्वारा एफआईआर दर्ज करने में देरी के बारे में पूछे जाने पर एलुरु एसपी मैरी प्रशांति ने बताया कि यह सच था कि दिशा पुलिस स्टेशन में कोई अधिकारी नहीं थे. घटना मेरे संज्ञान में नहीं है. मामले की जांच की जाएगी और इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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