हैदराबाद: तेलंगाना विधामसभा चुनाव 2023 को लेकर रस्साकसी मची है. चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल रैली कर रहे हैं. इसी सिलसिले में पीएम मोदी ने रविवार को तेलंगाना के महमूदनगर में एक जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने इस जनसभा को संबोधित करते हुए राज्य को हल्दी बोर्ड की सौगात दी. इस एलान के बाद हल्दी किसानों में खुशी दौड़ गई. पीएम नरेंद्र मोदी ने महबूबनगर की सार्वजनिक बैठक में कहा कि 'कोविड के बाद हल्दी के गुणों को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ी है और विश्व में हल्दी की मांग काफी बढ़ गई है. आज हल्दी का उत्पादन किसानों के लिए काफी फायदेमंद है.
किसान ने 12 साल बाद पहनी चप्पल
महमूदनगर में पीएम नरेंद्र मोदी की इस घोषणा के बाद हल्दी किसानों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा. पीएम की घोषणा के बाद एक किसान ने लगभग 12 साल के बाद चप्पलें पहनी. दरअसल, निजामाबाद जिले के पालेम गांव के किसान मुत्याला मनोहर रेड्डी की सालों से तेलंगाना को एक हल्दी बोर्ड देने की मांग थी. मनोहर रेड्डी का कहना था कि हल्दी की फसल के लिए लाभकारी मूल्य नहीं मिलने से किसानों को काफी परेशानी होती है, जिससे फसल औने-पौने दाम में बिकती हैं और समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पाता. जिससे किसानों को काफी घाटा होता है. राज्य में अगर एक हल्दी बोर्ड स्थापित कर दिया जाए, तो किसानों के लिए ये वरदान साबित होगा.
पीएम मोदी का किया धन्यवाद
हल्दी किसान मनोहर रेड्डी ने 4 नवंबर 2011 को हल्दी बोर्ड मिलने तक चप्पल नहीं पहनने का प्रण लिया था. हल्दी बोर्ड स्थापित करने के लिए किसान मनोहर रेड्डी ने जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों को कई याचिकाएं भी दी थीं. अपनी मांगों को लेकर मनोहर रेड्डी 2013 में आर्मोर से तिरूपति तक पैदल गए थे और वेंकटेश्वर स्वामी से प्रार्थना की थी. जिसके बाद रविवार को प्रधानमंत्री मोदी की हल्दी बोर्ड देने की घोषणा के बाद मनोहर रेड्डी ने रविवार शाम निजामाबाद कृषि बाजार कार्यालय में चप्पल पहनी. उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि हल्दी बोर्ड के अनुदान से उनका सपना साकार हो गया है.