हल्द्वानी: पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka amrit mahotsav) मना रहा है. केंद्र सरकार की अमृत सरोवर योजना के तहत उत्तराखंड वन विभाग ने वेस्टर्न सर्किल के जंगलों में 97 अमृत सरोवर बनाए जाने की कवायद शुरू कर दी है. इनसे जंगलों में वन्यजीव की प्यास के साथ ही जैव विविधता को संरक्षण होगा. वन विभाग 15 अगस्त को पहले चरण में 25 सरोवरों का शुभारंभ करने जा रहा है. इस मौके पर जंगल में बनाए गए अमृत सरोवर तालाब में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और शहीद परिवार से जुड़े लोगों के हाथों से झंडारोहण करवाया जाएगा.
प्रभागीय वनाधिकारी तराई पूर्वी संदीप कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार की अमृत सरोवर योजना के तहत जंगलों में अमृत सरोवर तालाब बनाए जाने हैं. इसके लिए विभाग द्वारा कार्य योजना शुरू कर दी गई है. तालाबों के निर्माण के लिए कैंपा योजना और सीएसआर फंड से मदद ली जा रही है. जंगल के बीचों-बीच तलाब बनाए जाने से जल संरक्षण के साथ-साथ जैव विविधता का भी संरक्षण होगा. इसके अलावा गर्मी के दिनों में वन्यजीवों के लिए पानी का संकट भी दूर होगा. इस महत्वपूर्ण योजना के जरिए जल संकट की स्थिति से निपटने के साथ-साथ भूजल स्तर को भी बढ़ावा मिलेगा.
वेस्टर्न सर्किल में 97 अमृत सरोवर: अमृत सरोवर योजना के तहत हल्द्वानी वन प्रभाग में 10, तराई पूर्वी वन प्रभाग में 30, तराई केंद्रीय वन प्रभाग में 25, तराई पश्चिमी वन प्रभाग में 12 और रामनगर वन प्रभाग में 20 तालाब बनने हैं. इन सरोवरों के बनने से वन्यजीवों की प्यास बुझेगी, साथ ही जैव विविधता को संरक्षण होगा.
गौरतलब है कि तराई के जंगलों का भाग नेपाल सीमा से लेकर कॉर्बेट पार्क सीमा के वेस्टर्न सर्किल में 127 हाथी और 125 बाघों के अलावा बहुत से सारे वन्यजीवों का आवास स्थल है. गर्मियों में इन जंगली जानवरों को अपनी प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. जिसके चलते जंगली जानवर आबादी की ओर पहुंचते हैं. जहां मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं. ऐसे में जंगलों के बीच बनाए गए अमृत सरोवर के पानी से जंगली जानवर अपनी प्यास बुझा सकेंगे. मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं भी रुकेंगी.