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डिजिटल रेप के मामले में 80 साल का बुजुर्ग गिरफ्तार, जानिए क्या है डिजिटल रेप? - वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग

नोएडा में डिजिटल रेप का मामला प्रकाश में आया है. डिजिटल रेप का मामला सामने आते ही लोग इस रेप के बारे में जानने के लिए उत्सुक हो गए हैं. आरोप है कि नोएडा के सेक्टर-39 क्षेत्र में रहने वाला बुजुर्ग चित्रकार अपनी नाबालिग नौकरानी से पिछले सात सालों से डिजिटल रेप कर रहा था.

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Published : May 15, 2022, 10:52 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा : नोएडा में एक डिजिटल रेप का मामला प्रकाश में आया है. डिजिटल रेप का मामला सामने आते ही लोग इस रेप के बारे में जानने के लिए उत्सुक हो गए हैं. आरोप है कि नोएडा के सेक्टर-39 क्षेत्र में रहने वाला एक बुजुर्ग चित्रकार अपनी नाबालिग नौकरानी से पिछले सात सालों से डिजिटल रेप कर रहा था. अब पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी चित्रकार को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है.

एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि मूल रूप से इलाहाबाद (प्रयागराज) निवासी चित्रकार मौरिस राइडर (80) अपनी एक महिला दोस्त के साथ सेक्टर 46 में रहता है. आरोपी की महिला दोस्त के संरक्षण में एक 17 वर्षीय किशोरी भी रहती है. किशोरी घर में घरेलू सहायिका का काम करती है. किशोरी का आरोप है कि पिछले कई सालों से आरोपी मौरिस राइडर उसके साथ यौन शोषण कर रहा है.

डिजिटल रेप बलात्कार की वह स्थिति है जिसमें अंगुली, अंगूठा या पैर की अंगुली का इस्तेमाल नाजुक अंगों पर किया गया हो.

पीड़ित ने शिकायत करते हुए बताया कि जब वह दस साल की थी तभी से यहां रह रही है. एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि पीड़ित ने आरोपी की कई वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग भी पुलिस को दी है. आरोपी के खिलाफ पुलिस ने धारा 376, 323, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की है. पीड़ित की तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके आरोपी को जेल भेज दिया है.

क्या होता है डिजिटल रेप?

नोएडा में डिजिटल रेप के मुकदमे में गिरफ्तारी की खबर के बाद नोएडा के लोगों और पुलिस विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों में भी इसके बारे में जानने की उत्सुकता दिखाई दी. डिजिटल रेप का मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से कोई लेना देना ही नहीं है. डिजिटल रेप का मतलब यह नहीं कि किसी लड़की या लड़के का शोषण इंटरनेट के माध्यम से किया जाए. यह दो शब्दों डिजिटल और रेप से बना है. अंग्रेजी के डिजिट का मतलब जहां अंक होता है. वहीं अंग्रेजी शब्दकोश के मुताबिक अंगुली, अंगूठा, पैर की अंगुली शरीर के इन अंगों को भी डिजिट से संबोधित किया जाता है. यानी यह बलात्कार की वह स्थिति है जिसमें अंगुली, अंगूठा या पैर की अंगुली का इस्तेमाल नाजुक अंगों पर किया गया हो.

बच्चों को बैड टच और गुड टच के माध्यम से भी बताया जा रहा है डिजिटल रेप

डिजिटल रेप को लेकर भी सोशल मीडिया के जरिए पिछले पांच सालों से जागरूकता फैलाई जा रही है. ऐसा तब हुआ जब 2016 में स्कूल से पढ़कर घर लौटते वक्त स्कूल बस के कंडक्टर ने केजी में पढ़ने वाली बच्ची के साथ बस में यौन शोषण किया. बच्ची के साथ हुई इस घिनौनी हरकत को जानने के बाद बच्ची के माता-पिता का गुस्सा फूटा और उन्होंने इंसाफ पाने के लिए प्रदर्शन किए. इसी के चलते उस समय सोशल मीडिया पर बच्चों की सुरक्षा को लेकर कैंपेन भी चलाए गए. आरोपी कंडक्टर को बीस साल की सजा सुनाई गई. इसके बाद से ही मासूम बच्चों के साथ हो रहे अत्याचारों से उन्हें अवगत कराने के लिए प्ले स्कूलों व प्राइमरी स्कूलों में कई तरह की मुहिम भी चलाई जा रही है. डिजिटल रेप के बारे में जानकारी भी दी जा रही है.

नई दिल्ली/नोएडा : नोएडा में एक डिजिटल रेप का मामला प्रकाश में आया है. डिजिटल रेप का मामला सामने आते ही लोग इस रेप के बारे में जानने के लिए उत्सुक हो गए हैं. आरोप है कि नोएडा के सेक्टर-39 क्षेत्र में रहने वाला एक बुजुर्ग चित्रकार अपनी नाबालिग नौकरानी से पिछले सात सालों से डिजिटल रेप कर रहा था. अब पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी चित्रकार को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है.

एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि मूल रूप से इलाहाबाद (प्रयागराज) निवासी चित्रकार मौरिस राइडर (80) अपनी एक महिला दोस्त के साथ सेक्टर 46 में रहता है. आरोपी की महिला दोस्त के संरक्षण में एक 17 वर्षीय किशोरी भी रहती है. किशोरी घर में घरेलू सहायिका का काम करती है. किशोरी का आरोप है कि पिछले कई सालों से आरोपी मौरिस राइडर उसके साथ यौन शोषण कर रहा है.

डिजिटल रेप बलात्कार की वह स्थिति है जिसमें अंगुली, अंगूठा या पैर की अंगुली का इस्तेमाल नाजुक अंगों पर किया गया हो.

पीड़ित ने शिकायत करते हुए बताया कि जब वह दस साल की थी तभी से यहां रह रही है. एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि पीड़ित ने आरोपी की कई वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग भी पुलिस को दी है. आरोपी के खिलाफ पुलिस ने धारा 376, 323, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की है. पीड़ित की तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके आरोपी को जेल भेज दिया है.

क्या होता है डिजिटल रेप?

नोएडा में डिजिटल रेप के मुकदमे में गिरफ्तारी की खबर के बाद नोएडा के लोगों और पुलिस विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों में भी इसके बारे में जानने की उत्सुकता दिखाई दी. डिजिटल रेप का मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से कोई लेना देना ही नहीं है. डिजिटल रेप का मतलब यह नहीं कि किसी लड़की या लड़के का शोषण इंटरनेट के माध्यम से किया जाए. यह दो शब्दों डिजिटल और रेप से बना है. अंग्रेजी के डिजिट का मतलब जहां अंक होता है. वहीं अंग्रेजी शब्दकोश के मुताबिक अंगुली, अंगूठा, पैर की अंगुली शरीर के इन अंगों को भी डिजिट से संबोधित किया जाता है. यानी यह बलात्कार की वह स्थिति है जिसमें अंगुली, अंगूठा या पैर की अंगुली का इस्तेमाल नाजुक अंगों पर किया गया हो.

बच्चों को बैड टच और गुड टच के माध्यम से भी बताया जा रहा है डिजिटल रेप

डिजिटल रेप को लेकर भी सोशल मीडिया के जरिए पिछले पांच सालों से जागरूकता फैलाई जा रही है. ऐसा तब हुआ जब 2016 में स्कूल से पढ़कर घर लौटते वक्त स्कूल बस के कंडक्टर ने केजी में पढ़ने वाली बच्ची के साथ बस में यौन शोषण किया. बच्ची के साथ हुई इस घिनौनी हरकत को जानने के बाद बच्ची के माता-पिता का गुस्सा फूटा और उन्होंने इंसाफ पाने के लिए प्रदर्शन किए. इसी के चलते उस समय सोशल मीडिया पर बच्चों की सुरक्षा को लेकर कैंपेन भी चलाए गए. आरोपी कंडक्टर को बीस साल की सजा सुनाई गई. इसके बाद से ही मासूम बच्चों के साथ हो रहे अत्याचारों से उन्हें अवगत कराने के लिए प्ले स्कूलों व प्राइमरी स्कूलों में कई तरह की मुहिम भी चलाई जा रही है. डिजिटल रेप के बारे में जानकारी भी दी जा रही है.

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