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प्रयागराज में तैनात 8 पुलिस कर्मियों का गैर जनपद में तबादला, गोपनीय जांच के बाद जारी हुआ आदेश - Lucknow Police

उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद के शुभचितंक भी निशाने पर हैं. जांच के बाद 8 पुलिस वालों का तबादला कर दिया गया. हालांकि अभी इसे रूटीन ट्रांसफर ही बताया जा रहा है.

प्रयागराज में तैनात 8 पुलिस कर्मियों का गैर जनपद में तबादला.
प्रयागराज में तैनात 8 पुलिस कर्मियों का गैर जनपद में तबादला.
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Published : Mar 23, 2023, 6:46 AM IST

प्रयागराज : उमेश पाल हत्याकांड के बाद आए तबादले के आदेश से पुलिस महकमे में खलबली मच गई. जिले में तैनात एक पुलिस इंस्पेक्टर और 3 सब इंस्पेक्टर के अलावा 4 सिपाहियों को गैर जनपद भेजने के आदेश जारी किए गए हैं. लखनऊ में बैठे अफसरों को इन आठों पुलिस वालों को तत्काल कार्यमुक्त करने के निर्देश जारी किए गए हैं. तबादले को लेकर चर्चा है कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद धूमनगंज करेली और पूरामुफ्ती थाने में तैनात इन पुलिस अफसरों की गोपनीय जांच के बाद ही यह फैसला लिया गया है. चर्चा है कि अतीक अहमद गैंग का शुभचिंतक होने के चलते इन सभी को जिले से बाहर भेज दिया गया है.

उमेश पाल हत्याकांड के बाद से लगातार प्रयागराज पुलिस और एसटीएफ पर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे थे. शहर के धूमनगंज करेली और पूरामुफ्ती थाने में तैनात एक वर्ग विशेष के सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक को गैर जनपद भेजने का आदेश लखनऊ से जारी कर दिया गया है. इन 8 पुलिस वालों को तत्काल जिले से कार्यमुक्त किया जाना है. गैर जनपद भेजे जाने वालों में धूमनगंज थाने में तैनात एक इंस्पेक्टर के अलावा करेली और पूरामुफ्ती थाने में तैनात 3 सब इंस्पेक्टर शामिल हैं. इसके साथ ही पूरामुफ्ती थाने में तैनात 2 सब इंस्पेक्टर और करेली थाने के एक सब इंस्पेक्टर का तबादला दूसरे मंडल में किया गया है. इन्ही 3 थानों में तैनात 4 सिपाहियों को गैर जनपद भेजा गया है.

अतीक गैंग का शुभचिंतक होने की चर्चा : उमेश पाल की हत्या के बाद जिस तरह से शूटर और उनके मददगार गायब हुए हैं. इसे लेकर जिले की पुलिस के साथ ही यूपी एसटीएफ की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं. अतीक अहमद के बेटे व उसके अन्य शूटर साथियों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित होने के बावजूद वे पकड़े नहीं जा रहे हैं. ऐसे में लोग पुलिस और एसटीएफ पर भी मिलीभगत के सवाल उठाने लगे थे. इस बीच पुलिस विभाग में गोपनीय जांच करवाई गई. इसके बाद प्रयागराज से 8 वर्ग विशेष के पुलिस वालों का दूसरे मंडल में तबादला करने का आदेश जारी कर दिया गया. इन तबादलों के पीछे की वजह क्या है, इस बारे में कोई भी पुलिस वाला कुछ बोलने को तैयार नहीं है. इसे रूटीन ट्रांसफर बताया जा रहा है.

यह भी पढ़ें : ओवैसी के खिलाफ सीजेएम सिद्धार्थनगर के समन पर हाईकोर्ट की रोक, राज्य सरकार से जवाब-तलब

प्रयागराज : उमेश पाल हत्याकांड के बाद आए तबादले के आदेश से पुलिस महकमे में खलबली मच गई. जिले में तैनात एक पुलिस इंस्पेक्टर और 3 सब इंस्पेक्टर के अलावा 4 सिपाहियों को गैर जनपद भेजने के आदेश जारी किए गए हैं. लखनऊ में बैठे अफसरों को इन आठों पुलिस वालों को तत्काल कार्यमुक्त करने के निर्देश जारी किए गए हैं. तबादले को लेकर चर्चा है कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद धूमनगंज करेली और पूरामुफ्ती थाने में तैनात इन पुलिस अफसरों की गोपनीय जांच के बाद ही यह फैसला लिया गया है. चर्चा है कि अतीक अहमद गैंग का शुभचिंतक होने के चलते इन सभी को जिले से बाहर भेज दिया गया है.

उमेश पाल हत्याकांड के बाद से लगातार प्रयागराज पुलिस और एसटीएफ पर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे थे. शहर के धूमनगंज करेली और पूरामुफ्ती थाने में तैनात एक वर्ग विशेष के सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक को गैर जनपद भेजने का आदेश लखनऊ से जारी कर दिया गया है. इन 8 पुलिस वालों को तत्काल जिले से कार्यमुक्त किया जाना है. गैर जनपद भेजे जाने वालों में धूमनगंज थाने में तैनात एक इंस्पेक्टर के अलावा करेली और पूरामुफ्ती थाने में तैनात 3 सब इंस्पेक्टर शामिल हैं. इसके साथ ही पूरामुफ्ती थाने में तैनात 2 सब इंस्पेक्टर और करेली थाने के एक सब इंस्पेक्टर का तबादला दूसरे मंडल में किया गया है. इन्ही 3 थानों में तैनात 4 सिपाहियों को गैर जनपद भेजा गया है.

अतीक गैंग का शुभचिंतक होने की चर्चा : उमेश पाल की हत्या के बाद जिस तरह से शूटर और उनके मददगार गायब हुए हैं. इसे लेकर जिले की पुलिस के साथ ही यूपी एसटीएफ की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं. अतीक अहमद के बेटे व उसके अन्य शूटर साथियों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित होने के बावजूद वे पकड़े नहीं जा रहे हैं. ऐसे में लोग पुलिस और एसटीएफ पर भी मिलीभगत के सवाल उठाने लगे थे. इस बीच पुलिस विभाग में गोपनीय जांच करवाई गई. इसके बाद प्रयागराज से 8 वर्ग विशेष के पुलिस वालों का दूसरे मंडल में तबादला करने का आदेश जारी कर दिया गया. इन तबादलों के पीछे की वजह क्या है, इस बारे में कोई भी पुलिस वाला कुछ बोलने को तैयार नहीं है. इसे रूटीन ट्रांसफर बताया जा रहा है.

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