नई दिल्ली : भारत में वर्ष 2019 से लेकर 22 जुलाई 2022 तक अनुसूचित विमानन कंपनियों से जुड़ी कुल 8 दुर्घटनाएं सामने आई हैं. यह जानकारी सोमवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) (State Civil Aviation Minister Retd Gen VK Singh) ने राज्यसभा में दी.उन्होंने बताया कि मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराये गए आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान इंडिगो की तीन दुर्घटनाएं हुईं, वहीं एयरइंडिया एक्सप्रेस और स्पाइस जेट में दो-दो और विस्तारा की एक दुर्घटना हुई.
मंत्री ने विमान दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के एक सवाल पर उन्होंने कहा कि दुर्घटना/घटना डेटा का नियमित रूप से विश्लेषण किया जाता है और विश्लेषण के आधार पर दुर्घटनाओं/घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचने के लिए महत्वपूर्ण टिप्पणियों/निष्कर्षों को ऑपरेटरों के ध्यान में लाने के लिए सलाहकार परिपत्रों के रूप में मार्गदर्शन जारी किया जाता है.
केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री ने बताया कि नियमों और नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं के अनुपालन की निगरानी के लिए एक व्यवस्थित सुरक्षा निरीक्षण प्रक्रिया है. मंत्री ने संसद को बताया कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) वार्षिक निगरानी योजना (ASP) के अनुसार निगरानी/स्पॉट चेक करता है. अनुपालन के लिए संबंधित ऑपरेटर के साथ ऑडिट, निगरानी और स्पॉट चेक के निष्कर्षों का पालन किया जाता है. यदि निगरानी के दौरान किसी उल्लंघन का पता चलता है तो उसके खिलाफ डीजीसीए द्वारा वित्तीय दंड सहित प्रवर्तन कार्रवाई लागू की जाती है.
उन्होंने बताया कि डीजीसीए ने हवाई यात्रियों, विमानन विशेषज्ञों और अन्य लोगों से तकनीकी गड़बड़ियों में अचानक वृद्धि को देखते हुए स्पॉट जांच और निगरानी बढ़ा दी गई है. मंत्री ने कहा, 2 मई 2022 से 13 जुलाई 2022 की अवधि के दौरान एक विशेष अभियान के रूप में डीजीसीए द्वारा 353 स्पॉट चेक किए गए थे. वहीं पिछले तीन वर्षों में प्रशिक्षु पायलटों द्वारा कम उड़ान भरने के कारण हुई मौतों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में प्रशिक्षु पायलटों द्वारा कम उड़ान भरने के कारण शून्य दुर्घटना हुई है.
ये भी पढ़ें - संसद ने दी भारतीय अंटार्कटिक विधेयक को मंजूरी