हैदराबाद: तेलंगाना में राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच लंबे समय से तनातनी जारी है. लेकिन हाल ही में राज्य की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने एक बार फिर महत्वपूर्ण टिप्पणी की. पुडुचेरी में मीडिया से बात करते हुए राज्यपाल तमिलिसाई ने कहा कि लोग देख रहे हैं कि तेलंगाना में क्या हो रहा है. संविधान का अपमान इतिहास में दर्ज होगा. आरोप है कि कुछ लोगों ने गणतंत्र समारोह को लोगों के बीच होने से रोकने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि एक शुभचिंतक के कोर्ट जाने के बाद फिर से जश्न मनाने का मौका मिला.
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस को भव्य रूप से मनाने के लिए उन्होंने 2 माह पूर्व सरकार को पत्र लिखा था. उन्होंने कहा कि सरकार ने 2 दिन पहले कहा था कि इसे राजभवन में मनाना चाहिए. राज्य ने केंद्रीय दिशानिर्देशों की अनदेखी की. सरकार ने इसका जवाब तक नहीं भेजा. उन्होंने बताया कि लोगों के बीच गणतंत्र समारोह मनाना उन्हें खुशी देता है. वहीं कोरोना के बाद पहली बार राजभवन में गणतंत्र समारोह का भव्य आयोजन किया गया.
बता दें कि राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने भी गणतंत्र दिवस के अवसर पर हैदराबाद स्थित राजभवन में राष्ट्रीय ध्वज फहराया. हालांकि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. राज्यपाल ने इस अवसर पर राज्य में तेलंगाना और लोकतंत्र के सम्मान व अधिकारों को बनाए रखने तथा उनकी रक्षा करने का आह्वान करते हुए कहा कि वह लोगों के लिए काम करेंगी, हालांकि ऐसा हो सकता है कि कुछ लोग उन्हें पसंद न करें.
उन्होंने कहा, 'तेलंगाना से मेरा लगाव केवल तीन साल पुराना नहीं है. यह जन्म से ही है. निश्चित रूप से तेलंगाना के लोगों के विकास में मेरा योगदान होगा. मेरी सबसे बड़ी ताकत कड़ी मेहनत, ईमानदारी और स्नेह है. कुछ लोग हो सकता है कि मुझे पसंद न करें, लेकिन मुझे तेलंगाना के लोग पसंद हैं. इसलिए, मैं कितनी भी मुश्किल हो, मेहनत करती रहूंगी.' उन्होंने बी. आर. आंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि विकास का लाभ सभी तक पहुंचना चाहिए.
आंबेडकर ने कहा था कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि एक वर्ग के पास सभी विशेषाधिकार हों और एक वर्ग हर चीज़ का बोझ उठाए. राज्यपाल ने कहा कि विकास में सबका बराबर का हिस्सा होना चाहिए. राज्यपाल ने इस अवसर पर जाने-माने तेलुगु संगीतकार एम. एम. कीरावानी, गीतकार चंद्र बोस, टेबल टेनिस खिलाड़ी श्रीजा अकुला, आईएएस उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करने वाली एम. बाला लता, के. लोकेश्वरी (पैरा एथलीट) और गैर सरकारी संगठन 'भगवान महावीर विकलांग साहित्य समिति' को सम्मानित किया.