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74th Republic Day 2023: हर रंग कुछ कहता है, आइये जानें क्या कहते हैं तिरंगे के तीनों रंग

किसी भी देश की पहचान उसके झंडे से होती है. यह उस देश का परिचायक होता है. जब भी हमारे देश का झंडा फहरता है तो उसकी शान देखते ही बनती है. राष्ट्रीय पर्व के मौके पर यह हमारे देश का मान बढ़ाता है. आज हमारा देश 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस मौके पर आइये जानते हैं कि हमारे देश के राष्ट्रीय ध्वज के तीनों रंग क्या संदेश देते हैं.

Etv Bharat Meaning of National Flag
Etv Bharat क्या कहते हैं तिरंगे के तीनों रंग
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Published : Jan 26, 2023, 10:59 AM IST

नई दिल्ली: भारत देश आज 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस अवसर पर सभी देशवासी उत्साह से भरे दिखाई दे रहे हैं. राष्ट्रीय राजधानी में कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड निकल रही है. बता दें, किसी भी देश को उसके झंडे से पहचान मिलती है. यह उसका प्रतीक माना जाता है. जानकारी के मुताबिक 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा की बैठक में देश के राष्ट्रीय ध्वज को अपनाया गया था. यह 15 अगस्त 1947 और 26 जनवरी 1950 के बीच डोमिनियन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में आया जो बाद में भारत गणराज्य का राष्ट्रीय ध्वज बना.

राष्ट्रीय ध्वज की डिजाइन
भारत के राष्ट्रीय झंडे में समान अनुपात में तीन रंग दिखाई पड़ते हैं. सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और नीचे हरे रंग की पट्टी होती है. बता दें, झंडे की चौड़ाई और उसकी लंबाई का अनुपात दो से तीन होता है. सफेद पट्टी के बीचो-बीच नीले रंग का एक चक्र होता है. इसकी डिजाइन अशोक के सारनाथ सिंह शीर्ष के गणक पर दिखाई देती है. इसमें 24 तीलियां होती हैं.

झंडे के रंग के क्या हैं मायने
तिरंगे के रंगों को ऐसे ही नहीं चुना गया था. इसके पीछे भी कई राज हैं. राष्ट्रीय ध्वज में सबसे ऊपर केसरिया रंग की पट्टी होती है. यह रंग देश की ताकत और साहस को प्रदर्शित करती है. वहीं, सफेद रंग की पट्टी शांति और सच्चाई का संदेश देती है. सबसे नीचे हरे रंग की पट्टी उर्वरता, वृद्धि और शुभता की प्रतीक मानी जाती है.

पढ़ें: 74th Republic Day 2023 : राफेल और प्रचंड ही नहीं ब्रह्मोस और नाग मिसाइल सिस्टम भी आज राष्ट्रपति को देंगे सलामी

चक्र क्या मतलब है
इस चक के माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश की गई कि गति में जीवन है और ठहराव में मृत्यु है. इसलिए प्रत्येक मनुष्य को लगातार काम करते रहना चाहिए.

नई दिल्ली: भारत देश आज 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस अवसर पर सभी देशवासी उत्साह से भरे दिखाई दे रहे हैं. राष्ट्रीय राजधानी में कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड निकल रही है. बता दें, किसी भी देश को उसके झंडे से पहचान मिलती है. यह उसका प्रतीक माना जाता है. जानकारी के मुताबिक 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा की बैठक में देश के राष्ट्रीय ध्वज को अपनाया गया था. यह 15 अगस्त 1947 और 26 जनवरी 1950 के बीच डोमिनियन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में आया जो बाद में भारत गणराज्य का राष्ट्रीय ध्वज बना.

राष्ट्रीय ध्वज की डिजाइन
भारत के राष्ट्रीय झंडे में समान अनुपात में तीन रंग दिखाई पड़ते हैं. सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और नीचे हरे रंग की पट्टी होती है. बता दें, झंडे की चौड़ाई और उसकी लंबाई का अनुपात दो से तीन होता है. सफेद पट्टी के बीचो-बीच नीले रंग का एक चक्र होता है. इसकी डिजाइन अशोक के सारनाथ सिंह शीर्ष के गणक पर दिखाई देती है. इसमें 24 तीलियां होती हैं.

झंडे के रंग के क्या हैं मायने
तिरंगे के रंगों को ऐसे ही नहीं चुना गया था. इसके पीछे भी कई राज हैं. राष्ट्रीय ध्वज में सबसे ऊपर केसरिया रंग की पट्टी होती है. यह रंग देश की ताकत और साहस को प्रदर्शित करती है. वहीं, सफेद रंग की पट्टी शांति और सच्चाई का संदेश देती है. सबसे नीचे हरे रंग की पट्टी उर्वरता, वृद्धि और शुभता की प्रतीक मानी जाती है.

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इस चक के माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश की गई कि गति में जीवन है और ठहराव में मृत्यु है. इसलिए प्रत्येक मनुष्य को लगातार काम करते रहना चाहिए.

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