भुवनेश्वर: ओडिशा-आंध्र प्रदेश सीमा पर स्थित विभिन्न गांवों के लगभग 700 माओवादी समर्थकों ने शनिवार को मलकानगिरि जिले में पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सामने समर्पण कर दिया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ये सभी गांव ओडिशा-आंध्र सीमा पर स्थित हैं और कभी माओवादियों का गढ़ थे.
पुलिस ने कहा कि समर्पण करने वाले लोगों ने माओवादियों के पुतले और कपड़े जलाकर माओवाद के प्रति अपना विरोध जताया. उन्होंने समर्पण करने से पहले मीडिया के सामने 'माओवादी मुर्दाबाद' और 'सरकार जिंदाबाद' के नारे लगाए. मलकानगिरि के पुलिस अधीक्षक नितेश वाधवानी ने कहा, 'माओवादियों के ये समर्थक हिंसक गतिविधियों और सुरक्षाबलों तथा नागरिकों की हत्या में उनका साथ देते थे. वे घने जंगलों में आश्रय लेकर माओवादियों को मदद उपलब्ध कराते थे.'
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अधिकारियों ने कहा कि नई सड़कों, पुलों, चिकित्सा सुविधाओं के निर्माण, मोबाइल टावरों की स्थापना, पेयजल आपूर्ति की परियोजना, क्षेत्र के सभी घरों में बिजली की आपूर्ति जैसे विकास कार्यों का प्रभाव समर्थन करने वाले माओवादियों पर पड़ा. ऐसे में उन्होंने मुख्यधारा में शामिल होने का संकल्प लिया.
इस साल मलकानगिरी जिले में अब तक 1,647 माओवादी समर्थकों और उग्रवादियों ने पुलिस और बीएसएफ के सामने आत्मसमर्पण किया है. पुलिस ने कहा कि इसने दूसरों को भी आने वाले दिनों में आत्मसमर्पण करने के लिए प्रभावित किया है.