ETV Bharat / bharat

pending cases in Supreme court : सर्वोच्च अदालत में 69768 केस पेंडिंग - 69768 pending cases in the Supreme courts

सुप्रीम कोर्ट में एक जनवरी 2023 तक 69768 केस लंबित हैं. इनमें 11110 मामलों को कोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया जा सका है. यह जानकारी कोर्ट के पोर्टल में दी गई. pending cases in Supreme court

Supreme court
सुप्रीम कोर्ट
author img

By

Published : Jan 14, 2023, 5:04 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में एक जनवरी 2023 तक कुल 69,768 केस पेंडिंग हैं. उक्त जानकारी सुप्रीम कोर्ट के पोर्टल में जारी किए गए मासिक आंकड़ों में दी गई है. इसमें बताया गया है कि कोर्ट में 50533 मामले दाखिले के हैं, जिनमें से 39460 मामलों की औपचारिकता पूरी हो चुकी है और वह सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने के लिए तैयार हैं. इसके अलावा 19235 नियमित सुनवाई के मामले लंबित हैं, इनमें 37 मामले सुनवाई के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि उनकी अपील दाखिल करने का नोटिस नहीं किया गया है या बयान का तामील नहीं किया गया है.

इस संबंध में कहा गया है कि 15.92 प्रतिशत मामले अधूरे/तैयार नहीं हैं. इसीक्रम में 69768 लंबित मामलों में से 11110 ऐसे मामले हैं जिन्हें कोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया जा सका है. वहीं संविधान पीठ के 488 मामले कोर्ट के समक्ष लंबित हैं. इनमें से 54 मुख्य मामले है और 434 उससे जुड़े मामले हैं. वहीं संविधान पीठ के 338 मामले पांच न्यायाधीशों की खंडपीठ के समक्ष, 15 सात न्यायाधीशों की खंडपीठ के समक्ष और 135 नौ न्यायाधीशों की खंडपीठ के समक्ष लंबित हैं.

इसके अलावा 295 संबंधित मामले पांच न्यायाधीशों की खंडपीठ के समक्ष, 9 न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष और 130 नौ न्यायाधीशों की खंडपीठ के समक्ष लंबित हैं. हालांकि सीजेआई यूयू ललित के कार्यभार संभालने और उसके बाद वर्तमान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के बाद से संविधान के मामलों को अधिक महत्व दिया गया है. CJI ललित ने संविधान पीठों का गठन किया था जो पूरे वर्ष बैठेंगी और सप्ताह के विशिष्ट दिनों में नियमित रूप से मामलों की सुनवाई करेंगी.

सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई चंद्रचूड़ ने इस क्रम को जारी रखा है और संविधान पीठें नियमित पूर से कई लंबित मामलों की सुनवाई करती हैं. इसमें नोटबंदी को चुनौती देने वाली याचिका, ईडब्ल्यूएस कोटा आदि लंबित मामले पर सुनवाई हुई. मामलों का लंबित रहना न्यायपालिका में प्रमुख चिंता का विषय है और शीर्ष अदालत मामलों की लिस्टिंग को सुव्यवस्थित करके मामलों को तेजी से निपटाने की कोशिश कर रही है. जब तक कि कोई बहुत महत्वपूर्ण कारण न हो कोर्ट के द्वारा तब तक स्थगन नहीं दिया जाता है. वहीं कभी-कभी दोपहर के भोजन और अदालत के बाद के घंटों के दौरान कोर्ट एक सप्ताह में लगभग 1500 मामलों की सुनवाई कर रहा है.

ये भी पढ़ें - Supreme Court On TV channels: सुप्रीम कोर्ट ने टीवी चैनल्स को लगाई फटकार, कहा- बोलने की आजादी का गलत इल्तेमाल न करें

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में एक जनवरी 2023 तक कुल 69,768 केस पेंडिंग हैं. उक्त जानकारी सुप्रीम कोर्ट के पोर्टल में जारी किए गए मासिक आंकड़ों में दी गई है. इसमें बताया गया है कि कोर्ट में 50533 मामले दाखिले के हैं, जिनमें से 39460 मामलों की औपचारिकता पूरी हो चुकी है और वह सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने के लिए तैयार हैं. इसके अलावा 19235 नियमित सुनवाई के मामले लंबित हैं, इनमें 37 मामले सुनवाई के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि उनकी अपील दाखिल करने का नोटिस नहीं किया गया है या बयान का तामील नहीं किया गया है.

इस संबंध में कहा गया है कि 15.92 प्रतिशत मामले अधूरे/तैयार नहीं हैं. इसीक्रम में 69768 लंबित मामलों में से 11110 ऐसे मामले हैं जिन्हें कोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया जा सका है. वहीं संविधान पीठ के 488 मामले कोर्ट के समक्ष लंबित हैं. इनमें से 54 मुख्य मामले है और 434 उससे जुड़े मामले हैं. वहीं संविधान पीठ के 338 मामले पांच न्यायाधीशों की खंडपीठ के समक्ष, 15 सात न्यायाधीशों की खंडपीठ के समक्ष और 135 नौ न्यायाधीशों की खंडपीठ के समक्ष लंबित हैं.

इसके अलावा 295 संबंधित मामले पांच न्यायाधीशों की खंडपीठ के समक्ष, 9 न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष और 130 नौ न्यायाधीशों की खंडपीठ के समक्ष लंबित हैं. हालांकि सीजेआई यूयू ललित के कार्यभार संभालने और उसके बाद वर्तमान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के बाद से संविधान के मामलों को अधिक महत्व दिया गया है. CJI ललित ने संविधान पीठों का गठन किया था जो पूरे वर्ष बैठेंगी और सप्ताह के विशिष्ट दिनों में नियमित रूप से मामलों की सुनवाई करेंगी.

सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई चंद्रचूड़ ने इस क्रम को जारी रखा है और संविधान पीठें नियमित पूर से कई लंबित मामलों की सुनवाई करती हैं. इसमें नोटबंदी को चुनौती देने वाली याचिका, ईडब्ल्यूएस कोटा आदि लंबित मामले पर सुनवाई हुई. मामलों का लंबित रहना न्यायपालिका में प्रमुख चिंता का विषय है और शीर्ष अदालत मामलों की लिस्टिंग को सुव्यवस्थित करके मामलों को तेजी से निपटाने की कोशिश कर रही है. जब तक कि कोई बहुत महत्वपूर्ण कारण न हो कोर्ट के द्वारा तब तक स्थगन नहीं दिया जाता है. वहीं कभी-कभी दोपहर के भोजन और अदालत के बाद के घंटों के दौरान कोर्ट एक सप्ताह में लगभग 1500 मामलों की सुनवाई कर रहा है.

ये भी पढ़ें - Supreme Court On TV channels: सुप्रीम कोर्ट ने टीवी चैनल्स को लगाई फटकार, कहा- बोलने की आजादी का गलत इल्तेमाल न करें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.