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कोविड के बावजूद भारत का एफडीआई 27% उछला, पांचवां सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बना

संयुक्त राज्य अमेरिका ने 261 अरब डॉलर के निवेश के साथ दुनिया के सबसे बड़े एफडीआई प्राप्तकर्ता के रूप में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा, इसके बाद चीन ने 149 अरब डॉलर प्राप्त किए, और चीन में हांगकांग (एसएआर) ने 119 अरब डॉलर प्राप्त किए.

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Published : Jun 21, 2021, 7:41 PM IST

भारत में 64 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
भारत में 64 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में भारत में 64 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया और विदेशी निवेश के लिहाज से उसका दुनिया में पांचवां स्थान रहा. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रकोप अर्थिक गतिविधियों पर काफी गहरा था, लेकिन मजबूत बुनियादी तत्व मध्यम अवधि के लिए उम्मीद पैदा करते हैं.

यह बात संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक रिपोर्ट से सामने आई है. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर (Coronavirus Second Wave) का प्रकोप अर्थिक गतिविधियों पर काफी गहरा था, लेकिन मजबूत बुनियादी तत्व मध्यम अवधि के लिए उम्मीद पैदा करते हैं.

व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (United Nations Conference on Trade and Development) द्वारा सोमवार को जारी विश्व निवेश रिपोर्ट 2021 में कहा गया कि वैश्विक एफडीआई प्रवाह महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है और यह 2020 में 35 प्रतिशत गिरकर 1500 अरब अमरीकी डालर से घटकर 1,000 अरब अमरीकी डालर रह गया. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि दुनिया भर में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन ने मौजूदा निवेश परियोजनाओं को धीमा कर दिया और मंदी की आशंका के चलते बहुराष्ट्रीय उद्यमों को नई परियोजनाओं का फिर से आंकलन करने को मजबूर किया.

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में एफडीआई 2020 में 27 प्रतिशत बढ़कर 64 अरब अमरीकी डालर हो गया, जो 2019 में 51 अरब अमरीकी डालर था. सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) उद्योग में अधिग्रहण से भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा एफडीआई प्राप्तकर्ता बन गया.

व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (अंकटाड) के निवेश और उद्यम निदेशक जेम्स झान ने कहा कि 2020 मेें महामारी के बावजूद इस क्षेत्र में एफडीआई लचीला रहा. विकासशील एशिया एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जहां एफडीआई वृद्धि दर्ज की गई है, जो वैश्विक आवक और जावक एफडीआई प्रवाह के आधे से अधिक के लिए जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि व्यापार में सुधार, विनिर्माण गतिविधियों और एक मजबूत जीडीपी विकास पूर्वानुमान के कारण एशिया के लिए 2021 में एफडीआई की संभावनाएं वैश्विक औसत से अधिक अनुकूल हैं.

पढ़ें: महामारी की दूसरी लहर से 2 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन का नुकसान

संयुक्त राज्य अमेरिका ने 261 अरब डॉलर के निवेश के साथ दुनिया के सबसे बड़े एफडीआई प्राप्तकर्ता के रूप में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा, इसके बाद चीन ने 149 अरब डॉलर प्राप्त किए, और चीन में हांगकांग (एसएआर) ने 119 अरब डॉलर प्राप्त किए.

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में भारत में 64 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया और विदेशी निवेश के लिहाज से उसका दुनिया में पांचवां स्थान रहा. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रकोप अर्थिक गतिविधियों पर काफी गहरा था, लेकिन मजबूत बुनियादी तत्व मध्यम अवधि के लिए उम्मीद पैदा करते हैं.

यह बात संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक रिपोर्ट से सामने आई है. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर (Coronavirus Second Wave) का प्रकोप अर्थिक गतिविधियों पर काफी गहरा था, लेकिन मजबूत बुनियादी तत्व मध्यम अवधि के लिए उम्मीद पैदा करते हैं.

व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (United Nations Conference on Trade and Development) द्वारा सोमवार को जारी विश्व निवेश रिपोर्ट 2021 में कहा गया कि वैश्विक एफडीआई प्रवाह महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है और यह 2020 में 35 प्रतिशत गिरकर 1500 अरब अमरीकी डालर से घटकर 1,000 अरब अमरीकी डालर रह गया. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि दुनिया भर में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन ने मौजूदा निवेश परियोजनाओं को धीमा कर दिया और मंदी की आशंका के चलते बहुराष्ट्रीय उद्यमों को नई परियोजनाओं का फिर से आंकलन करने को मजबूर किया.

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में एफडीआई 2020 में 27 प्रतिशत बढ़कर 64 अरब अमरीकी डालर हो गया, जो 2019 में 51 अरब अमरीकी डालर था. सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) उद्योग में अधिग्रहण से भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा एफडीआई प्राप्तकर्ता बन गया.

व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (अंकटाड) के निवेश और उद्यम निदेशक जेम्स झान ने कहा कि 2020 मेें महामारी के बावजूद इस क्षेत्र में एफडीआई लचीला रहा. विकासशील एशिया एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जहां एफडीआई वृद्धि दर्ज की गई है, जो वैश्विक आवक और जावक एफडीआई प्रवाह के आधे से अधिक के लिए जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि व्यापार में सुधार, विनिर्माण गतिविधियों और एक मजबूत जीडीपी विकास पूर्वानुमान के कारण एशिया के लिए 2021 में एफडीआई की संभावनाएं वैश्विक औसत से अधिक अनुकूल हैं.

पढ़ें: महामारी की दूसरी लहर से 2 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन का नुकसान

संयुक्त राज्य अमेरिका ने 261 अरब डॉलर के निवेश के साथ दुनिया के सबसे बड़े एफडीआई प्राप्तकर्ता के रूप में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा, इसके बाद चीन ने 149 अरब डॉलर प्राप्त किए, और चीन में हांगकांग (एसएआर) ने 119 अरब डॉलर प्राप्त किए.

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