हैदराबाद : 12 अप्रैल 1961 को अंतरिक्ष यान वोस्तोक-1 में सवार, सोवियत कॉस्मोनॉट यूरी अलेक्सेयेविच गागरिन अंतरिक्ष में यात्रा करने वाले पहले व्यक्ति बने.
गागरिन ने ऐसे समय उड़ान भरी जब संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ अंतरिक्ष में तकनीकी वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे थे. धरती का चक्कर लगाते ही गागरिन की एकल-कक्षा की उड़ान ने उन्हें सोवियत संघ में एक हीरो और एक अंतरराष्ट्रीय हस्ती बना दिया. अंतरिक्ष में पहुंचने की दौड़ में रूस अमेरिका से आगे निकल गया.
बता दें कि अक्टूबर 1957 में सोवियत संघ ने स्पुतनिक नामक पहला कृत्रिम उपग्रह अंतरिक्ष में भेज दिया था.
सोवियत संघ ने संयुक्त राज्य परियोजना मरक्यूरी का मुक़ाबला करने के लिए वोस्तोक कार्यक्रम गुप्त रूप से शुरू किया था.
वोस्तोक रॉकेट और अंतरिक्ष कैप्सूल का परीक्षण करने और इन्हें विकसित करने के लिए मई 1960 से मार्च 1961 के बीच वोस्तोक ने कई अग्रदूत मानव रहित मिशन शुरू किए.
इन मिशनों में कोरबेल-स्पुतनिक 4 और कोरबेल-स्पुतनिक 5 - को सफलता मिली. इससे पहली मानवयुक्त उड़ान की अनुमति मिली. रूसियों को बड़ी जीत तब हासिल हुई जब यूरी गागरिन का कैप्सूल अंतरिक्ष की यात्रा कर 108 मिनट बाद जमीन पर उतरा.
गागरिन की चयन प्रक्रिया
गागरिन छह कॉस्मोनॉट्स में से एक थे. उन्हें इस मिशन के लिए चुना गया था. वे बीस रेड आर्मी पायलट में से एक थे, जिन्हें फरवरी 1960 में एक सख्त चयन प्रक्रिया के बाद भर्ती किया गया था. इन पायलेट्स को अंतरिक्ष में जाने के लिए गोपनीय तरीके से प्रशिक्षण दिया गया था.
वोस्तोक कार्यक्रम
यह एक सोवियत अंतरिक्ष कार्यक्रम परियोजना थी, जो 1960 से 1963 तक चली. इसने कई शानदार मील के पत्थर हासिल किए, जिसमें अंतरिक्ष यान बनाना, पहले आदमी को अंतरिक्ष में भेजना, पहली महिला को अंतरिक्ष में भेजना शामिल था. इसमें दो अलग-अलग क्रू ऑर्बिटर्स की पहली संयुक्त उड़ान को भी शामिल किया गया था.
यूआरएसएस के पहले दो स्पुतनिक या 'मानव निर्मित चंद्रमा' ने 1957 के अंत से अंतरिक्ष के लिए रास्ता खोल दिया था. 1959 में सोवियत संघ कम्युनिस्ट पार्टी ने क्रेमलिन को मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ानों के एक कार्यक्रम के अनुदान के लिए अधिकृत किया.
1960 और 1961 के बीच, सोवियत संघ ने वोस्तोक कैप्सूल का परीक्षण करने के लिए कई कुत्तों को अंतरिक्षयान में भेजा, जिनमें से कुछ अपने मिशन के दौरान मारे गए और कुछ बच गए जो पृथ्वी पर सुरक्षित रूप से आए.
सोवियत अंतरिक्ष यान दो वर्षों में बनाए गए. यह किसी चुनौती से कम नहीं था क्योंकि उस समय उच्च-प्रदर्शन वाले पोर्टेबल कंप्यूटर नहीं थे.
कंप्यूटर मशीनें जिसे रखने के लिए बड़े कमरे की जरुरत होती थी, छिद्रित कार्ड से डेटा संसाधित करती थीं. स्लाइड-नियमों के साथ सरल ड्राइंग बोर्ड पर सब कुछ तैयार किया गया था. संचार केवल टेलीफोन और टेलीक्स के द्वारा होता था.
गागरिन के शरीर पर लगाए गए थे सेंसर
गागरिन के शरीर पर सेंसर लगाए गए थे जिससे उन्हें रात में अच्छी नींद आ रही है या नहीं, इसकी जांच हो सके. मिशन नियंत्रकों ने, सब कुछ यथासंभव सहजता से चले, यह सुनिश्चित करने के लिए कई जांचें की.
सेमयोर्का रॉकेट का बेहतर मॉडल जिसे वोस्तोक-1 को पृथ्वी के चारों ओर भेजना था, 15 प्रक्षेपणों में से 8 बार विफल रहा. इस मिशन की सफलता की संभावना 50% अनुमानित की गई थी.
गागरिन के मिशन से पहले सोवियत संघ ने वोस्तोक अंतरिक्ष यान के एक प्रोटोटाइप का उपयोग करके अंतरिक्ष में एक परीक्षण उड़ान भेजी थी.
इस उड़ान के दौरान, उन्होंने इवान इवानोविच नामक एक आदमकद डमी और ज़्वेज़्डोचका नामक एक कुत्ते को अंतरिक्ष में भेजा. परीक्षण उड़ान के बाद, सोवियत ने यान को मानव को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए फिट माना.
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12 अप्रैल 1961 को मॉस्को समय के अनुसार सुबह 9:07 बजे वोस्तोक-1 अंतरिक्ष यान ने उड़ान भरी.
यदि कोई आपात स्थिति उत्पन्न होती है, तो गागरिन को एक ओवरराइड कोड प्राप्त करना था जो उन्हें मैनुअल नियंत्रण लेने की अनुमति देता, लेकिन सोवियत अंतरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य डिजाइनर सर्गेई कोरोलेव ने प्रोटोकॉल की अवहेलना की और उड़ान से पहले पायलट को कोड दे दिया.
108 मिनट के दौरान वोस्तोक-1 ने 203 मील (327 किलोमीटर) की ऊंचाई पर एक बार पृथ्वी का चक्कर लगाया.
वोस्तोक-1 में इसके पुनः प्रवेश को धीमा करने के लिए कोई इंजन नहीं था और सुरक्षित रूप से उतरने का कोई रास्ता नहीं था. लगभग 4 मील (7 किमी) की दूरी पर गागरिन अंतरिक्ष यान से बाहर निकले और पैराशूट की मदद से धरती पर उतरे.
यूरी गगारिन के बारे में
यूरी अलेक्सेयेविच गगारिन का जन्म 9 मार्च, 1934 को मास्को से एक सौ मील दूर एक छोटे से गांव में हुआ था. मार्च 27, 1968 में जब वे मिग 15 (MiG-15) नामक प्रशिक्षण विमान का संचालक कर रहे थे तो विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण उनकी मृत्यु हो गई.
यूरी गागरिन आर -7 बैलिस्टिक मिसाइल, एक शक्तिशाली रॉकेट जो मूल रूप से 3-5 मेगाटन परमाणु वारहेड ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया था, से जुड़े एक छोटे कैप्सूल में अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले मानव थे.