झुंझुनू. सरकारी अस्पताल के डॉक्टर का अमानवीय चेहरा सामने आया है. जहां कांस्टेबल के 6 साल के बेटे को आवारा कुत्ते के काटने के बाद समय पर उपचार नहीं मिला, जिससे उसकी मौत हो गई. पीड़ित कांस्टेबल ने अपने मासूम बच्चे का वीडियो जारी किया, जिसमें वह डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगा रहा है.
गोठड़ा आमेर के रहने वाले शैतानराम मीणा झुंझुनू पुलिस लाइन में तैनात हैं. उन्होंने बताया कि 21 दिसंबर 2020 को उनके 6 साल के बेटे प्रिंस को कुत्ते ने काट लिया. प्रिंस के गाल और हाथ पर घाव हो गए. आरोप है कि जब वह बेटे को सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचा तो डाॅक्टर ने उसका केवल प्राथमिक उपचार किया, जबकि मामला गंभीर था. डाॅक्टर ने कहा कि इस समय वैक्सीन नहीं दी जा सकती, इसे कल लेकर आना.
शैतानराम का कहना है कि उसे रेबीज जैसी बीमारी की पूरी जानकारी नहीं थी. ऐसे में 12 से 13 घंटे बाद फिर बच्चे को अस्पताल लेकर पहुंचा. डाॅक्टर ने उसे इंजेक्शन दिया, लेकिन तब तक संक्रमण बच्चे के शरीर में फैल चुका था और उसकी मौत हो गई.
मैं नहीं जाऊंगा...
इस दिल दहला देने वाली घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में दर्द से कराहता बच्चा कह रहा है...मैं नहीं जाऊंगा...मैं नहीं जाऊंगा...वहीं, पीछे बिलखता पिता शैतानराम बच्चे से बार-बार छोड़कर नहीं जाने को कह रहा है. लेकिन, सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर मासूम बच्चे की मौत का जिम्मेदार कौन है?
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शैतानराम का कहना है कि प्रिंस उसका इकलौता पुत्र था. उसकी मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. जिगर के टुकड़े को खोने के बाद उसकी मां कुछ बोल तक नहीं पा रही है और बुजुर्ग दादा-दादी का रो रो कर बुरा हाल है.