जम्मू : जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने शनिवार को कहा कि 2022 में 56 पाकिस्तानी नागरिकों सहित कुल 186 आतंकवादी मारे गए और 159 को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने दावा किया कि हाल के समय में यह साल सबसे सफल वर्ष रहा. उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में कोई भी आतंकवादी गतिविधियां नहीं होने (जीरो टेरर) के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं.
पुलिस प्रमुख ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 146 पाकिस्तान निर्मित आतंकी मॉड्यूल, जिनमें चार से पांच सदस्य शामिल थे, जिन्हें चुनिंदा और लक्षित हत्याओं और ग्रेनेड और आईईडी हमलों को अंजाम देने का काम सौंपा गया था, उनका भी 2022 में भंडाफोड़ किया गया. उन्होंने कहा कि इस साल जम्मू-कश्मीर में 100 युवा आतंकवाद में शामिल हुए, जो कई सालों में सबसे कम संख्या है. उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर का सफाया कर दिया गया, जबकि सुरक्षा बल सक्रिय आतंकवादियों की संख्या को दो अंकों के आंकड़े तक लाने के लिए काम कर रहे हैं जो वर्तमान में 100 से थोड़ा अधिक है.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 2022 में घाटी में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में 100 प्रतिशत सफलता हासिल की, लेकिन पाकिस्तान प्रायोजित ऑनलाइन आतंकवाद अब एक चुनौती है. कश्मीर क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) विजय कुमार ने कई सिलसिलेवार ट्वीट कर बताया कि 24 से अधिक लड़कों को मुख्यधारा में वापस लाया गया है. उन्होंने कहा कि कोई हड़ताल, सड़क पर हिंसा, इंटरनेट बंद, पथराव की घटनाएं नहीं हुईं और इससे समाज के सभी वर्गों को लाभ हुआ.
दिलबाग सिंह ने कहा कि पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों के हताहतों की संख्या में भी 2022 में कमी दर्ज की गई, जिसमें 14 पुलिसकर्मी और 17 सीएपीएफ कर्मी आतंकी हमलों में शहीद हो गए. उन्होंने कहा कि वर्ष के दौरान नागरिक हताहतों की संख्या में भी कमी आई और केवल 24 मामूली कानून व्यवस्था की घटनाएं हुईं. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि यह संख्या शून्य हो जाए.
उन्होंने कहा कि सीमा पार से शांति भंग करने की साजिशें जारी हैं लेकिन हम यह सुनिश्चित करने में सफल रहे हैं कि स्थानीय युवाओं को हिंसा के रास्ते पर नहीं जाने दिया जाए. उन्होंने कहा कि पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने भटके हुए युवाओं को वापस लाने और उन्हें उनके परिवारों से मिलाने के लिए कड़े प्रयास किए. खेल गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए, पुलिस प्रमुख ने बांदीपोरा, गांदरबल और श्रीनगर में रात्रि क्रिकेट टूर्नामेंट शुरू होने पर संतोष व्यक्त किया.
सिंह ने कहा, 'इस तरह की गतिविधियां (रात का क्रिकेट) पहले नहीं देखी गई थीं. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हाल के वर्षों में आधिकारिक तंत्र में लोगों का भरोसा और विश्वास कई गुना बढ़ा है. मुझे यकीन है कि आतंकवाद जल्द ही खत्म हो जाएगा.' उन्होंने कहा कि कोई हड़ताल, सड़क पर हिंसा, इंटरनेट बंद, पथराव की घटनाएं नहीं हुईं और इससे समाज के सभी वर्गों को लाभ हुआ. उन्होंने कहा, '(कानून और व्यवस्था) के मोर्चे पर हमने शांति और स्थिरता के मामले में 100 प्रतिशत सफलता हासिल की है. वर्ष 2016 में कानून और व्यवस्था की समस्या के 2897 मामले सामने आये थे और 2022 में 26 मामूली मामले सामने आए. पिछले तीन से अधिक वर्षों में इन घटनाओं से निपटने के दौरान किसी भी नागरिक की जान नहीं गई.' उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने इस साल आतंकवाद विरोधी अभियानों के मोर्चे पर बड़ी उपलब्धि हासिल की है. उन्होंने कहा कि इस साल आतंकवाद से जुड़े 49 मामलों में संपत्तियां कुर्क की गईं.
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