बेंगलुरु : बेंगलुरु में एक विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिंसा और बर्बरता में कथित संलिप्तता के लिए कम से कम 53 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बुधवार को कन्नड़ भाषा को प्रमुखता देने की मांग के साथ कमर्शियल दुकानों से अंग्रेजी साइनबोर्ड को हटाने और फाड़ने की घटना देखी गई थी. विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं के सिलसिले में नारायण गौड़ा समेत 6 लोगों के खिलाफ चिक्कजाला पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है.
बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद ने गुरुवार को बताया 10 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 'कर्नाटक रक्षण वेदिके' समूह के अध्यक्ष टी.ए. नारायण गौड़ा समेत 53 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा, 'शांतिपूर्ण विरोध का प्रावधान है. लेकिन कोई भी कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने में शामिल नहीं हो सकता.'
इस बीच, कर्नाटक रक्षण वेदिके (शेट्टी गुट) के अध्यक्ष प्रवीण कुमार शेट्टी ने कहा कि राज्य सरकार को गिरफ्तार कन्नड़ कार्यकर्ताओं को बिना शर्त रिहा किया जाना चाहिए, अन्यथा परिणाम भुगतने होंगे.
उन्होंने सवाल किया, 'क्या कन्नड़ कार्यकर्ता लूटपाट में शामिल हैं? हम सभी एक साथ आकर संघर्ष शुरू करेंगे. राज्य सरकार कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की बजाय उन पर सख्ती कर रही है.
उन्होंने कहा कि 'सरकार और अधिकारियों ने कन्नड़ भाषाओं को प्रमुखता देने के नियम को लागू करने के लिए कुछ नहीं किया है. कन्नड़ कार्यकर्ता डकैती लूट या हत्या में शामिल नहीं हुए हैं.' उन्होंने कहा कि सभी कन्नड़ संगठनों के प्रमुख 'मजबूत प्रतिक्रिया' पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को बैठक करेंगे. उन्होंने कहा, 'अगर कन्नड़ कार्यकर्ताओं को रिहा नहीं किया गया तो हमारे कार्यकर्ता बेंगलुरु की हर सड़क पर जुटेंगे और विरोध-प्रदर्शन करेंगे.'