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लखनऊ में जमीन से ज्यादा "आसमान" पर अवैध कब्जा, 50 फीसदी इमारतें मानक से अधिक ऊंची

जियामऊ इलाके में एक पंक्ति में एक दर्जन इमारतें हैं. सभी का नक्शा ढाई मंजिल का पास है, लेकिन निर्माण चार से छह मंजिल तक किया गया है. करीब 10 साल से इन बिल्डिंगों को ध्वस्त करने का आदेश न केवल एलडीए की प्रवर्तन कोर्ट में है. हाईकोर्ट ने भी इनका अवैध हिस्सा गिराने का आदेश किया है.

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Published : Nov 16, 2022, 7:30 PM IST

लखनऊ : यूपी की राजधानी के जियामऊ इलाके में एक पंक्ति में एक दर्जन इमारतें हैं. सभी का नक्शा ढाई मंजिल का पास है, लेकिन निर्माण चार से छह मंजिल तक किया गया है. करीब 10 साल से इन बिल्डिंगों को ध्वस्त करने का आदेश न केवल एलडीए की प्रवर्तन कोर्ट में है. हाईकोर्ट ने भी इनका अवैध हिस्सा गिराने का आदेश किया है. लखनऊ की आधी बिल्डिंगों में इसी तरह की अनियमितताएं बरती गई हैं.


लखनऊ में जमीन से ज्यादा अवैध कब्जा आसमान (ऊंची इमारतों) पर है. यह तय मानकों के विपरीत 50% इमारतें अधिक ऊंची बनाई गई हैं. अधिकांश प्लॉटों पर तीन मंजिल तक का निर्माण ही वैध है. पांच से आठ मंजिल तक के निर्माण किए गए हैं. बिना नक्शा पास किए अवैध निर्माण तो हुए ही हैं. अवैध मंजिलों का निर्माण करा दिया गया है.

लखनऊ में नियम के विपरीत हो रहे निर्माण.


किस तरह से तय होती है ऊंचाई, क्या होता है एफएआर : बिल्डिंगों की ऊंचाई तय करने के लिए नगर विकास अधिनियम में खास मानक हैं. जिसको फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) बोलते हैं. इसमें भूखंड के क्षेत्रफल के आधार पर उसकी मंजिल तय की जाती है. जिसमें लखनऊ में जो भी प्लॉट हैं. उनमें से अधिकांश 3000 वर्ग फीट के भीतर ही हैं. जिनके लिए फ्लोर एरिया रेशियो ढाई मंजिल का तय है. यह मंजिलें क्षेत्रफल के हिसाब से बढ़ती जाती हैं. इसके साथ ही एक सिंगल यूनिट मकान को भले ही आप 5000 स्क्वायर फीट भूमि पर भी क्यों ना बनाएं, लेकिन आप बना ढाई मंजिल ही सकते हैं.


50 हजार से भी अधिक अवैध इमारत ऑन द रिकार्ड : लखनऊ में कम से कम 50 हजार अवैध बिल्डिंग है तो ऑन रिकॉर्ड हैं. इनको लखनऊ विकास प्राधिकरण से अवैध निर्माण की नोटिस जारी की जा चुकी है. इसके अलावा बड़ी संख्या में ऐसी हम रखते हैं जो अधिक ऊंचाई को लेकर अभी भी नोटिस अछूती हैं. लखनऊ जन कल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे का इस बारे में कहना है कि वे लगातार जन सूचना और अन्य माध्यमों से अवैध निर्माणों और अधिक ऊंचाई की इमारतों की शिकायत करते रहते हैं, लेकिन सुनवाई नहीं होती है. उनका कहना है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण के सहयोग से ही बिल्डर अवैध बिल्डिंग का निर्माण करके राजधानी की सूरत बिगाड़ रहा है.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी (Dr. Indramani Tripathi, Vice President of Lucknow Development Authority) ने इस बारे में बताया कि लगातार अवैध निर्माण, अधिक ऊंचाई वाली इमारतों के खिलाफ एलडीए कार्रवाई कर रहा है. नोटिस और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जारी है. जहां भी अधिक ऊंचाई की इमारतें हैं वहां पर अवैध निर्माण से ढहाया जाएगा.

यह भी पढ़ें : पोर्न मूवी दिखाकर अप्राकृतिक संबंध बनाता है शौहर, पत्नी ने की एसएसपी से शिकायत

लखनऊ : यूपी की राजधानी के जियामऊ इलाके में एक पंक्ति में एक दर्जन इमारतें हैं. सभी का नक्शा ढाई मंजिल का पास है, लेकिन निर्माण चार से छह मंजिल तक किया गया है. करीब 10 साल से इन बिल्डिंगों को ध्वस्त करने का आदेश न केवल एलडीए की प्रवर्तन कोर्ट में है. हाईकोर्ट ने भी इनका अवैध हिस्सा गिराने का आदेश किया है. लखनऊ की आधी बिल्डिंगों में इसी तरह की अनियमितताएं बरती गई हैं.


लखनऊ में जमीन से ज्यादा अवैध कब्जा आसमान (ऊंची इमारतों) पर है. यह तय मानकों के विपरीत 50% इमारतें अधिक ऊंची बनाई गई हैं. अधिकांश प्लॉटों पर तीन मंजिल तक का निर्माण ही वैध है. पांच से आठ मंजिल तक के निर्माण किए गए हैं. बिना नक्शा पास किए अवैध निर्माण तो हुए ही हैं. अवैध मंजिलों का निर्माण करा दिया गया है.

लखनऊ में नियम के विपरीत हो रहे निर्माण.


किस तरह से तय होती है ऊंचाई, क्या होता है एफएआर : बिल्डिंगों की ऊंचाई तय करने के लिए नगर विकास अधिनियम में खास मानक हैं. जिसको फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) बोलते हैं. इसमें भूखंड के क्षेत्रफल के आधार पर उसकी मंजिल तय की जाती है. जिसमें लखनऊ में जो भी प्लॉट हैं. उनमें से अधिकांश 3000 वर्ग फीट के भीतर ही हैं. जिनके लिए फ्लोर एरिया रेशियो ढाई मंजिल का तय है. यह मंजिलें क्षेत्रफल के हिसाब से बढ़ती जाती हैं. इसके साथ ही एक सिंगल यूनिट मकान को भले ही आप 5000 स्क्वायर फीट भूमि पर भी क्यों ना बनाएं, लेकिन आप बना ढाई मंजिल ही सकते हैं.


50 हजार से भी अधिक अवैध इमारत ऑन द रिकार्ड : लखनऊ में कम से कम 50 हजार अवैध बिल्डिंग है तो ऑन रिकॉर्ड हैं. इनको लखनऊ विकास प्राधिकरण से अवैध निर्माण की नोटिस जारी की जा चुकी है. इसके अलावा बड़ी संख्या में ऐसी हम रखते हैं जो अधिक ऊंचाई को लेकर अभी भी नोटिस अछूती हैं. लखनऊ जन कल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे का इस बारे में कहना है कि वे लगातार जन सूचना और अन्य माध्यमों से अवैध निर्माणों और अधिक ऊंचाई की इमारतों की शिकायत करते रहते हैं, लेकिन सुनवाई नहीं होती है. उनका कहना है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण के सहयोग से ही बिल्डर अवैध बिल्डिंग का निर्माण करके राजधानी की सूरत बिगाड़ रहा है.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी (Dr. Indramani Tripathi, Vice President of Lucknow Development Authority) ने इस बारे में बताया कि लगातार अवैध निर्माण, अधिक ऊंचाई वाली इमारतों के खिलाफ एलडीए कार्रवाई कर रहा है. नोटिस और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जारी है. जहां भी अधिक ऊंचाई की इमारतें हैं वहां पर अवैध निर्माण से ढहाया जाएगा.

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