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बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में 5 लोमड़ियों की मौत, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार - fox sample sent to IVRI (Indian Veterinary Research Institute)

रांची के बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में पिछले एक महीने में 5 से अधिक लोमड़ियों की मौत हो गई है. मौत का असली कारण क्या है इसकी जांच के लिए पोस्टमार्टम के बाद सैंपलों को IVRI (Indian Veterinary Research Institute) इज्जतनगर भेजा गया है.

बिरसा मुंडा जैविक उद्यान
बिरसा मुंडा जैविक उद्यान
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Published : Apr 14, 2022, 11:40 AM IST

Updated : Apr 14, 2022, 11:59 AM IST

रांची: राजधानी के बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में पिछले एक महीने से भी कम समय में 5 से अधिक लोमड़ियों की मौत से जू प्रबंधन की चिंता बढ़ गई है. मौत की वास्तविक वजह क्या है इसकी जांच के लिए सभी लोमड़ियों का पोस्टमार्टम कराकर उसके सैंपल को उत्तर प्रदेश में स्थित IVRI (Indian Veterinary Research Institute) इज्जतनगर, बरेली भेजा गया है. वहां से दो तीन में रिपोर्ट आने के उम्मीद है. उसके बाद ही लोमड़ियों की मौत के वास्तविक कारणों का खुलासा हो पाएगा.

केनाइन डिस्टेम्पर वायरस से मौत की आशंका: बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में लोमड़ियों की मौत की वजह का पता तो IVRI से रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा पर दबी जुबान से जू कर्मी केनाइन डिस्टेंपर वायरस के इंफेक्शन की संभावना जता रहे हैं. विशेषज्ञ के अनुसार यह वायरस कुत्तों,लोमड़ियों,शेर और बाघों जैसे जंगली जानवरों को संक्रमित करता है. जिससे जानवरों में फेफड़ों, वायुमार्ग, नाक और आंख संक्रमित हो जाते हैं. इसके प्रभाव से जानवरों में प्रतिरक्षा प्रणाली की क्रियाशीलता कम हो जाती है जिसकी वजह से जानवर गंभीर बीमारी से संक्रमित हो जाते हैं और फिर उनकी मौत हो जाती है.

बाहरी वातावरण में जीवित नहीं रहता है वायरस: विशेषज्ञ के अनुसार यह वायरस बाहरी वातावरण में अधिक समय तक जीवित नहीं रहता है. यह कमरे के तापमान पर केवल कुछ घंटों और ठंडे छायादार स्थानों में कुछ हफ्तों तक जीवित रह सकता है. इसके संक्रमण के बाद पहले नैदानिक ​​लक्षणों तक 3-7 दिनों का होता है. बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में इसी वायरस के चपेट में आने से लोमड़ियों की मौत की आशंका जताई जा रही है.

ये भी पढ़ें- ओडिशा की जंबो त्रासदी: हाथियों की मौत में बेतहाशा वृद्धि

रांची: राजधानी के बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में पिछले एक महीने से भी कम समय में 5 से अधिक लोमड़ियों की मौत से जू प्रबंधन की चिंता बढ़ गई है. मौत की वास्तविक वजह क्या है इसकी जांच के लिए सभी लोमड़ियों का पोस्टमार्टम कराकर उसके सैंपल को उत्तर प्रदेश में स्थित IVRI (Indian Veterinary Research Institute) इज्जतनगर, बरेली भेजा गया है. वहां से दो तीन में रिपोर्ट आने के उम्मीद है. उसके बाद ही लोमड़ियों की मौत के वास्तविक कारणों का खुलासा हो पाएगा.

केनाइन डिस्टेम्पर वायरस से मौत की आशंका: बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में लोमड़ियों की मौत की वजह का पता तो IVRI से रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा पर दबी जुबान से जू कर्मी केनाइन डिस्टेंपर वायरस के इंफेक्शन की संभावना जता रहे हैं. विशेषज्ञ के अनुसार यह वायरस कुत्तों,लोमड़ियों,शेर और बाघों जैसे जंगली जानवरों को संक्रमित करता है. जिससे जानवरों में फेफड़ों, वायुमार्ग, नाक और आंख संक्रमित हो जाते हैं. इसके प्रभाव से जानवरों में प्रतिरक्षा प्रणाली की क्रियाशीलता कम हो जाती है जिसकी वजह से जानवर गंभीर बीमारी से संक्रमित हो जाते हैं और फिर उनकी मौत हो जाती है.

बाहरी वातावरण में जीवित नहीं रहता है वायरस: विशेषज्ञ के अनुसार यह वायरस बाहरी वातावरण में अधिक समय तक जीवित नहीं रहता है. यह कमरे के तापमान पर केवल कुछ घंटों और ठंडे छायादार स्थानों में कुछ हफ्तों तक जीवित रह सकता है. इसके संक्रमण के बाद पहले नैदानिक ​​लक्षणों तक 3-7 दिनों का होता है. बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में इसी वायरस के चपेट में आने से लोमड़ियों की मौत की आशंका जताई जा रही है.

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Last Updated : Apr 14, 2022, 11:59 AM IST
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