रांची: राजधानी के बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में पिछले एक महीने से भी कम समय में 5 से अधिक लोमड़ियों की मौत से जू प्रबंधन की चिंता बढ़ गई है. मौत की वास्तविक वजह क्या है इसकी जांच के लिए सभी लोमड़ियों का पोस्टमार्टम कराकर उसके सैंपल को उत्तर प्रदेश में स्थित IVRI (Indian Veterinary Research Institute) इज्जतनगर, बरेली भेजा गया है. वहां से दो तीन में रिपोर्ट आने के उम्मीद है. उसके बाद ही लोमड़ियों की मौत के वास्तविक कारणों का खुलासा हो पाएगा.
केनाइन डिस्टेम्पर वायरस से मौत की आशंका: बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में लोमड़ियों की मौत की वजह का पता तो IVRI से रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा पर दबी जुबान से जू कर्मी केनाइन डिस्टेंपर वायरस के इंफेक्शन की संभावना जता रहे हैं. विशेषज्ञ के अनुसार यह वायरस कुत्तों,लोमड़ियों,शेर और बाघों जैसे जंगली जानवरों को संक्रमित करता है. जिससे जानवरों में फेफड़ों, वायुमार्ग, नाक और आंख संक्रमित हो जाते हैं. इसके प्रभाव से जानवरों में प्रतिरक्षा प्रणाली की क्रियाशीलता कम हो जाती है जिसकी वजह से जानवर गंभीर बीमारी से संक्रमित हो जाते हैं और फिर उनकी मौत हो जाती है.
बाहरी वातावरण में जीवित नहीं रहता है वायरस: विशेषज्ञ के अनुसार यह वायरस बाहरी वातावरण में अधिक समय तक जीवित नहीं रहता है. यह कमरे के तापमान पर केवल कुछ घंटों और ठंडे छायादार स्थानों में कुछ हफ्तों तक जीवित रह सकता है. इसके संक्रमण के बाद पहले नैदानिक लक्षणों तक 3-7 दिनों का होता है. बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में इसी वायरस के चपेट में आने से लोमड़ियों की मौत की आशंका जताई जा रही है.
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