ETV Bharat / bharat

Rain and Flood Disaster: उत्तराखंड में गायब हुई 36 हेक्टेयर भूमि, जानें क्या है माजरा - उत्तराखंड में भारी बारिश से 8645 पशुओं का मौत

Rain and Flood Disaster उत्तराखंड में 15 जून से आफत की बारिश शुरू हो गई थी. जिसके बाद से प्रदेश के तमाम क्षेत्रों में आपदा जैसे हालात उत्पन्न हो गए थे. भारी बारिश के चलते न सिर्फ फसलों को नुकसान हुआ है, बल्कि भूमि का बड़ा हिस्सा भी वॉश आउट हो गया है. पढ़ें पूरी खबर..

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Aug 2, 2023, 4:09 PM IST

Updated : Aug 2, 2023, 5:32 PM IST

उत्तराखंड में गायब हुई 36 हेक्टेयर भूमि

देहरादून: उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते प्रदेश के तमाम क्षेत्रों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. एक ओर भारी बारिश से चलते जन जीवन अस्त-व्यस्त है. तो वहीं, दूसरी ओर इस मॉनसून सीजन के दौरान जमीनों का भी बड़ा नुकसान हो रहा है. इस मॉनसून सीजन के दौरान करीब 36 हेक्टेयर भूमि वॉश आउट हो गई है. यानी उत्तराखंड की इतनी जमीन गायब हो गई है. करीब 8,600 हेक्टेयर भूमि की फसल बर्बाद हो गई है. भारी मात्रा में फसल बर्बाद होने से किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है. साथ ही आपदा का असर पशुओं पर भी पड़ा है.

Rain and Flood Disaster
उत्तराखंड में गायब हुई 36 हेक्टेयर भूमि

हरिद्वार में सबसे ज्यादा फसल हुई बर्बाद: कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, 15 जून से 1 अगस्त तक हुई भारी बारिश के चलते प्रदेश की 36.18 हेक्टेयर भूमि को क्षति हुई है. जिसमें मलबा आने से 23.26 हेक्टेयर और भूस्खलन होने से 12.92 हेक्टेयर भूमि का नुकसान हुआ है. साथ ही भारी बारिश के चलते फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है. आंकड़ों के अनुसार पिछले डेढ़ महीने में 8,582.28 हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल बर्बाद हुई है. जिसमें से सबसे अधिक हरिद्वार जिले में फसल को नुकसान हुआ है, क्योंकि बाढ़ के चलते हरिद्वार में 8,507 हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है.

मानक के तहत आने वाले लोगों की होगी मदद: कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि जो भारत सरकार के मानक हैं, उनके तहत मदद की जाएगी. जो लोग इंश्योरेंस के दायरे में आते हैं, उनको इंश्योरेंस के जरिए मदद दी जाएगी. उन्होंने कहा कि जो लोग मानक से बाहर हैं, उनके लिए अलग से रास्ता निकालकर मदद की जाएगी.

पशुओं पर भी बारिश का पड़ा असर: पशुपालन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 8,645 पशुओं का निधन हो चुका है. जिसमें 47 गाय, 23 भैंस, 17 बैल, 2 खच्चर, 9 बछिया, 4 बछड़ा, एक कटड़ी, 361 बकरी, 81 भेड़, 8,100 कुक्कुट शामिल हैं. वहीं, पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि आपदा के दृष्टिगत जितने भी पशुओं की मौत हुई है, उनके आंकड़े जुटाए जा रहे हैं. जिसके बाद रिकॉर्ड सीएम धामी के सम्मुख रखा जाएगा. ऐसे में जो भी फैसला लिया जाएगा, उस पर आगे कार्य किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: बदरीनाथ में मास्टर प्लान के काम के लिए बना अस्थाई पुल हुआ ध्वस्त, दो मजदूर अलकनंदा में बहे, एक बचा, दूसरे की तलाश जारी

उत्तराखंड में गायब हुई 36 हेक्टेयर भूमि

देहरादून: उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते प्रदेश के तमाम क्षेत्रों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. एक ओर भारी बारिश से चलते जन जीवन अस्त-व्यस्त है. तो वहीं, दूसरी ओर इस मॉनसून सीजन के दौरान जमीनों का भी बड़ा नुकसान हो रहा है. इस मॉनसून सीजन के दौरान करीब 36 हेक्टेयर भूमि वॉश आउट हो गई है. यानी उत्तराखंड की इतनी जमीन गायब हो गई है. करीब 8,600 हेक्टेयर भूमि की फसल बर्बाद हो गई है. भारी मात्रा में फसल बर्बाद होने से किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है. साथ ही आपदा का असर पशुओं पर भी पड़ा है.

Rain and Flood Disaster
उत्तराखंड में गायब हुई 36 हेक्टेयर भूमि

हरिद्वार में सबसे ज्यादा फसल हुई बर्बाद: कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, 15 जून से 1 अगस्त तक हुई भारी बारिश के चलते प्रदेश की 36.18 हेक्टेयर भूमि को क्षति हुई है. जिसमें मलबा आने से 23.26 हेक्टेयर और भूस्खलन होने से 12.92 हेक्टेयर भूमि का नुकसान हुआ है. साथ ही भारी बारिश के चलते फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है. आंकड़ों के अनुसार पिछले डेढ़ महीने में 8,582.28 हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल बर्बाद हुई है. जिसमें से सबसे अधिक हरिद्वार जिले में फसल को नुकसान हुआ है, क्योंकि बाढ़ के चलते हरिद्वार में 8,507 हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है.

मानक के तहत आने वाले लोगों की होगी मदद: कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि जो भारत सरकार के मानक हैं, उनके तहत मदद की जाएगी. जो लोग इंश्योरेंस के दायरे में आते हैं, उनको इंश्योरेंस के जरिए मदद दी जाएगी. उन्होंने कहा कि जो लोग मानक से बाहर हैं, उनके लिए अलग से रास्ता निकालकर मदद की जाएगी.

पशुओं पर भी बारिश का पड़ा असर: पशुपालन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 8,645 पशुओं का निधन हो चुका है. जिसमें 47 गाय, 23 भैंस, 17 बैल, 2 खच्चर, 9 बछिया, 4 बछड़ा, एक कटड़ी, 361 बकरी, 81 भेड़, 8,100 कुक्कुट शामिल हैं. वहीं, पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि आपदा के दृष्टिगत जितने भी पशुओं की मौत हुई है, उनके आंकड़े जुटाए जा रहे हैं. जिसके बाद रिकॉर्ड सीएम धामी के सम्मुख रखा जाएगा. ऐसे में जो भी फैसला लिया जाएगा, उस पर आगे कार्य किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: बदरीनाथ में मास्टर प्लान के काम के लिए बना अस्थाई पुल हुआ ध्वस्त, दो मजदूर अलकनंदा में बहे, एक बचा, दूसरे की तलाश जारी

Last Updated : Aug 2, 2023, 5:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.