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तिहाड़ जेल के 3400 कैदी फरार - तिहाड़ जेल के 3400 कैदी फरार

तिहाड़ जेल के 3400 कैदी फरार हो गए हैं. कोरोना संक्रमण को देखते हुए पिछले साल करीब 6700 कैदियों को पैरोल या जमानत पर छोड़ा गया था. लेकिन तय अवधि खत्म होने के बाद भी करीब 3400 कैदियों ने जेल में सरेंडर नहीं किया. तिहाड़ जेल की तरफ से इन कैदियों की सूची दिल्ली पुलिस को सौंपी गई है.

तिहाड़ जेल
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Published : Apr 15, 2021, 11:27 AM IST

नई दिल्ली: तिहाड़ जेल से जमानत और पैरोल पर छोड़े गए 3400 से ज्यादा कैदी लापता हैं. ये उन कैदियों की तादाद है जिन्होंने पैरोल या जमानत की अवधि खत्म होने के बाद भी जेल में सरेंडर नहीं किया. तिहाड़ जेल की तरफ से ऐसे कैदियों की सूची दिल्ली पुलिस को सौंपी गई है. गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को बढ़ता देख इन कैदियों को जमानत और पैरोल पर छोड़ा गया था ताकि जेल में कोरोना संक्रमण फैलने पर कैदियों को बचाया जा सके. लेकिन पैरोल या जमानत की तय अवधि पूरी होने के बाद भी 3400 कैदी वापस नहीं लौटे हैं.

2020 में कोरोना काल के दौरान दी थी राहत
जानकारी के अनुसार पिछले साल जब कोरोना संक्रमण के मामले तिहाड़ जेल में आने लगे तो जेल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना मुश्किल हो गया. जिसके बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने दिल्ली सरकार एवं अदालत से निवेदन कर 6 हजार से ज्यादा कैदियों को जमानत और पैरोल पर छोड़ा था. इनमें सजा पा चुके कैदियों के साथ ही बड़ी संख्या में विचाराधीन कैदी भी शामिल थे. इनमें ऐसे कैदी भी शामिल थे जिन्हें एचआईवी, टीबी, कैंसर, किडनी आदि गंभीर बीमारियां थी. इन्हें एक तय अवधि के लिए पैरोल और जमानत मिली थी. कुछ कैदियों के लिए इस अवधि को बाद में बढ़ाया भी गया था. लेकिन यह अवधि अब पूरी तरह खत्म हो चुकी है और अभी तक 3468 कैदियों ने जेल में सरेंडर नहीं किया है.

3400 कैदी फरार
3400 कैदी फरार
कैदियों को तलाशेगी दिल्ली पुलिसजेल प्रशासन की तरफ से पुलिस को बताया गया है कि उन्होंने 1184 सजा पा काट रहे कैदियों को तिहाड़, मंडोली और रोहिणी जेल से छोड़ा था. शुरुआत में उन्हें आठ सप्ताह के लिए छोड़ा गया था और बाद में इस अवधि को बढ़ाया गया. बीते 6 मार्च तक इन कैदियों को सरेंडर करना था लेकिन इनमें से 112 कैदी वापस नहीं लौटे हैं. इसी तरह 5556 विचाराधीन कैदियों को अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया था. इन सभी को मार्च के आखरी हफ्ते तक आत्मसमर्पण करना था. इनमें से केवल 2200 कैदियों ने ही वापस जेल आकर सरेंडर किया है. जबकि बाकी करीब 3300 कैदी वापस नहीं लौटे. इन सभी फरार कैदियों की जानकारी दिल्ली पुलिस को भेजी गई है. अब दिल्ली पुलिस के सामने इन कैदियों के बारे में जानकारी जुटाना और गिरफ्तार करके वापस जेल भेजना बड़ी चुनौती है.

ये भी पढ़े- आईआईटी रुड़की के क्वारंटाइन सेंटर में छात्र की मौत, RT-PCR रिपोर्ट थी नेगेटिव

नई दिल्ली: तिहाड़ जेल से जमानत और पैरोल पर छोड़े गए 3400 से ज्यादा कैदी लापता हैं. ये उन कैदियों की तादाद है जिन्होंने पैरोल या जमानत की अवधि खत्म होने के बाद भी जेल में सरेंडर नहीं किया. तिहाड़ जेल की तरफ से ऐसे कैदियों की सूची दिल्ली पुलिस को सौंपी गई है. गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को बढ़ता देख इन कैदियों को जमानत और पैरोल पर छोड़ा गया था ताकि जेल में कोरोना संक्रमण फैलने पर कैदियों को बचाया जा सके. लेकिन पैरोल या जमानत की तय अवधि पूरी होने के बाद भी 3400 कैदी वापस नहीं लौटे हैं.

2020 में कोरोना काल के दौरान दी थी राहत
जानकारी के अनुसार पिछले साल जब कोरोना संक्रमण के मामले तिहाड़ जेल में आने लगे तो जेल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना मुश्किल हो गया. जिसके बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने दिल्ली सरकार एवं अदालत से निवेदन कर 6 हजार से ज्यादा कैदियों को जमानत और पैरोल पर छोड़ा था. इनमें सजा पा चुके कैदियों के साथ ही बड़ी संख्या में विचाराधीन कैदी भी शामिल थे. इनमें ऐसे कैदी भी शामिल थे जिन्हें एचआईवी, टीबी, कैंसर, किडनी आदि गंभीर बीमारियां थी. इन्हें एक तय अवधि के लिए पैरोल और जमानत मिली थी. कुछ कैदियों के लिए इस अवधि को बाद में बढ़ाया भी गया था. लेकिन यह अवधि अब पूरी तरह खत्म हो चुकी है और अभी तक 3468 कैदियों ने जेल में सरेंडर नहीं किया है.

3400 कैदी फरार
3400 कैदी फरार
कैदियों को तलाशेगी दिल्ली पुलिसजेल प्रशासन की तरफ से पुलिस को बताया गया है कि उन्होंने 1184 सजा पा काट रहे कैदियों को तिहाड़, मंडोली और रोहिणी जेल से छोड़ा था. शुरुआत में उन्हें आठ सप्ताह के लिए छोड़ा गया था और बाद में इस अवधि को बढ़ाया गया. बीते 6 मार्च तक इन कैदियों को सरेंडर करना था लेकिन इनमें से 112 कैदी वापस नहीं लौटे हैं. इसी तरह 5556 विचाराधीन कैदियों को अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया था. इन सभी को मार्च के आखरी हफ्ते तक आत्मसमर्पण करना था. इनमें से केवल 2200 कैदियों ने ही वापस जेल आकर सरेंडर किया है. जबकि बाकी करीब 3300 कैदी वापस नहीं लौटे. इन सभी फरार कैदियों की जानकारी दिल्ली पुलिस को भेजी गई है. अब दिल्ली पुलिस के सामने इन कैदियों के बारे में जानकारी जुटाना और गिरफ्तार करके वापस जेल भेजना बड़ी चुनौती है.

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