जयपुर. भारतीय सीए संस्थान (ICAI) की ओर से आयोजित सीए फाइनल और इंटरमीडिएट मई-2023 की परीक्षाओं में राजस्थान की राजधानी जयपुर के होनहारों ने अपना परचम लहराया. सीए फाइनल के ग्रुप-1 में 633 बच्चों ने भाग लिया, इनमें से 71 छात्र पास हुए, जबकि ग्रुप- 2 में 919 में से 368 ने बाजी मारी. 609 छात्र ऐसे थे, जिन्होंने दोनों ग्रुप में भाग लिया. इनमें से 26 छात्रों के ग्रुप-1, 117 छात्रों के ग्रुप- 2 और 56 छात्र ऐसे थे जिन्होंने दोनों ग्रुप एक साथ क्लियर करते हुए अपने नाम के साथ सीए जुड़वाया है. सीए फाइनल में जयपुर के तीन छात्रों ने टॉप 50 में अपनी जगह बनाई है.
वो गलतियां न दोहराएं जो इस बार की : सीए फाइनल में ऑल इंडिया 33वीं रैंक हासिल करने वाले विशेष काबरा ने बताया कि उन्होंने सिर्फ पास होने के बारे में सोचा था. रैंक की कोई उम्मीद नहीं की थी. ये कामयाबी हार्ड वर्क और किस्मत से मिली है. उन्होंने 5 महीने जमकर तैयारी की. इस दौरान सोशल मीडिया का इस्तेमाल कम कर दिया था. आईसीएआई स्टडी मटेरियल और पुराने पेपर के अलावा किसी भी एक्स्ट्रा मटेरियल पर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने बताया कि उनके पिता, चाचा और बहन भी चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं. उनकी इस जर्नी में उनकी बहन का अहम योगदान रहा है, जो छात्र इस बार सीए फाइनल में पास नहीं हो पाए उन्हें विशेष ने गिवअप नहीं करने की सलाह देते हुए कहा कि नेक्स्ट अटेम्प्ट में वो गलतियां न दोहराएं जो इस बार की है.
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मेंटल हेल्थ पर काफी ज्यादा फोकस : ऑल इंडिया 42वीं रैंक हासिल करने वाली प्रिया अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने टॉप 50 में जगह मिलेगी, ये कभी नहीं सोचा था. सीए एक प्रतिष्ठित कोर्स है इसी वजह से करियर में इसे चुना और कंसिस्टेंसी के साथ तैयारी शुरू की. 1 दिन में करीब 10 घंटे पढ़ाई की और उसका नतीजा सामने है. उन्होंने कहा कि कंसेप्ट क्लियर था, खुद पर कंट्रोल किया और जितने घंटे पढ़ाई को देने हैं, उतने नियमित रूप से दिए. इस दौरान सोशल मीडिया भी जारी रहा, किसी से कटऑफ नहीं किया. सीए फाइनल में 44वीं रैंक हासिल करने वाले आयुष कटारिया ने बताया कि 2018 में उन्होंने सीए फाउंडेशन का एग्जाम दिया तब 46वीं रैंक हासिल की थी. इस बार फाइनल में 44वीं रैंक हासिल की है. इस जर्नी के दौरान उन्होंने अपनी मेंटल हेल्थ पर काफी ज्यादा फोकस किया, जिसका परिणाम उन्हें फाइनल में अच्छी रैंक के साथ मिला.
144 छात्रों ने दोनों ग्रुप पास किए : सीए इंटरमीडिएट के ग्रुप-1 में 793 में से 132 जबकि ग्रुप-2 में 857 में से 388 छात्र पास हुए. वहीं, 954 छात्र ऐसे थे जिन्होंने दोनों ग्रुप एक साथ दिए. इनमें 169 छात्रों ने फर्स्ट ग्रुप, 12 छात्रों ने सेकंड ग्रुप और 144 छात्रों ने दोनों ग्रुप पास किए. इंटरमीडिएट में जयपुर सेंटर टॉपर और ऑल इंडिया 16वीं रैंक हासिल करने वाली हर्षिका खंडेलवाल ने बताया कि जब सीए की शुरुआत की थी, तब ही सोच लिया था कि ऑल इंडिया एक अच्छी रैंक जरूर चाहिए. इसी के हिसाब से डे वन से लगातार तैयारी पर फोकस रखा. रिवीजन प्रॉपर हो सके, इसके लिए शेड्यूल बनाया. उन्होंने बताया कि वो खुद साइंस स्ट्रीम में जाना चाहती थी, लेकिन पिता के कहने पर कॉमर्स ली और आज सीए इंटरमीडिएट में उन्होंने ये मुकाम हासिल किया है.
इंटरमीडिएट में ऑल इंडिया 21वीं रैंक हासिल करने वाले प्रणव धूत ने बताया कि रैंक के बारे में कभी नहीं सोचा था कि बस दोनों ग्रुप क्लियर करना चाहते थे. रिजल्ट की सुबह गोविंद देव जी मंदिर जाकर भगवान से प्रार्थना भी की थी. पहले रैंक नहीं देखी. बाद में मेरिट लिस्ट देखी तो उसमें 21वीं रैंक थी. उन्होंने इस कामयाबी का क्रेडिट अपने परिजनों विशेषकर दादी को दिया, जिन्होंने स्ट्रेस मैनेजमेंट में उनका साथ दिया.