श्रीनगर : श्रीनगर में दो दिन पहले एक रेस्तरां मालिक के बेटे पर हुए हमले के सिलसिले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपियों के कथित संबंध प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध छद्म समूह से बताए गए हैं.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी), कश्मीर जोन विजय कुमार ने यहां संवाददाताओं को बताया कि हमने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जो कृष्णा ढाबा पर हमले में शामिल थे. उस घटना में एक व्यक्ति घायल हो गया था.
आरोपियों की पहचान सुहैल अहमद मीर, ओवैस मंजूर सोफी और विलायत अजीज मीर के रूप में हुई है. इनमें सुहैल और सोफी अनंतनाग के नौगाम के रहने वाले हैं, जबकि विलायत मीर पुलवामा का है.
हमलावरों ने शहर के एक उच्च-सुरक्षा वाले क्षेत्र में स्थित कृष्णा ढाबा के मालिक के बेटे आकाश मेहरा को बुधवार शाम गोली मार दी थी. इस घटना में आकाश मेहरा गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें तुरंत एसएमएचएस अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है.
मुस्लिम जांबाज फोर्स नामक एक आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. यह संगठन 1990 के दशक में सक्रिय था.
शहर में यह हमला ऐसे वक्त हुआ था, जब विभिन्न देशों के राजनयिकों का 24 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के दौरे पर था.
कुमार ने कहा कि बुधवार शाम की घटना के तुरंत बाद मामले की जांच के लिए पुलिस उपमहानिरीक्षक अमित कुमार की देखरेख में पुलिस टीमों का गठन किया गया था.
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उन्होंने घटना का ब्यौरा देते हुए कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने बाहर से आए लोगों को आतंकित करने के लिए एक आसान लक्ष्य चुना ताकि घाटी में चल रहे शांतिपूर्ण माहौल को बाधित किया जा सके. लश्कर-ए-तैयबा ने नए आतंकी संगठन तैयार करने का एक नया तरीका अपनाया है और उसने कुछ पुराने समूहों को फिर से सक्रिय किया है.
कृष्णा ढाबा पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच लोकप्रिय है और यह हमला पर्यटकों के आगमन को बाधित करने का भी प्रयास था जो पिछले दो महीनों में बढ़ गया है.
हमले के तुरंत बाद श्रीनगर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी सहायता की मदद से कुछ सुराग हासिल किए और पुलवामा और अनंतनाग पुलिस से संपर्क किया.
खुफिया सूचना के आधार पर, श्रीनगर और पुलवामा की संयुक्त पुलिस टीम ने कई संदिग्ध स्थानों पर छापे मारे और विलायत अजीज मीर को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद सुहैल अहमद मीर और ओवैस मंज़ूर सोफी को गिरफ्तार किया गया.