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देश में पहली बार जंगल सफारी की सैर कराएंगी महिला ड्राइवर, ट्रेनिंग के लिए देहरादून रवाना

उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर पार्क की 25 महिला ड्राइवर ट्रेनिंग लेने के लिए देहरादून रवाना हो गई हैं. महिला ड्राइवर देहरादून में जंगल सफारी के गुर सीखेंगी. देश में ऐसा पहली बार होगा जब ये महिलाएं टाइगर-हाथियों के बीच पर्यटकों को सफारी करवाएंगी.

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Published : Aug 31, 2021, 7:09 PM IST

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रामनगर : देश के जाने-माने नेशनल पार्कों में से एक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अब महिलाएं खतरनाक जंगली जानवरों के बीच पर्यटकों को सफारी कराते हुए नजर आएंगी. जिप्सी पर बैठकर कॉर्बेट नेशनल पार्क के अंदर तमाम रेंज को घुमाने का काम भी अब महिलाएं भी करवाएंगी. इसके लिए कॉर्बेट प्रशासन ने बकायदा 25 महिलाओं का चुनाव करके देहरादून ट्रेनिंग के लिए भी भेज दिया है.

25 महिला जिप्सी चालकों का चयन : 21 मार्च विश्व वानिकी दिवस पर मुख्यमंत्री ने कॉर्बेट में 50 महिला जिप्सी चालक की भर्ती की घोषणा की थी. उसी कड़ी में कॉर्बेट प्रशासन ने पिछले महीने से जिप्सी चालकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की थी, जिनमें 45 महिलाओं ने आवेदन किए थे. 30 अगस्त को कॉर्बेट प्रशासन ने प्रशिक्षण के लिए पहले दौर में 25 महिला जिप्सी चालकों को देहरादून भेजा है. 21 दिनों की ट्रेनिंग पर महिला ड्राइवर जिप्सी चलाने के साथ-साथ जंगल सफारी के गुर भी सीखेंगी.

देश में पहला प्रयोग : दरअसल, राज्य सरकार ने महिलाओं को 'नेचर गाइड' बनाने का देश में पहला प्रयोग किया है. जिसके माध्यम से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं. कॉर्बेट के निदेशक राहुल कुमार ने कहा कि यह तो सिर्फ शुरूआत है. भविष्य में इन्हें 'नेचर गाइड' का निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा.

महिला ड्राइवर कराएंगी वन्यजीवों का दीदार.

कॉर्बेट प्रशासन करवा रहा ट्रेनिंग : कॉर्बेट में अगले पर्यटन सत्र के लिए 50 अतिरिक्त जिप्सियों का पंजीकरण किया गया है, जिनका संचालन महिलाओं द्वारा ही किया जाएगा. कॉर्बेट प्रशासन देहरादून में सरकारी ड्राइविंग प्रशिक्षण दिलाएगा. ड्राइविंग का अनुभव प्रमाण पत्र मिलने के बाद कॉर्बेट प्रशासन द्वारा वीर चंद्र गढ़वाली योजना के तहत ऋण में जिप्सी दिलाने में मदद की जाएगी.

स्वरोजगार की दिशा : महिलाओं के स्वरोजगार को लेकर राज्य सरकार तमाम योजनाएं चला रही है, जिसके जरिए महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देश पर कॉर्बेट नेशनल पार्क में महिलाओं को सफारी कराने के लिए ड्राइविंग के लिए ट्रेनिंग देने की शुरुआत की जा रही है.

गाइड भी महिलाएं ही रहेंगी : इसके अलावा गाइड के रूप में भी महिलाएं ही पर्यटकों को गाइड करती नजर आएंगी. इस कार्यक्रम के जरिए प्रदेश में महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की पहल की जा रही है, दरअसल इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को दिशा निर्देशित किया था, जिसमें वन मंत्री हरक सिंह रावत ने इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया.

यह भी पढ़ें-इधर अफगान घटनाक्रम में व्यस्त भारत, उधर 'हिंद महासागर' तक चीन ने खोला नया रास्ता

प्रदेश में कॉर्बेट नेशनल पार्क में अब सफारी कराने के लिए महिलाओं को ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके लिए 31 अगस्त से 21 दिन की ट्रेनिंग शुरू की जाएगी. ये महिलाएं न केवल कॉर्बेट नेशनल पार्क में आने वाले पर्यटको को सफारी कराएंगी, बल्कि गाइड के रूप में भी महिलाएं पर्यटकों को जानकारी देती हुई नजर आएंगी.

रामनगर : देश के जाने-माने नेशनल पार्कों में से एक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अब महिलाएं खतरनाक जंगली जानवरों के बीच पर्यटकों को सफारी कराते हुए नजर आएंगी. जिप्सी पर बैठकर कॉर्बेट नेशनल पार्क के अंदर तमाम रेंज को घुमाने का काम भी अब महिलाएं भी करवाएंगी. इसके लिए कॉर्बेट प्रशासन ने बकायदा 25 महिलाओं का चुनाव करके देहरादून ट्रेनिंग के लिए भी भेज दिया है.

25 महिला जिप्सी चालकों का चयन : 21 मार्च विश्व वानिकी दिवस पर मुख्यमंत्री ने कॉर्बेट में 50 महिला जिप्सी चालक की भर्ती की घोषणा की थी. उसी कड़ी में कॉर्बेट प्रशासन ने पिछले महीने से जिप्सी चालकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की थी, जिनमें 45 महिलाओं ने आवेदन किए थे. 30 अगस्त को कॉर्बेट प्रशासन ने प्रशिक्षण के लिए पहले दौर में 25 महिला जिप्सी चालकों को देहरादून भेजा है. 21 दिनों की ट्रेनिंग पर महिला ड्राइवर जिप्सी चलाने के साथ-साथ जंगल सफारी के गुर भी सीखेंगी.

देश में पहला प्रयोग : दरअसल, राज्य सरकार ने महिलाओं को 'नेचर गाइड' बनाने का देश में पहला प्रयोग किया है. जिसके माध्यम से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं. कॉर्बेट के निदेशक राहुल कुमार ने कहा कि यह तो सिर्फ शुरूआत है. भविष्य में इन्हें 'नेचर गाइड' का निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा.

महिला ड्राइवर कराएंगी वन्यजीवों का दीदार.

कॉर्बेट प्रशासन करवा रहा ट्रेनिंग : कॉर्बेट में अगले पर्यटन सत्र के लिए 50 अतिरिक्त जिप्सियों का पंजीकरण किया गया है, जिनका संचालन महिलाओं द्वारा ही किया जाएगा. कॉर्बेट प्रशासन देहरादून में सरकारी ड्राइविंग प्रशिक्षण दिलाएगा. ड्राइविंग का अनुभव प्रमाण पत्र मिलने के बाद कॉर्बेट प्रशासन द्वारा वीर चंद्र गढ़वाली योजना के तहत ऋण में जिप्सी दिलाने में मदद की जाएगी.

स्वरोजगार की दिशा : महिलाओं के स्वरोजगार को लेकर राज्य सरकार तमाम योजनाएं चला रही है, जिसके जरिए महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देश पर कॉर्बेट नेशनल पार्क में महिलाओं को सफारी कराने के लिए ड्राइविंग के लिए ट्रेनिंग देने की शुरुआत की जा रही है.

गाइड भी महिलाएं ही रहेंगी : इसके अलावा गाइड के रूप में भी महिलाएं ही पर्यटकों को गाइड करती नजर आएंगी. इस कार्यक्रम के जरिए प्रदेश में महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की पहल की जा रही है, दरअसल इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को दिशा निर्देशित किया था, जिसमें वन मंत्री हरक सिंह रावत ने इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया.

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प्रदेश में कॉर्बेट नेशनल पार्क में अब सफारी कराने के लिए महिलाओं को ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके लिए 31 अगस्त से 21 दिन की ट्रेनिंग शुरू की जाएगी. ये महिलाएं न केवल कॉर्बेट नेशनल पार्क में आने वाले पर्यटको को सफारी कराएंगी, बल्कि गाइड के रूप में भी महिलाएं पर्यटकों को जानकारी देती हुई नजर आएंगी.

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