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गुजरात में 237 बच्चों से छिना मां-बाप का प्यार, सरकार से मिलेगी आर्थिक मदद

कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश पर कहर बरपा. हालांकि, कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार धीमी पड़ गई है. गुजरात के राजकोट जिले में 237 बच्चों ने कोविड-19 के कारण अपने माता या पिता, अथवा दोनों को खो दिया.

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Published : Jul 1, 2021, 4:06 PM IST

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अहमदाबाद : गुजरात के राजकोट जिले में कम से कम 237 बच्चों (237 children ) ने कोरोना वायरस जनित महामारी के कारण अपने माता, पिता या दोनों को खोया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. जिला बाल संरक्षण कार्यालय की ओर से बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि ज्यादातर लोगों की मौत कोविड-19 की दूसरी लहर में हुई.

विज्ञप्ति के अनुसार, सरकारी लाभ पाने के लिए प्रभावित बच्चों के आवेदन अब भी उन्हें मिल रहे हैं. जिन बच्चों के माता और पिता दोनों की मौत हो गई है उन्हें हाल में घोषित 'मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' (Mukhyamantri Bal Seva Yojana) के तहत 18 वर्ष का होने तक चार हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे.

यह भी पढ़ें- ड्रोन के खतरों से निपटने के लिए क्षमताएं विकसित कर रही भारतीय सेना : सेना प्रमुख

विज्ञप्ति में कहा गया कि 18 साल का होने के बाद यदि वे पढ़ाई जारी रखते हैं तो उन्हें 21 साल की आयु तक छह हजार रुपये प्रतिमाह की सहायता दी जाएगी. जिला बाल संरक्षण कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, राजकोट में 193 बच्चों के माता या पिता महामारी की भेंट चढ़ गए और 44 बच्चों के माता और पिता दोनों की मौत हो गई.

(पीटीआई भाषा)

अहमदाबाद : गुजरात के राजकोट जिले में कम से कम 237 बच्चों (237 children ) ने कोरोना वायरस जनित महामारी के कारण अपने माता, पिता या दोनों को खोया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. जिला बाल संरक्षण कार्यालय की ओर से बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि ज्यादातर लोगों की मौत कोविड-19 की दूसरी लहर में हुई.

विज्ञप्ति के अनुसार, सरकारी लाभ पाने के लिए प्रभावित बच्चों के आवेदन अब भी उन्हें मिल रहे हैं. जिन बच्चों के माता और पिता दोनों की मौत हो गई है उन्हें हाल में घोषित 'मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' (Mukhyamantri Bal Seva Yojana) के तहत 18 वर्ष का होने तक चार हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे.

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विज्ञप्ति में कहा गया कि 18 साल का होने के बाद यदि वे पढ़ाई जारी रखते हैं तो उन्हें 21 साल की आयु तक छह हजार रुपये प्रतिमाह की सहायता दी जाएगी. जिला बाल संरक्षण कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, राजकोट में 193 बच्चों के माता या पिता महामारी की भेंट चढ़ गए और 44 बच्चों के माता और पिता दोनों की मौत हो गई.

(पीटीआई भाषा)

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