नई दिल्ली: केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा 2009 में मेगा फूड पार्क योजना की शुरुआत की गई थी. देश भर में कुल 42 मेगा फूड पार्क स्वीकृत किए गए. जिसमें अभी 22 परिचालन में हैं. महाराष्ट्र, असम, पंजाब, ओडिशा, उत्तराखंड, राजस्थान, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों में फूड पार्क चालू है. अन्य फूड पार्कों को केंद्र सरकार सुचारु रुप से चालू करने की कोशिश में लगी हुई है.
25,000 किसानों को 1 पार्क से फायदा
औसतन 1 फूड पार्क के जरिए करीब पांच हजार लोगों को रोजगार मिलता है. इससे 25,000 के आस पास किसान लाभान्वित होते हैं. मेगा फूड पार्क योजना का उद्देश्य किसानों के जल्द खराब हो जाने वाले खाद्य पदार्थों की बर्बादी को कम करना और उनकी उपज को उचित मूल्य दिया जाना है. ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो. इस योजना का मकसद कृषि उपज का खाद्य प्रसंस्करण किया जाना, भंडारण की व्यवस्था के साथ खेत से लेकर बाजार तक बुनियाद ढांचा उपलब्ध कराना है. गौर करने वाली बात है कि फूड पार्क के लिए केंद्र सरकार 50 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता भी देती है.
CHHATTISGARH BIG NEWS: सीएम भूपेश बघेल ने इंडस बेस्ट मेगा फूड पार्क का किया शुभारंभ
किसानों की दोगुनी आय है मकसद
फूड पार्क केंद्र सरकार की एक व्यवस्था है जिसमें किसानों के तुरंत खराब होने वाले कृषि उपज को मशीनों के द्वारा प्रोसेस्ड कर रेडिमेड डिब्बाबंद फूड प्रोडक्ट तैयार किया जाता है. इस व्यवस्था में किसान, फैक्ट्रियों के मालिक व बाजार के छोटे-बड़े विक्रेता जुड़े होते हैं. खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय काम कर रहा है ताकि किसानों की आय दोगुनी हो. इसी के मद्देनजर 'प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग उन्नयन योजना' शुरू की गई. इस स्कीम पर 10,000 करोड़ से ज्यादा रुपए केंद्र सरकार खर्च करेगी. सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी तथा व्यावसायिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की गई है.