नई दिल्ली: तेलंगाना ने बड़े राज्यों की श्रेणी में स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2022 का पहला पुरस्कार जीता है. हरियाणा दूसरे और तमिलनाडु तीसरे स्थान पर रहा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुरस्कार प्रदान किये. यह पुरस्कार ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता की स्थिति के परिप्रेक्ष्य में दिया गया है. बड़े राज्यों (30 लाख से अधिक की आबादी) में, तेलंगाना ने पहले स्थान पर कब्जा किया है, उसके बाद दूसरे स्थान पर हरियाणा और तीसरे स्थान पर तमिलनाडु है.
छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (30 लाख से कम जनसंख्या) में, अंडमान और निकोबार ने पहला स्थान हासिल किया, उसके बाद दमन और दीव तथा दादर नगर हवेली ने दूसरा तथा सिक्किम ने तीसरा स्थान हासिल किया. इस अवसर पर मुर्मू ने स्वच्छ, स्वस्थ और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया.
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, 'जल जीवन मिशन की शुरुआत के समय, केवल 3.23 करोड़ ग्रामीण घरों में नल के पानी की आपूर्ति थी, जो तीन वर्षों में बढ़कर 10.27 करोड़ हो गई है. हाल के वर्षों में नल के पानी की पहुंच से जल-जनित बीमारियों में उल्लेखनीय कमी आई है. लेकिन हमारा लक्ष्य बहुत बड़ा है. हमें जल प्रबंधन और स्वच्छता के क्षेत्र में दुनिया के सामने एक मिसाल कायम करनी है.'
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राष्ट्रपति ने कहा कि 2014 में 'स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण' के शुभारंभ के बाद से 11 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया है और लगभग 60 करोड़ लोगों ने खुले में शौच करने की अपनी आदत को बदला है. मुर्मू ने कहा कि 'स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण' एक व्यवहार-परिवर्तन आंदोलन है. उन्होंने कहा, 'कोविड महामारी के दौरान सभी ने महसूस किया कि शौचालय, साबुन से हाथ धोने की आदत और नल के माध्यम से पानी की आपूर्ति ने इस आपदा में एक ढाल के रूप में काम किया है.'
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, 'खुले में शौच के खिलाफ सफलता हासिल करने के बाद अब हमें ठोस और तरल कचरा प्रबंधन जैसी जटिल और तकनीकी समस्याओं का समाधान करना होगा.' राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर रविवार को पुरस्कार दिए गए.