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कर्नाटक : अस्पताल गए बिना एक ही परिवार के 17 लोगों ने दी कोरोना को मात

देशभर में तेजी से पैर पसार रहे कोरोना संक्रमण के कारण आम लोग प्रतिदिन कई तरीके की आशंकाओं से भी घिर रहे हैं. हालांकि, इसी बीच कई ऐसी भी खबरें सामने आईं, जहां सकारात्मक सोच के साथ युवाओं समेत वयोवृद्ध लोगों ने कोरोना को मात दी है. सकारात्मकता की ऐसी ही एक नजीर कर्नाटक में सामने आई है, जहां संयुक्त परिवार के 17 लोगों ने अस्पताल गए बिना कोरोना संक्रमण को मात दे दी.

अस्पताल गए बिना एक ही परिवार के 17 लोगों ने दी कोरोना को मात
अस्पताल गए बिना एक ही परिवार के 17 लोगों ने दी कोरोना को मात
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Published : May 7, 2021, 10:35 PM IST

मैसुरु: कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी इंसान की शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से परीक्षा ले रहा है. हालांकि, सकारात्मक रहने पर इस महामारी से निजात भी मिल रही है. ऐसा ही कुछ हुआ मैसुरु के बडागलपुरा गांव में रहने वाले संयुक्त परिवार के 17 सदस्यों के साथ. इन सभी लोगों ने कोरोना जांच में पॉजिटिव पाए जाने के बावजूद अपना आत्मविश्वास डिगने नहीं दिया और पूरी तरह स्वस्थ हुए.

दरअसल, मैसुरु के सरगुरु तालुक के बडागलपुरा गांव में रहने वाले 17 लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया, तो शुरू में उन्हें भी डर लगा. हालांकि, इन लोगों के आत्मविश्वास ने उन्हें कोरोना से उबरने में मदद की.

लिंगराज गौदर (किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष बी नागेंद्र के भाई) पिछले महीने की 24 तारीख को कोरोना संक्रमित पाए गए. बाद में घर के 16 अन्य लोग भी कोरोना संक्रमित हो गए.

इसी बीच बेसिक कोविड प्रोटोकॉल के तहत सभी लोगों ने खुद को घर पर ही आइसोलेट (अलग-थलग हो जाना) कर लिया.

पढ़ें- कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र विकल्प

डॉ. अलीम पाशा रोजाना इनके घर जाते थे और उनका इलाज करते थे. इलाज के बाद जब सभी 17 कोरोना संक्रमितों की जांच की गई, तो इनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई.

ऐसे में इस परिवार के उदाहरण के आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि कोरोना से डरिए मत. अगर आप कोरोना संक्रमित हैं तो आत्मविश्वास के साथ इसका सामना करें. आप ठीक हो सकते हैं.

मैसुरु: कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी इंसान की शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से परीक्षा ले रहा है. हालांकि, सकारात्मक रहने पर इस महामारी से निजात भी मिल रही है. ऐसा ही कुछ हुआ मैसुरु के बडागलपुरा गांव में रहने वाले संयुक्त परिवार के 17 सदस्यों के साथ. इन सभी लोगों ने कोरोना जांच में पॉजिटिव पाए जाने के बावजूद अपना आत्मविश्वास डिगने नहीं दिया और पूरी तरह स्वस्थ हुए.

दरअसल, मैसुरु के सरगुरु तालुक के बडागलपुरा गांव में रहने वाले 17 लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया, तो शुरू में उन्हें भी डर लगा. हालांकि, इन लोगों के आत्मविश्वास ने उन्हें कोरोना से उबरने में मदद की.

लिंगराज गौदर (किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष बी नागेंद्र के भाई) पिछले महीने की 24 तारीख को कोरोना संक्रमित पाए गए. बाद में घर के 16 अन्य लोग भी कोरोना संक्रमित हो गए.

इसी बीच बेसिक कोविड प्रोटोकॉल के तहत सभी लोगों ने खुद को घर पर ही आइसोलेट (अलग-थलग हो जाना) कर लिया.

पढ़ें- कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र विकल्प

डॉ. अलीम पाशा रोजाना इनके घर जाते थे और उनका इलाज करते थे. इलाज के बाद जब सभी 17 कोरोना संक्रमितों की जांच की गई, तो इनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई.

ऐसे में इस परिवार के उदाहरण के आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि कोरोना से डरिए मत. अगर आप कोरोना संक्रमित हैं तो आत्मविश्वास के साथ इसका सामना करें. आप ठीक हो सकते हैं.

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